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काले जादू का तोड बचाव के उपाय

काले जादू से बचाव के उपाय

काले जादू का तोड बचाव के उपाय बचाव/इलाज : नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को ही सामान्य बोलचाल की भाषा में काला जादू कहा गया है। यह झटका देने वाले ठीक बिजली के करंट की तरह हो सकता है, या कोई मानवीय भूल हो सकती है, जो मनःस्थिति के उलझाव की वजह से उसके तर्क और तथ्य को नहीं समझा जा सका हो। इसे विविध सभ्यता और समुदाय के लोगों ने अपने-अपने अंदाज और समझ के अनुसार दैवीय या शैतानी रूप का भी नाम दिया है।
अथर्ववेद के अनुसार काला जादू उस ऊर्जा का रूपांतरण मात्र है, जो हमारे मन और मस्तिष्क में होता है। कुछ बाहरी बातें हम नहीं समझ पाते हैं या कुछ प्रश्न हमें उलझा देते हैं। आपने दैनिक कार्य के सिलसिले में अपने गंतव्य की ओर जाते समय मन को विचलित कर देने वाली या दैनिक उपयोग में नहीं आने वाली अनावश्यक वस्तुएं- जैसे खून, हड्डियां, खोपड़ी, कटे नींबू, लोहे की कीलंे आदि देखते हैं तब अचानक ही विविध आशंकाओं से घिर जाते हैं।
काले जादू का तोड बचाव के उपाय
काले जादू का तोड बचाव के उपाय
मन में तरह-तरह के अनहोनी के विचार आने लगते हैं। अचानक आप नकारात्मक भय से घिर जाते हैं। देखी गई चीजों के बारे मंे बार-बार सोचने पर आप क्षणभर के लिए आशंकित भी हो जाते कि किसी ने आपके विरूध काला जादू तो नहीं किया है। यही भय आपके दिमाग को जकड़ लेता है। मन में एक बार नकारात्मक विचार आए नहीं कि आप उसके इर्दगिर्द चक्कर काटने लगते हैं। मनोवैज्ञानिक प्रभाव की चपेट में आ जाते हैं। इसी नकारत्मकता से बचाव के लिए काले जादू से छुटकारा पाने के विविध उपाय किए जाते हैं, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक साधना की ओर ले जाते हैं और मन सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करने लगता है। आईए जानते हैं कुछ वैसे ही बचाव के साधनों और और तरीके के बारे में, जो हमें नकारात्मकता से सुरक्षा करते हैं।
सतर्कताः काले जादू से बचाव या इसकी चपेट में आने की आशंका को निर्मूल करना ही ठोस उपाय हो सकता है। यह आपकी उस सोच और खोज पर निर्भर करता है कि कौर व्यक्ति आपकी आकस्मिक समस्याओं का जिम्मेदार हो सकता है। हो सकता है उसकी नकारात्मक बातें आपके मनोविज्ञान को प्रभावित कर दी हो। यदि आपने उस व्यक्ति को तलाश लिया तो उससे बचाव के सिलसिले में खुद व खुद दूरी अवश्य बना लेंगे। ऐस व्यक्ति के बारे मंे आपकी जन्मकुंडली से पता चल सकता है।
भय बनाम मनोबलः यदि मन में जादू-टोने और भूत-प्रेत का भय है तो मनोबल को बढ़ाने वाली सतर्कता और तरीके अपनाने चाहिए। गोमेद और फिरोजा रत्नों से वैसे शत्रुओं से बच सकते हैं, जो आपके विरूद्ध षड्यंत्रकारी तरीके अपनाते हों। इसमें रुद्राक्ष भी काफी उपयोगी हो सकता है। मनोबल बढ़ाने में सहायक एक मंत्र है- ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः। इस मंत्र के नियमित जाप भय से मुक्ति मिलती है। इसके अतिरिक्त गायत्री मंत्र का स्पष्टता के साथ किया गया उच्चारण भी काले जादू के भय से मुक्त करता है।
