सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

हत्था जोड़ी से वशीकरण मंत्र कर अपने प्यार को वश में करे

हत्था जोड़ी से वशीकरण मंत्र कर अपने प्यार को वश में करे

हत्था जोड़ी का प्रयोग कर अपने प्यार को वश में करे इसके लिए आपके नाम का अनुष्ठान हमारे तांत्रिक गुरु जी द्वारा किया जायेगा| क्योंकि ये एक सिद्ध तांत्रिक गुरु के द्वारा ही सफल की जा सकती है अनयथा इसका बुरा असर भी पड़ सकता है| हत्था जोड़ी से जुड़े वशीकरण मंत्र, जादू-टोटकों व पूजा विधि के बारे मे जानने से पहले जरूरी है की हम आपको ये बताए की हत्था जोड़ी आखिर है क्या!! तो हत्था जोड़ी एक जंगली पौधे की जड़ होती है। जिसका आम तौर पर बहुत से लोग मुकदमा जीतने,  शत्रु पर विजय पाने व घर मे दरिद्रता को दूर करने आदि काम के लिए इस्तेमाल करते है। इसके अलावा भी कई और सामस्यों के निवारण के लिए लोग हत्था जोड़ी का इस्तेमाल करते है। साथ ही माना गया है की ये चामुंडा देवी का प्रतिरूप है और इस वजह से ये जिसके पास भी होता है, उसको इसकी अद्भुत शक्ति का लाभ मिलता है।
हत्था जोड़ी से वशीकरण मंत्र
हत्था जोड़ी से वशीकरण मंत्र
हत्था जोड़ी की पहचान: तो अब हम आपको इस हत्था जोड़ी से जुड़े लाभ के बारे मे बताते है। आज बहुत से लोग धन-लक्ष्मी से जुड़ी समस्या से परेशान है, काफी मेहनत करने के बाद भी धन कमाने व उसको बचाकर रख पाने की समस्या बनी रहती है। जितना धन इंसान कमाता है, वो पूरा खतम हो जाता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान है की धन रुकता तो नहीं तो आप किसी भी शनिवार या मंगलवार के दिन हत्था जोड़ी को घर लाये और उसे लाल रंग के कपड़े मे बांधकर किसी घर मे कही सुरक्षित जगह रख दे। आपकी धन संबंधी समस्या हल होने लगेगी। धन से संबंधी ही एक और अन्य उपाय ये कर सकते है कि होली के दिन से पहले आप इस हत्था जोड़ी की जड़ को लेकर उसे पानी से साफ करे, फिर पूजा कर लेने के बाद तिल्ली के तेल मे डाल दे। अब 2 हफ्ते बाद उसे निकालकर गायत्री मंत्र से पूजन कर ले और उसे एक चाँदी की डिब्बी मे रख दे। इसके साथ डिब्बी मे तुलसी और इलायची भी रख दे। साथ ही आपको “ॐ किलि किलि स्वाहा” मंत्र का जप भी करना होगा। इससे आप अपने घर मे धन समस्या को दूर कर सकेंगे।
हत्था जोड़ी सिद्ध कैसे करें: एक अन्य मंत्र ये भी है: ज्ञानिनामपि चेतांसि, देवी भगवती ही सा।बलादाकृष्य मोहाय, महामाया प्रयच्छति ध्यान दे की इस मंत्र साधना विधि का प्रयोग आप दुर्गा सप्तशती के दिन करे। आप 11,250 बार बताए मंत्र का जप करे, जिसका प्रभाव आप खुद देख सकेंगे। साधना के दौरान आप लाल रंग का प्रयोग ही करे। हत्था जोड़ी से जुड़ी इस साधना से पहले आप देवी भगवती त्रिपुर सुन्दरी माता का सच्चे मन से ध्यान करें। इसके बाद पूरी श्रृद्धा भाव से पंचोपचार से पूजा कर देवी मां के सामने अपनी मनोकामना रखे।
बहुत से लोग ऐसे होते है जिनहे नहीं पता होता की हत्था जोड़ी को कैसे सिद्ध किया जाये। तो इसके लिए एक विधि ये है कि आप महाशिवरात्रि या फिर होली दहन की रात से पहले पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके, एक लाल रंग के आसन पर बैठे और फिर सामने एक चौकी पर भी लाल रंग का ही वस्त्र बिछा दे और अब उसके ऊपर 250  ग्राम अक्षत की ढेरी बना दे, फिर उसी के ऊपर चाँदी की डिब्बी और हत्था जोड़ी रख दे साथ ही माँ लक्ष्मी का फोटो या प्रतिमा भी रख दे। इसके साथ आप ताम्र लोटे में जल भरकर वही पास में रख दे। इसके उपरांत आप गणेश  गुरु पूजन कर ले और बाद मे उस हत्था जोड़ी कि गंध, अक्षत व लाल पुष्प से पूजा करले। इन सबके बाद आप बताए गए मंत्र का लाल चन्दन की माला से एक माला जप करे मंत्र।
हत्था जोड़ी वशीकरण मंत्र : “हत्थाजोड़ी अति महिमाधरी कामणगारी , खरी प्यारी , राज-प्रजा सब मोहनगारी सेवतफल पावे सब नरनारी , केसर कर्पूर से करू मैं पूजा, दुश्मन के बल को तू दे बुझा , मनइश्चित मांगू जो देवे , कहना कथन ही मेरा रखे , हत्थाजोड़ी मातु दुहाई , रखजे मेरी बात सवाई , मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वर वाचा ”।
हत्था जोड़ी तंत्र/मंत्र/प्रयोग/पूजा विधि: जप हो जाये तब माँ लक्ष्मी की आरती करे और प्रसाद खा ले। ध्यान दे की दीपक के ठंडा होने के बाद आप पुष्प, केसर और लौंग के साथ डिबिया को एक लाल वस्त्र मे बाँधकर घर मे किसी सुरक्षित जगह रख दे। आखिरी मे आप लाल वस्त्र के साथ अक्षत को उठा ले, जिसे चौकी पर बिछाया था। ब्राह्मण को दान देना न भूले। इस प्रकार आप हत्था जोड़ी अभिमंत्रित करके सिद्ध कर सकेंगे।
ऊपर तो हमने आपको इस हत्था जोड़ी से जुड़े कुछ तंत्र-मंत्र साधना विधि बताई, पर क्या आप जानते है की हत्थाजोडी का चूर्ण पीलिया जैसी बीमारी मे काफी मददगार होता है। इसके चूर्ण को शहद के साथ मिलकर रोगी को चटाना चाहिए और फिर उसे छाडेर से ओढ़ा  देना चाहिए जिससे की उस पीलिया के रोगी को पसीना आए। पसीना आने के बाद तौलिया से उसे साफ़ कर दे। आप देखेंगे की किस तरह फिर वो रोगी ठीक हो जाता है। यही नहीं अगर आप हत्था जोडी को सिन्दूर के साथ लगाकर अपने दाहिने हाथ पर बांधते है तो आप किसी को भी अपने वश मे कर सकते है।
तो देखा आप किस तरह ये हत्था जोड़ी आपके कितना काम आती है। ये होती एक वनस्पति है पर सकबो इसके बारे मे नहीं पता होता। बता दे की एक खास तरह के पौधे की जड़  खोदने से ये हत्था जोड़ी उसमे से मिलती है, जोकि मानव भुजा जैसी 2 शाखाओ मे दिखाई पड़ती है। ये देखने मे ऐसा लगता है जैसे किसी इंसान की मुट्ठी बंद है। तो अगर ये आपके पास है तो यकीनन आप ऊपर बताए उपायों को अपनाकर लाभ प्राप्त कर सकते हो और अपने जीवन मे  आने वाली अनेक परेशानियों को दूर करके एक सुखी जीवन बना सकते हो।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्तंभन तंत्र प्रयोग:

स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1....

गुप्त नवरात्रि के दिनों में तांत्रिक साधना

 जाने कैसे किये जाते है गुप्त नवरात्रि के दिनों में तांत्रिक साधना जिससे कोई भी किसी भी कार्य को सफल बना सकता है| अधिकतर लोग वर्ष में आने वाली चैत्र नवरात्रा और आश्विन या शारदीय, दो ही नवरात्रों के बारे में जानते हैं। लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके अतिरिक्त और भी दो नवरात्रा होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रा कहा जाता है। इन दिनों देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है तथा विभिन्न साधनाए भी उन्हें प्रसन्न करने के लिए की जाती है। तंत्र साधना के अनुसार गुप्त नवरात्रा में अपनाए गए प्रयोग विशेष फलदायक होते हैं और उनका फल भी जल्दी ही प्राप्त किया जा सकता है। जैसा कि गुप्त शब्द से ही विदित होता है कि यह नवरात्रा गुप्त होती है, अतः इस समय किए गए सभी उपाय भी गुप्त ही होने चाहिए।गुप्त एंव काली शक्तियों को प्राप्त करने हेतु यह श्रेष्ठ समय है और इस समय के सदुपयोग के लिए आपके लिए पेश है गुप्त नवरात्रि के तांत्रिक उपाय टोटके–१) तंत्र-मंत्र आरम्भ करने के पहले आप एक कलश की स्थापना करे मां देवी का नाम लेते हुए। देवी मां की मूर्ति को सिंदूर चढ़ाएं, धूप दीप करे, लाल फूल अ...

बगलामुखी शत्रु विनाशक मारण मंत्र

शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १)  “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और ...