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शनि की साढ़े साती के प्रकोप को शांत करने के लिए शनिदेव के इस मंत्र का ज़प अवश्य करें

शनि की साढ़े साती के प्रकोप को शांत करने के लिए शनिदेव के इस मंत्र का ज़प अवश्य करें=====हिन्दू धर्म के अनुसार शनिदेव को कर्मो के फल देने वाले देव कहा गया है | मनुष्य अपने कर्मो के आधार पर शनिदेव की कृपा पाते है व दण्डित भी होते है | मानव योनी में किये गये सभी पाप और पुण्य का फल शनिदेव द्वारा ही दिया जाता है | इसीलिए उनकी कृपा द्रष्टि जिस भी मनुष्य पर पड़ जाये उसका जीवन सुख सम्रद्धि से परिपूर्ण हो जाता है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौर मंडल में विद्यमान समस्त ग्रहों का मानव जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है जिनमें से एक, शनि गृह को साक्षात् शनिदेव कहा गया है | शनि गृह के प्रतिकूल प्रभाव ही शनि दशा के रूप में आपके जीवन में बाधाओं और पीडाओं के कारण बनते है | शनि दशा से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक, मानसिक व आर्थिक सभी प्रकार से प्रताड़ित हो सकता है | शनि दोष व शनि की साढ़े साती के प्रकोप से बचने के लिए शनि देव की आराधना कर उनसे अपने पापों की क्षमा याचना करनी चाहिए | शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप इस में दिए गये शनि मंत्र===द्वारा उनकी आराधना करें | शनि मंत्र द्वारा शनि देव की आराधना से शनि देव अति शीघ्र प्रसन्न होते है/

शनि देव आराधना : –

शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करें व शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाये व शनि देव को काले तिल, अक्षत ,पुष्प , सरसों का तेल , रेवड़ी का प्रसाद व काले रंग का झंडा अर्पित करें |ध्यान दे , शनि मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा के बिल्कुल सामने कभी न जाए , सामने से थोड़े हटकर ही उनकी पूजा करें | अब आप शनिदेव के इस मंत्र के कम से कम 108 बार जप अवश्य करें : ॐ शं शनिश्चराय नमः | मंत्र उच्चारण के पश्चात शनि चालीसा का पाठ करें व अंत में शनि देव की आरती करें |

शनि की साढ़े साती का प्रकोप शांत करने का प्रभावी मंत्र

जब शनि दशा पूरे साढ़े सात वर्ष तक किसी राशी में आ जाये तो उस राशि वाले व्यक्ति का जीवन अस्त-व्यस्त होने लगता है इसे ही ज्योतिष शास्त्र में साढ़े साती कहा गया है | वैसे तो शनि की साढ़े साती के प्रकोप को शांत करने के बहुत से उपाय है किन्तु यहाँ हम आपको एक ऐसा मंत्र बता रहे है जिसका नियमित जप आपको शनि देव के प्रकोप से बचा सकता है | मंत्र इस प्रकार है : –

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्  
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

भगवान शिव का यह मृत्युंजय मंत्र शनि दशा के साथ-साथ समस्त गृह दोषों को भी शांत करता है | इस मंत्र के जप भगवान शिव के मंदिर में जाकर शिवलिंग के समक्ष करने चाहिए | मृत्युंजय मंत्र के बारे में समस्त जानकारी के लिए आप इस post को पढ़े : महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ ,जप की सरल विधि और लाभ
शनि की साढ़े साती के प्रकोप से बचने के लिए शनिदेव आराधना व मंत्र जपके साथ-साथ इस छोटे से उपाय को भी अवश्य करें : शनिवार के दिन किसी सांड(गाय की नर प्रजाति) को सवा किलो गेहूं का दलिया उसमें हल्का सा सरसों का तेल डाल ले और साथ में गुड़ खिलाये | लगातार 7 शनिवार तक इसी प्रकार करें | शनि की साढ़े साती का समय काफी लम्बा होता है इसीलिए जब तक कुंडली में शनि दशा रहती है आप हर वर्ष इस उपाय को अवश्य करें | ⇒ ♣ सारे गृह दोष एक साथ दूर करने का अचूक टोटका ♣ ⇐

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