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भोजपत्र वशीकरण सिद्धि

भोजपत्र वशीकरण सिद्धि

भोजपत्र के टोटके/उपाय/उपयोग, भोजपत्र यंत्र, भोजपत्र मंत्र वशीकरण- इससे पहले की हम आपको भोजपत्र से जुड़े जादू-टोटके व वशीकरण मंत्र साधना के बारे मे बताए जरूरी है की उससे पहले आप जान ले की भोजपत्र का संबंध एक खास पेढ की छाल से होता है, न की जैसा अक्सर हम सोचते है की ये कोई पत्ता है। दरअसल ये भोजपत्र हिमालय की घाटियों में पाये जाते है और ये 15 से 20 मीटर ऊंचे वृक्ष की छाल होती है, जोकि गहरे रंग के होते है और क्यूकी ये लंबे समय तक खराब नहीं होते तो इसको संभाल के रखा जा सकता है। जिनका इस्तेमाल वैसे दवाई बनाने के लिए भी किया जाता है। दवाई के अलावा इसका इस्तेमाल टोने-टोटके और पूजा-पाठ में भी किया जाने लगा है।आपको बता दे की भोजपत्र की टहनी की धूप के प्रयोग से भूतप्रेत व जिन्न आदि को भगाने का काम किया जाता हैं। यही नहीं कई साधना ऐसी भी होती है जिसमे भोजपत्र के ऊपर भौरवीकाली, देवी लक्ष्मी, कामाख्या आदि के वशीकरण  मंत्र को लिखकर सिद्ध करने से व्यक्ति अपनी कामना पूरी कर सकता है। जैसे की अगर आप किसिकों अपने वश मे करना चाहते हो तो ऊँ नमः सर्व लोक वशं कराय कुरु कुरु स्वाहा! मंत्र को भोजपत्र पर लिख दे और फिर मंत्र का एक लाख बार जाप करके इसे अपने पर्स मे रख ले या फिर हाथ पर बांध ले। ऐसा करके आप किसीको भी अपने वश मे कर सकते है।
इसी प्रकार एक और मंत्र है जिसका इस्तेमाल बहुत से महिलाए अपने पतियों को वश मे करने के लिए करती है, क्यूकी देखा गया है कि बहुत से दंपतियों के जीवन मे शादी के बाद पति की नज़र किसी दूसरी महिला की ओर जाने लगती है, ऐसे मे वो स्त्री पति को वश मे करने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कर सकती है, मंत्र है: ऊँ नमः अदि पुरुषाय अमुकं कुरु कुरु स्वाहा!! कोई भी स्त्री अगर अपनी अनामिका के खून से भोजपत्र पर इस बताए मंत्र को लिखे और फिर उसे शहद में डूबोकर रख दे, तो ऐसा करके वो अपने पति को वश मे कर सकती है, साथ ही पति-पत्नी के बीच प्यार व्यवहार भी बढ़ता है, दोनों के जीवन मे मधुरता भी आती है। आप इस मंत्र मे बस अमुकं शब्द की जगह पति का नाम लिख दे और 108 बार जाप करते वक़्त भी अमुकं शब्द की जगह पति का नाम बोले।
सिर्फ पति-पत्नी के बीच के रिश्ते की ही बात हम नहीं करेंगे, बल्कि इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करना चाहता है, जिससे वो प्यार करत है तो इसके लिए वो सच्चे मन से श्री कृष्ण भगवान का नाम लेते हुए, उसका नाम भोजपत्र पर लाल चंदन से लिख दे फिर उसे शहद की डिब्बी में डुबोकर एक शीशी मे बंद कर रख दें। फिर जब भी समय मिले तो आप उस व्यक्ति को याद करते हुए, उस शीशी को अपने दाहिने हाथ से सहला दे। माना गया है की ऐसा करने से वो व्यक्ति के दिल मे आपके लिए प्रेम जागने लगता है। यही नहीं अगर आप भोजपत्र पर शनिवार की रात को रक्त चन्दन से अनार की कलम से ॐ ह्वीं लिखे और नित्य पूजा करने से अपार विद्या, बुद्धि प्राप्त होती है।
ये भोजपत्र कितना असरदार होता है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सिर्फ इसकी जड़,  सहदेई की जड़, अनार की जड़, श्वेतार्क की जड़ और गुंजा की जड़ को पिसकर गोरोचन के साथ माथे पर तिलक करने से आप अपने दुश्मन को भी अपने वशीभूत कर लेंगे।
हम आपको एक और मंत्र के बारे मे बताते है, जोकि इस प्रकार है: ॐ अमुंक वेगेन आकर्षण मणिभद्राये स्वाह”। किसी भी शनिवार की रात आप इस साधना को शुरू कर सकते है। शुरू करते वक़्त आप एक बर्तन में मंत्रो से सिद्ध की हुई वशीकरण गुटिका को रखे और फिर उसके सामने भोजपत्र रख दे। फिर उसके ऊपर केसर तथा कुमकुम मिला कर उससे चमत्कारी यंत्र का चित्र बना ले और फिर उसके बाद उस गुटिका तथा वशीकरण यंत्र की पूजा करने के बाद विधुत माला से बताए गए मन्त्र का जाप करे। मंत्र मे आप अमुंक की जगह उस इंसान का नाम ले जिसे वश मे करना है। जप पूरा होने के बाद भोजपत्र को चांदी के आमुलेट में बंद कर दे और उसे अपने गले में डाल ले, फिर उस वशीकरण गुटिका को अपने घर में  एक सन्दुक में डाल दे। बताई गई विधुत माला को आप अपने गले में धारण कर ले।  साधना विधि खतम होने के बाद आप इसके असर को देख पाएंगे की कैसे वो व्यक्ति आपकी ओर वशीभूत होता है।
तो उम्मीद है भोजपत्र के बारे मे बताई बाते ये सारी बाते आपको जितनी रोचक लगी होंगी उतनी ही जानकारीपूर्ण भी होंगी, जिसके प्रयोग से आप अपने उदेश्य को सिद्ध कर सकते है।

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