आप प्रेमी को पाने के उपाय प्राप्त करना चाहते है या प्रेमी का खोया प्यार पाने के उपाय ? प्यार चाहे पति-पति के बीच का हो, या प्रेम-प्रेमिका के दिल में पनपा हुआ। इसे सदा के लिए कायम रखना कोई सहज खेल नहीं है। प्रेम की सच्चाई और प्रगाढ़ता जीवन में कई बातों पर निर्भर करती है, जिसे परिस्थितियों के माहौल के अनुरूप सहेजना-संभालना पड़ता है। इसके लिए किए जाने वाले सरल नुस्खों के अतिरक्ति तंत्र, मंत्र, टोने-टोटके और ज्योतिषीय उपायों के हो सकते हैं।कई बार प्रेमियों के बीच अनबन हो जाती है या उनको लगता है कि उनके प्रेम में फीकापन आ गया है, या फिर प्रिय का किसी और के साथ मधुरता बन गई है। इसे ध्यान में रखते हुए आवश्यक है कि प्रेम की डोर कभी कमजोर नहीं होने पाए, लेकिन कैसे? इसे समझने के लिए आईए जानते हैं कुछ तांत्रिक, वैदिक और टोटके के उपायों के बारे में, जो प्रेम की अनुभूति को बढ़ा देगा।
स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1....
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