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मोहिनी साधना

मोहिनी साधना

ॐ नमो आदेश गुरु का । मोहिनी मोहिनी कहा चली । बाहर खुदाई काम कन चली । फलानी फलाने को देखै,जरै मरै । मेरे को देखकर पायन पडै । छु मंत्र काया, आदेश, गुरु की शक्ति ,मेरी भक्ति ,फूरो मंत्र ईश्वरो वाचा ॥
इस मंत्र का किसी भी शुभ मुहूर्त मे रुद्राक्ष माला से 11 माला मंत्र जाप कीजिये और मंत्र जाप के बाद 108 बार मंत्र बोलते हुए सरसो के तेल से हवन मे आहुति डालिए, हवन मे पूर्ण आहुति के बाद मंत्र बोलकर नींबू का बलि देना है और उसी नींबू का थोडा-सा रस उसमें निचोड़ कर डाल दीजिये, इसके साथ ही मंत्र सिद्धि पूरी होती है। इस साधना के लिए पश्चिम दिशा मोहिनी साधना मंत्र सिद्धि के पश्चात आपको 5 प्रकार के जड़ी-बूटियों से एक पाउडर बनाना है और उस पर 108 बार मंत्र बोलकर 3 फूँक मारे फिर आप जिसको भी यह पाउडर खाने मे मिलाकर देंगे वह आपके वश मे हो जाएगा। यह 5 तरह की जड़ी-बूटी पंसारी की दुकान से मिलती हैं। इस ५ प्रकार के जड़ी-बूटी के नाम है –
1) हाथजोडि
2) पायजोडि
3) इंद्रजाल
4) मोहिनीजाल
5) मायाजाल
तेल मोहिनी साधना
हमारे जीवन से यदि आकर्षण शब्द निकाल दिया जाए, तो हमारा जीवन नीरस हो जाएगा। हमारे तंत्राचार्यो इस बात को समझे थे इसलिए उन्होंने ऐसे मंत्रो का निर्माण किया और ऐसी साधना के उपाय खोजे, जिसके द्वारा किसी को भी बड़ी आसानी से आकर्षित किया जा सकता है। यह सब कर्मकांड आदि क्रियाएँ भाग्य में परिवर्तन लाने के लिए ही बनाए गए हैं। ज्योतिष द्वारा हम अपने भाग्य में एक निर्धारित सीमा तक ही बदलाव कर सकते है। परंतु तंत्र की कोई सीमा नहीं होती, वे असीमित होते हैं। शिव मुख द्वारा निकला है कि ‘‘आगम निगम तंत्र में मेरा ही स्वरुप व्याप्त है’’
तंत्र में आकर्षण को एक विशेष स्थान दिया गया है। इसके द्वारा आप किसी को भी आकर्षित कर सकते है। साबर तंत्र में ऐसे बहुत से मंत्र दिए गए हं। नीचे ऐसा ही एक मंत्र दिया जा रहा है, इसके प्रभाव में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस साधना के फल से आकर्षित हो जायेगा !
मोहिनी मंत्र
तेल तेल गौरी का खेल
राजा प्रजा कौन्सल
चलके मेरे और मेरे परिवार के
पैरी मेल
मन मोहे तन मोहे मोहे सभी शरीर
मोहे पंजे पीर
जय फूला कम करे खुल्ला
मलंगी तोड़े तंगी !
