सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

शाबर मंत्र द्वारा बनाये यह रक्षा सूत्र | अभिमंत्रित काला धागा बनाने का सरल उपाय |

अब आप हर प्रकार की नकारात्मक शक्ति से स्वयं की रक्षा करने के लिए व अपने परिजनों की रक्षा करने के लिए सिद्ध शाबर मंत्र के प्रयोग से काला धागा घर पर ही बना सकते है | आपने देखा भी होगा धार्मिक आस्था रखने वाले व्यक्ति अपने गले में या बाजु पर परा शक्तियों से खुद की व अपने परिवार की रक्षा हेतु काला धागा धारण करते है | ये काला धागा वे किसी सिद्ध स्थान से या फिर किसी सिद्ध पुरुष के आशीर्वाद से धारण करते है | यह काला धागा उन्हें नजर के दोष , बुरी शक्तियों के प्रभाव से उनकी रक्षा करता हैयहाँ हम आपको सिद्ध शाबर मंत्र द्वारा काले धागे को धारण करने की विधि के विषय में जानकारी देने वाले है | सभी सिद्ध शाबर मंत्र स्वयं में सिद्ध होने कारण बहुत ही प्रभावशाली होते है और इनका प्रयोग विफल नहीं होता |

सिद्ध शाबर मंत्र :-

आय तुल कुरसी , विच फुरआन |
आगे पीछे तू रहमान |
लाइल्लाह का कोट , इल्ललाह की खाई |
मोहम्मद रसूलिल्लाह की दुहाई |
नजर को बाँधूं |
भूत को बाँधूं |
योगिनी डेरा सब बला को बाँधूं |
ब हक्क या  बुददुह  |
मदद मेरे पीर की |
शब्द साँचा |
पिण्ड काँचा |
फुरे मंत्र इश्वरो वाचा |

अभिमंत्रित काला धागा बनाने की विधि

पूजा के स्थान पर बैठकर दीपक जलाये अब एक काला धागा लेकर उसके ऊपर सात गाँठे लगायें | प्रत्येक गाँठ को लगाते समय उपरोक्त शाबर मन्र का जाप करें और फूँक मारें | इस प्रकार 7 बार इस मंत्र का जाप करें | अब इस काले धागे को दीपक की लौं पर 21 बार घुमाये और गले में धारण कर ले या परिवार के अन्य सदस्य को धारण करा दे |
इस प्रकार शाबर मंत्र द्वारा अभिमंत्रितकिया गया यह काला धागा आपको हर प्रकार की ऊपरी बाधाओं और पीडाओं को दूर करता है | यह धागा हर प्रकार से इसे धारण करने वाले की रक्षा करता है |

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्तंभन तंत्र प्रयोग:

स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1....

गुप्त नवरात्रि के दिनों में तांत्रिक साधना

 जाने कैसे किये जाते है गुप्त नवरात्रि के दिनों में तांत्रिक साधना जिससे कोई भी किसी भी कार्य को सफल बना सकता है| अधिकतर लोग वर्ष में आने वाली चैत्र नवरात्रा और आश्विन या शारदीय, दो ही नवरात्रों के बारे में जानते हैं। लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके अतिरिक्त और भी दो नवरात्रा होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रा कहा जाता है। इन दिनों देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है तथा विभिन्न साधनाए भी उन्हें प्रसन्न करने के लिए की जाती है। तंत्र साधना के अनुसार गुप्त नवरात्रा में अपनाए गए प्रयोग विशेष फलदायक होते हैं और उनका फल भी जल्दी ही प्राप्त किया जा सकता है। जैसा कि गुप्त शब्द से ही विदित होता है कि यह नवरात्रा गुप्त होती है, अतः इस समय किए गए सभी उपाय भी गुप्त ही होने चाहिए।गुप्त एंव काली शक्तियों को प्राप्त करने हेतु यह श्रेष्ठ समय है और इस समय के सदुपयोग के लिए आपके लिए पेश है गुप्त नवरात्रि के तांत्रिक उपाय टोटके–१) तंत्र-मंत्र आरम्भ करने के पहले आप एक कलश की स्थापना करे मां देवी का नाम लेते हुए। देवी मां की मूर्ति को सिंदूर चढ़ाएं, धूप दीप करे, लाल फूल अ...

बगलामुखी शत्रु विनाशक मारण मंत्र

शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १)  “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और ...