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गोरखनाथ वशीकरण मंत्र साधना

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र साधना

कोई भी साधक गुरु गोरखनाथ वशीकरण मंत्र साधना का प्रयोग आपने जीवन को सफल बनाने के लिए कर सकता है | वशीकरण अर्थात किसी को अपने वश में कर लेना या उसे अपनी ओर सम्मोहित करने में सफल होना कहलाता है। इसके लिए विभिन्न तंत्रिकों, वैदिक अनुष्ठानें और ज्योतिषीय विश्लेषकों द्वारा अनगिनत अचूक उपाय बताए गए हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण और चमत्कारी उपाय तंत्र विद्या में मिलते हैं। यह भारत की अति प्रचीन विद्या है। ऐसी मान्यता है कि इससे संबंधित ग्रंथों में भगवान शिव के मुख ने निकले मंत्रों को शामिल किया गया है। बताते हैं कि ये मंत्र जितना तीब्र प्रभाव वाले होते हैं, उतने ही इस्तेमाल करने वालों के लिए जोखिम वाले भी हैं। विभिन्न काल में इसकी साधना करने वाले तांत्रिकों ने कई विधियां और सकारात्मक उपाय बताने के साथ-साथ आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इस कारण उसे उन्हीं के नाम से जाना जाता है। गोरखनाथ वशीकरण भी वैसा ही है।
गोरखनाथ वशीकरण मंत्र साधना
गोरखनाथ वशीकरण मंत्र साधना
गुरु गोरखनाथ कौन हैं?
नाथपंथियों में गुरू गोरखनाथ योगी, अवधूत, औघड़ और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं। एक मान्यता के अनुसार गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों के प्रमुख थे। इनको गोरक्षानाथ भी कहा गया है। उनके कुछ खास मंत्र हैं, जिनसे वशीकरण की सिद्धि के साथ उपाय किए जाते हैं। इसे सिद्ध शाबर मंत्र भी कहा जाता हैं। उल्लेखनीय है कि नाथपंथ में भगवान शिव के आदिनाथ और माता पार्वती को उदयनाथ कहा गया है। भगवान शिव ने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों का प्रदान की, जो बाद में मत्स्येंद्रनाथ से होते हुए उनके बाद के गुरु गोरखनाथ तक पहुंची। उन्होंने इस परंपरा को आगे बढ़ते हुए अमूल्य सिद्धियां के बाद सैंकड़ों शाबर मंत्रों की रचना कीं।
गुरु गोरखनाथ का शाबर मंत्र किसी भी तरह के वशिकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि वशीकरण की साधना या दूसरे उपायों से पहले गुरु गोरखनाथ को प्रसन्न करने के साथ-साथ नीच दिए गए मंत्र को 21 दिनों तक जाप से प्रभावी बनाया जाता है। वह मंत्र इस प्रकार हैः-
सत नमो आदेश! गुरुजी को आदेश!!
ऊँ गुरूजी!
डार शाबर बर्भर जागेजागे अढ़ैया और बराट
मेरा जगाया न जाग,
 तो तेरा नरक कुंड मं वास!
दुहाई शाबरी माई की!
दुहाई शाबरनाथ की!
आदेश गुरु गोरख की!!
इस मंत्र को जागृत करने के लिए अपनाई गई सामान्य विधि के अनुसार प्रतिदिन गोबर के कंडे या उपले सुलगाए जाते हैं। उसपर गुगल डालते हुए मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है। मंत्र के जाप के दौरान पूरे समय तक उपले की आग जलती रहनी चाहिए। इस विधि को कुल 21 दिनों तक किया जाना चाहिए।
गोरखनाथ वशीकरण मंत्र
नीचे दिए गए मंत्र के तांत्रिक द्वारा किए गए उपाय से किसी को भी वशीभूत किया जा सकता है। वैसे यह मंत्र स्त्री वशीकरण के लिए ज्यादा उपयोगी मना गया है। मंत्र में अमुक1 के स्थान पर वशिकरण करने वाले और अमुक2 की जगह पर वशीभूत किए जाने वाले का नाम लिया जाता है।
ओम एक नमक रमता मातादूसरा नमक विरह से आता।
तीसरा नमक औरी-बौरीचैथा नमक रहै कर जौरी।
यह नमक अमुक 1 खाएअमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।
दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने। जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की। दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।
