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काला जादू की पहचान

काला जादू की पहचान – काला जादू क्या हैक्या वाकई में इसका कोई अस्तित्व हैक्या कोई किसी पर काला जादू करसकता हैजो इन सभी प्रश्नों का उत्तर हाँ है। यदि हम सकारात्मक उर्जा को स्वीकार करते हैंतो हमें नकारात्मक उर्जा कोभी स्वीकार करना होगा। अथर्ववेद में केवल नकारात्मक और सकारात्मक उर्जा का ही वर्णन किया गया है। परंतु देखा यहगया है कि अधिकांश मामलों मे मामला काले जादू का  हो कर मानसिक होता है। यदि मैंने ठान लिया कि मुझे आपकोजेहनी तौर पर बीमार या पागल करना हैतो इसके लिए मुझे किसी काले जादू का सहारा लेने की कोई आवश्यकता पड़ेगी हीनहीं। मान लें कि सुबह घर से बाहर पहला पैर निकालते ही आपको सुइयों से बिंधा हुआ नींबू और खून के कुछ छींटे अपनेदरवाजे पर देखने को मिलेंतो यह दृश्य ही आपके दिमाग़ पर इतना नकारात्मक असर डालेगा कि आन स्वयं को किसीअदृश्य शक्ति के बंधन में बंधा हुआ अनुभव करेंगे। जबकि असल में यह कोई काला जादू नहींकेवल आपके मन का एकवहम है। काला जादू के मामलों में केवल 1 प्रतिशत ही असल में सही होते हैंबाकि सब मन का वहम होता है।
काला जादू की पहचान
काला जादू की पहचान
काला जादू और हिंदू धर्म का संबंध कई युगों से चला  रहा है। इन्हे करने वालों को तांत्रिक या अघोरी बाबा कहा जाता है जोरात के दौरान विशेष पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में ये सबसे ज्यादा होता है।
आइए जानते हैं कि काला जादू के लक्षणों को कैसे पहचाना जाए –
अपनकी कुंडली में यदि नीचे दिए गए तीन योगों में से एक भी विद्यमान हैतो समझ लीजिए कि आप प्रेतबाधा या कालेजादू से पीड़ित हैं
पहला योगकुण्डली के प्रथम भाव में चन्द्र के साथ राहु हो और पांचवे और नौवें भाव में कोई क्रूर ग्रह मौजूद हो। इस योग केहोने पर उस व्यक्ति पर भूतप्रेतपिशाच या गन्दी आत्माओं का प्रकोप होने का खतरा अधिक होता है। यदि गोचर में भीयही स्थिति हो तो अवश्य ऊपरी बाधाएं तंग करती हैं।
दूसरा योगयदि किसी कुण्डली में शनिराहुकेतु या मंगल में से कोई भी ग्रह सप्तम भाव में हो तो ऐसे व्यक्तियों को भीभूतप्रेत बाधा या पिशाच या ऊपरी हवा आदि अधिक संकट में डालते है।
तीसरा योगयदि किसी की कुण्डली में शनिमंगलराहु की युति हो तो उसे भी ऊपरी बाधाप्रेतपिशाच या भूत बाधा तंगकरती है। इन योगों में दशाअर्न्तदशा में भी ये ग्रह आते हों और गोचर में भी इन योगों की उपस्थिति हो तो यह मान लेनाचाहिए कि व्यक्ति इस कष्ट से बहुत ही परेशान है।
ज्योतिष के अनुसार राहु की महादशा में चंद्र की अंतर्दशा हो और चंद्र दशापति राहु से भाव 6, 8 या 12 में बलहीन होतोव्यक्ति पिशाच दोष से होता है। वास्तुशास्त्र में भी उल्लेख है कि पूर्वा भाद्रपदउत्तरा भाद्रपदज्येष्ठाअनुराधास्वाति याभरणी नक्षत्र में शनि के उपस्थित होने से शनिवार को गृहनिर्माण आरंभ नहीं करना चाहिएअन्यथा वह घर राक्षसोंभूतोंऔर पिशाचों से ग्रस्त हो जाएगा।
काले जादू से पीड़ित व्यक्ति की पहचान –
काले जादू से पीड़ित व्यक्ति की पहचान उसके स्वभाव एवं कार्यों में आए परिवर्तन से होती है। इन  आसुरी शक्तियों से पीड़ितहोने पर लोगों के स्वभाव एवं कार्यकलापों में इस प्रकार के बदलाव आते हैं –
काले जादू के लक्षण
  1. बिना किसी रोग यदि आपका पूरा शरीर पीड़ा कर रहा है या शरीर में किसी भी प्रकार की कोई पीड़ा हैतो ये भी कालाजादू का एक लक्षण है 
  2. यदि आपको  आपके पूरे शरीर में आग का अनुभव हो रहा है और उसके कारण आपका पूरा शरीर तप रहा है।
  3. यदि आपका ह्रदय अस्वाभाविक गति से धड़क रहा है और आपको लग रहा है कि आपको संास लेने में दिक्कत होरही है लगातार आपकी छाती में दर्द हैतो ये भी एक लक्षण हो सकता है 
  4. आपके मुह का रंग पीला पड़ना ये भी एक कारण है कि जितना शक्तिशाली जादू होगा आपके मुह का रंग भी उतना हीपीला पड़ता जायेगा।
  5. सुख का अनुभव नहीं होगा अगर आपके पास भरपूर सुख है और फिर भी आप दुखी हैं और आपको किसी भी प्रकार काकोई भी सुख आनंद नहीं दे रहा।
  6. बार बार भूख लगना आप जो भी खाएँ वो जल्दी ही हजम हो जाये जिसके कारण आपको बारबार भूख लगे।
  7. सतत बीमारी का होना और सभी उपचार असफल रहना।
  8. लगातार चिंताआत्महत्या की प्रवृत्ति,घर और परिवार से स्थानांतरित होने की इच्छा.
  9. परिवार के किसी भी सदस्य की सतत बीमारी.
  10. किसी भी शारीरिक कमी के बिना या किसी भी चिकित्सा कारण के बिना बाँझपन,.
  11. गर्भपात या बच्चों की मौत.परिवार में अचानक अस्वाभाविक मौत
  12. जीवन साथी या परिवार के बीच कलह दुश्मनों का भय