 पूजा-पाठः ईश्वर और अराध्य देव या धर्मगुरु के प्रति गहरी आस्था के साथ विधि-विधान से किया गया पूजा-पाठ भी काले जादू की नाकारत्मकता से बचाता है। आशोक के सात पत्ते लें। उसे निकट के या घर के मंदिर में रखकर पूजा करें। उनके सूखने पर उन्हें पुराने पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। ऐसा लगातार सात दिनों तक करने से भूत-प्रेत की बाधा या काले जादू से मुक्ति मिल जाएगी। आपके घर पर भी काले जादू का साय हमेश के लिए हट जाएगा।
दानकर्मः भूत बाधा को दानकर्म से भी दूर किया जा सकता है। प्रतिदिन मंदिर में भगवान गणेश को एक साबुत सुपारी चढ़ाएं और किसी भिखारी को एक कटोरी चावल दान करें। ऐसा एक सप्ताह तक करने से काले जादू का असर निश्चित तौर पर खत्म हो जाएगा।
मन की शांतिः ध्यान, योग और मन की एकाग्रता काला जादू से मुक्ति दिलाने का एक अच्छा उपाय हो सकता है। इसके लिए मां काली की आराधना करें और अपने घर में उनके नाम पर प्रतिदिन सुबह-शाम अगरबत्ती या धूप जलाएं। इससे मन की शांति बढ़ेगी और आप इस सकारात्मक विचार से प्रेरित हो जाएंगे कि मैंने घर से बुरे प्रभाव वाली बाधा से दूर कर लिया और काले जादू से छुटकारा मिल गया।
मन का भयः काला जादू अगर आपके आंतरिक मन को भयभीत कर देता है तो उस भय को बाहर निकालने में तुलसीदास रचित हनुमान चालिसा का उच्च स्वर में किया गया पाठ एक कारगर उपाय हो सकता है। हनुमान चालिसा में भूत-प्रेत दूर भगने की बात स्पष्ट लिखी है। इसके लिए प्रत्येक मंगलवार हनुमान मंदिर में जाना चाहिए।
गोमूत्र की पवित्रताः पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गाय में अगर समस्त देवी-देवताओं का वास होता है तो गौमूत्र में पर्यावरण शुद्ध करने की क्षमता है। इसे पवित्र माना गया है। काले जादू से बचाने के लिए यदि घर में गौमूत्र का छिड़काव किया जाए तो इसका असर काफी सकारात्मक होता है। हालांकि थोड़ा गौमूत्र पीना भी सेहतकारी होता है।
काजलः सामान्यतः बुरी नजरों से बचाव करने वाला काजल कालू जादू से भी बाचाव करता है। इसके लिए दीपावली की रात को विशेष तौर पर बनाया गया काजल महत्वपूर्ण होता है।  सरसो या शुद्ध घी का दीपक जालाएं और उससे तैयार होने वाले काजल को लगाने से भूत-प्रेत का भय सदा के लिए मन से निकल जाता है।
धतुरे का पौधाः काले जादू से बचाव का एक साधारण उपाय धतुरे के पौधे का किया गया उपयोग हो सकता है। पुष्य नक्षत्र में धतूरे के पौधे को जड़ से उखाड़ लें। उसके बाद उसे उल्टा कर जमीन में दबा दें। अर्थात जड़ का भाग ऊपर रखें और पूरा पौधा जमीन में दबा़ दें।
ध्यानः जो व्यक्ति भूत-प्रेत के भय से आक्रांत होते हैं या तंत्र की समस्याओं से घिरे रहते हैं। वैसे लोगों के लिए विशेष तरीके से आसन पर बैठकर ध्यान करने का लाभ मिलता है। इसे ध्यानलिंग कहा गया है। इसके लिए व्यक्ति को पंद्रह अंश कोण आगे की ओर या पीछे की ओर पंद्रह अंश के कोण पर बठना होता है। इस आसन में बैठकर उन चीजों के बारे में ध्यान देने की जरूरत होती है, जिसका दिमाग पर ज्यादा असर होता है। ऐसा देखा गया है कि भूत-प्रेत बाधा से ग्रसित लोग तंत्र-विद्या के प्रभाव में होते हैं। ऐसे लोगों को उपाचार के तौर पर 15 डिग्री आगे या पीछे की झुककर बैठने की सलाह दी जाती है। इस विधि से उनके भीतर की नकारात्मकता बाहर निकल आती है।

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