जीवनसाथी का वशीकरणः होने वाले विवाह में यह आवश्यक होता है कि जीवनसाथी का वशीकरण बना  रहे। इसके लिए पान के पत्ते की जड़ अर्थात डंठल को घिसकर तिलक लगाने से रिश्ते में मिठास आ जाती है और जीवनसाथी सम्मोहित हो जाता है। प्रेमियों के लिए यह उपाय बहुत ही करगर साबित हो सकता है।
पति वशीकरणः बिगड़े हुए पति या कहें दूसरी स्त्री के चक्कर में रहने वाले पति को निम्न मंत्र से सही रास्ते पर लाया जा सकता है। वह मंत्र हैः-ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!  इसके अतिरिक्त पुरुष का वशीकरण इस मंत्र निम्न मंत्र से भी किया जा सकता है।
मंत्रः ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!
सभी का वशीकरणः यदि आप चाहते हैं कि सभी कोई आपके वश में रहे, या कहें कि हर कोई आपकी बातों को महत्व दं और आपकी उपेक्षा करने के बारे में विचार नहीं लाए, तो इसके लिए विधि-विधान के साथ त्रैलोक्य वशीकरण मंत्र का 108 बार जाप करने से लाभ मिलता है। इस मंत्र से समूहिक वशीकरण किया जा सकता है।
मंत्रः ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!
अन्य मंत्रः गोरखनाथ के अन्य सिद्ध मंत्र हैंः-
  • ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार, तहां वज्र का लग्या किवाड़ा, वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे, जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए, हाथ कूं, नाक कूं, सिर कूं, पीठ कूं, कमर कूं, छाती कूं जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!
इसके उपयोग से वशीकरण के प्रभाव को खत्म किया जाता है।  सात कुएं या नदी से सात बार पानी लाकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए वशीभूत व्यक्ति को स्नान करवाने से वह सामान्य स्थिति मंे आ जाता है। यह उपाय रोगों से छुटकारा दिलवाने के लिए भी किया जाता है।
  • सबसे शक्तिशाली गोरखनाथ मंत्रः ओम नमो महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे… ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों देवतन मेरी भक्ति गुरु की … शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!
इस मंत्र का जाप रात में करने के शुभ परिणाम आते हैं। इसके जाप की संख्या 31 होनी चाहिए। इसकी साधना के लिए कोई विशिष्ट शर्त नहीं है।
 विशेषः
  • रोजमर्रे की जिंदगी में आनेवाली सभी तरह की समस्याओं के निदान गुरु गोरखनाथ के शाबर मंत्र से सकारात्मक उद्देश्य के लिए किए जाने चाहिए, न किसी को नुकसान पहुंचाने लिए किए जाए।
  • इन मंत्रों की खास बात यह है कि इन्हें किसी भी प्रकार से सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती है, ये पहले से ही सिद्ध होते हैं। इसके लिए व्रत, तर्पण, हवन, पूजन आदि की विशेष जरूरत नहीं होती है।
  • इन मंत्रों की मदद से किसी भी प्रकार की समस्या का निदान सहजता से किया जा सकता है, या फिर किसी के मंत्र प्रयोग के असर को खत्म किया जा सकता है।
  • गुरु गोरखनाथ के मंत्रों को कोई भी व्यक्ति, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, या फिर युवा व वृद्ध, उपयोग कर सकते हैं।
  • इनके अधिकतर मंत्रों की साधना के लिए किसी गुरु की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन षट्कर्म की साधान के लिए सिद्ध गुरु का सानिध्य या मार्गदर्शन जरूरी होता है।
  • मंत्र का जाप लाल या सफेद आसन पर किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त विशेष बात यह है कि मंत्र का जाप पूरी तरह से गुरु गोरखनाथ के प्रति श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए।

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