नीचे कुछ उपयोगी  सरल उपाय दिए गए हैं जिन्हें करने से आप खुद को  अपने परिवार  शुभचिंतको को इस बुरी शक्तिके प्रभाव से बचा सकते हैं –
गोमूत्र – काले जादू से बचने के लिए आपको अपने घर में गोमूत्र का छिड़काव करना होगा अगर शास्त्रो में देखा जाये तो उसमेभी गोमूत्र को पवित्र माना जाता है। गोमूत्र में पर्यावरण को सुध करने की शक्ति होती है। ऐसा भी माना जाता है। की गाये मेंसभी देवी देवताओ का वास होता है। इससे पर्याप्त होने वाली हर चीज बहुत ही पवित्र होती है अगर हो सके तो थोड़ा थोड़ागोमूत्र पिने से भी लाभ पर्याप्त होता है।
  1.  आप दिवाली के दिन सरसो का तेल लेकर या फिर आप शुद्ध घी भी ले सकते है फिर किसी दिए में तेल डालकर उसकोजलाकर उसका काजल बना ले इस काजल को लगाने से भी भूतप्रेत और काले जादू से आप बच सकते है।  
  2.  हनुमान चालीसा हमे हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहियें और हो सके तो हर मंगलवार को मंदिर में भीजाना चाहिए। आपने ऐसा सुना भी होगा की हनुमान से भूत प्रेत सब दूर भागते है। ऐसा करने से आप बुरी नजरो सेबच सकते है।   
  3. काले जादू को दूर करने का एक और तरीका आप पुष्प नक्षत्र में चिड़चिटे अथवा धतूरे का पौधा जड़सहित उखाड़ करउसे धरती में ऐसा दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती में समा जाएं। इस उपाय से घर में काले जादू का असर खत्म हो जायगा।  
  4. माँ काली की आराधना करना भी काले जादू से बचने का एक अच्छा उपाए है माँ काली के नाम से आप प्रतिदिन दोअगरबत्ती सुबह और शाम को लगाये और उनसे अपने घर को बुरे प्रभाव और अपने मन की शांति के लिए प्रार्थनाकरें।

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