अपने दुश्मन को तबाह व बर्बाद करने के लिए यहा हम एक इस पर करे अपने दुश्मन को नुकसान पहुँचाया जा सकता है।
इस नक्श को दिन मे ३१ बार लिखा जाए। नक्श की पुश्त पर दुश्मन उसके माँ बाप सहित लिखे और दोपहर के समय एकांत मे बैठकर उन सब naksh को tez aag मे जला दे और सूर इन्ना आतयना कल कवसर ( पारा अम्म की एक छोटी सूर देखे हिन्दी क़ुरआन ) पड़ता जाय और शबद अब्तर की जगह तीन बार कहे की हुवल अब्तर हुवल अब्तर।
३ दिन के बाद दुश्मन के शरीर पर आबले पड जाए और वह तबाहा व बर्बाद हो जायेगा।
अपने दुश्मन को चोट देने के लिए इस अमल को करे। नमक की सात ककरिया लेकर दोनों के नाम उनकी माँ के नाम सहित यह आयत हर ककरी पर सात सात बार पड कर दम करे और आग मै डाले दोनों में दुश्मनी हो जाएगी। यह अमल शनिवार या सोमवार करना चाहिए। आयत यह है।
व जअलना मीम्बयनी अयदीहिम सददव व मीन खलफिहिम सददन फ़ अगशयनाहूम फ़हुम ला युबसिरुंन
इतवार के दिन कव्वे के बाजु का पर और गीदड़ की दुम लाकर दोनों को गोकुल की धुनि दे और इन्हें दुश्मन की चारपाई पर रख दे वह इस पर सोते ही पागल हो जायेगा।
इतवार या मंगल के दिल घुघु का सर लाय और इसे बारीक़ पीस कर दुश्मन के माथे पर डाल दे उसका दिल बेचैन हो जायेगा और वह दर्द के मरे तड़पता रहेगा।
पीर या मंगल के दिन मरघट पर जा कर रात के समय वहा की राख उठा कर लाए और इस रात मे राई या मदार कि लकड़ी का कोयला ताज़ा बना हुआ पीस कर मिला ले दुश्मन बीमार होगा। इसके बाद इस राख पर ये मंतर पड़ कर हवा मई उड़ा दे।
******** ऊमोकर बिन हन स्वाह *********
दुश्मन की तबाही के लिए एक छछून्दर मार कर उसकी खाल उतारे और दुश्मन ने जिस जगह पेशाब किया हो वहा मिटी खाल मै भर कर उसका मुह सी दे अब उसे किसी ऊँची जगह लटका दे. इस अमल से आपके दुश्मन का पेशाब बंद हो जायेगा। यदि खाल मई से मिटी निकल दी जाए तो पेशाब आना शुरू हो जायेगा मानव अस्थियों का चूरा पान में रखकर जिसको खिलाया जाए वह मृत्यु को प्राप्त होता है |इसी तरह सर्प की हड्डी का चूरा जिसके शरीर पर डाला जाता है वह भी जीवित नहीं रहता |
२. मंगलवार को भरनी नक्षत्र में चिता की लकड़ी लाकर किसी के प्रवेश द्वार पर दबा देने से एक मास में ही उस घर के मुखिया की मृत्यु हो जाती है |
३. काले नाग की चर्बी से बत्ती बनाकर ,धतूरे के बीजों का तेल निकालकर उसे मानव कपाल में भरकर काजल बनाएं |फिर उसमे चिता की राख व पांच किस्म के नमक को पीसकर मिलाएं |इसप्रकार तैयार योग शत्रु पर डाल देने से उसकी शीघ्र ही मृत्यु हो जाती है |
४. बिच्छु मादा व उल्लू के मांस का चूरा शत्रु पर डाल देने से वह मृत्यु को प्राप्त होता है
५. गिरगिट की चर्बी के तेल की एक बूँद भी जिस किसी के शरीर पर डाल दी जाए तो उसकी मृत्यु निश्चित होती है |
इतवार या मंगल के दिल घुघु का सर लाय और इसे बारीक़ पीस कर दुश्मन के माथे पर डाल दे उसका दिल बेचैन हो जायेगा और वह दर्द के मरे तड़पता रहेगा।
पीर या मंगल के दिन मरघट पर जा कर रात के समय वहा की राख उठा कर लाए और इस रात मे राई या मदार कि लकड़ी का कोयला ताज़ा बना हुआ पीस कर मिला ले दुश्मन बीमार होगा। इसके बाद इस राख पर ये मंतर पड़ कर हवा मई उड़ा दे।
******** ऊमोकर बिन हन स्वाह *********
दुश्मन की तबाही के लिए एक छछून्दर मार कर उसकी खाल उतारे और दुश्मन ने जिस जगह पेशाब किया हो वहा मिटी खाल मै भर कर उसका मुह सी दे अब उसे किसी ऊँची जगह लटका दे. इस अमल से आपके दुश्मन का पेशाब बंद हो जायेगा। यदि खाल मई से मिटी निकल दी जाए तो पेशाब आना शुरू हो जायेगा मानव अस्थियों का चूरा पान में रखकर जिसको खिलाया जाए वह मृत्यु को प्राप्त होता है |इसी तरह सर्प की हड्डी का चूरा जिसके शरीर पर डाला जाता है वह भी जीवित नहीं रहता |
२. मंगलवार को भरनी नक्षत्र में चिता की लकड़ी लाकर किसी के प्रवेश द्वार पर दबा देने से एक मास में ही उस घर के मुखिया की मृत्यु हो जाती है |
३. काले नाग की चर्बी से बत्ती बनाकर ,धतूरे के बीजों का तेल निकालकर उसे मानव कपाल में भरकर काजल बनाएं |फिर उसमे चिता की राख व पांच किस्म के नमक को पीसकर मिलाएं |इसप्रकार तैयार योग शत्रु पर डाल देने से उसकी शीघ्र ही मृत्यु हो जाती है |
४. बिच्छु मादा व उल्लू के मांस का चूरा शत्रु पर डाल देने से वह मृत्यु को प्राप्त होता है
५. गिरगिट की चर्बी के तेल की एक बूँद भी जिस किसी के शरीर पर डाल दी जाए तो उसकी मृत्यु निश्चित होती है |
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