विधि
प्रतिदिन सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस मंत्र को 2 घंटे जपे। पहले दिन और अंतिम दिन सात प्रकार की मिठाईयाँ सुनसान  स्थान पर रखकर आएँ और वापस आते समय पलटकर न देखें। यह क्रिया पूरे 41 दिन तक निरंतर करने से यह मंत्र सिद्ध हो जायेगा। यह साधना बहुत प्रभावशाली और शीघ्र फल देने वाली होती है। यह साधना करते समय मन, वचन और कर्म किसी भी प्रकार से आपका ब्रहमचर्य ख्ंाड़ित नहीं होना चाहिए।
प्रयोग विधि
इस मंत्र को 21 बार पढ़कर सरसों का तेल पर फूंक मारें और अपने शरीर पर उसकी मालिश करें। अब आप जिसके भी पास जाएँगे वह मोहित होकर आपके अनुकूल हो जाएगा।
विश्व मोहिनी साधना
देवी योग माया का विश्व मोहिनी रूप अनंत सौहार्द देने करने वाला है। इसके प्रयोग से व्यक्ति में सम्मोहन आ जाता है। वाणी में सम्मोहन और दृष्टि में इतना सम्मोहन आ जाता है कि उसे जो भी देखता है, उस के सम्मोहन में बंध जाता है। संसार के सभी प्राणियों में आकर्षण शक्ति का संचार देवी योग माया द्वारा ही होता है। यदि आप के संबंधों में मधुरता का अभाव है और घर में पत्नी-पति का परस्पर मन मुटाव है, तो इस साधना से उस को दूर करना संभव है। यह साधना आपस में प्रेम पैदा करके रिश्तो में मधुरता लाती है। इस साधना को स्त्राी और पुरुष दोनों समान रूप से कर सकते है। इस साधना से साधना स्त्रियों में सौंदर्य और सम्मोहन पैदा होता है और वे हमेशा तनाव मुक्त रहती हैं। इसमें व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थितियों से बाहर निकालने की सामथ्र्य है।
मोहिनी साधना विधि
एक देवी की मूर्ति को स्थापित करें। फिर उसे सुंगधित द्रव्य से स्नान कराएँ और उस पर इत्र और चुनरी चढ़ाएँ। एक देवी की मूर्ति का 16 प्रकार का सिंगार करें। सात प्रकार की मिठाई का भोग लगाए और एक तिल की ढेरी पर तिल के तेल का दिया लगा दे, जो देवी के चित्र के सामने रखें। फल, फूल, धूप, दीप, नवेध, अक्षत आदि से पूजन करें और लाल रंग के फूल चढ़ाएँ। लाल रंग के वस्त्र पहन कर बैठें और दिशा पूर्व की तरफ मुख रखें। स्फाटिक मोती की माला से जप करे । यह साधना आप एकादशी से शुरू करके 7 दिनो में जप पूर्ण कर सकते हैं।
साधना के बाद सिंगार का समान या तो किसी मंदिर में कुछ दक्षिणा के साथ चढ़ा दे या किसी कुंवारी कन्या को दे दें। मंत्र संख्या 9000 हजार हैं। दिन संख्या निर्धारित नहीं है, परंतु 9000 जप करने हं। आप चाहे तो 16 माला रोज कर एक सप्ताह में जप पूर्ण कर सकते है। इस तरीके से भी साधना पूर्ण हो जाती है। इस साधना काल में ब्रह्मचर्य अनिवार्य है !
मंत्र दृॐ ह्रीं सर्व चक्र मोहिनी जाग्रय जाग्रय ॐ हुं स्वाहा !!
काजल वशीकरण
काजल वशीकरण को सम्मोहन भी कहा जाता है, जिसका सरल अर्थ होता है, किसी को अपने नियंत्रण में करना।इस साधना में अक्सर लोग काले जादू का प्रयोग करते हैं, जो की जीवन के लिए घातक सिद्ध होता है अतः ये चेतावनी दी जाती है की बुरी शक्तियों से आप अच्छाई की उम्मीद न रखे पहीं तो लाभ के स्थान पर हानि होने की आशंका रहती है।
सुख-शांति के लिए – यदि आपके परिवार में हमेशा कलह रहता हो पारिवारिक सदस्य सुख शांति से न रहते हो तो शनिवार के दिन सुबह काले कपड़े में जटा वाले नारियल को लपेटकर उस पर काजल की 21 बिंदी लगा लें। और घर के बाहर लटका दें। हमेशा घर बुरी नजर से बच कर रहेगा और हमेशा सुख-शांति रहेगी।
वशीकरण के लिए – रवि पुष्य योग (रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की रूई मिलाकर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाएं। फिर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल निकालें। इस काजल को रात में अपनी आंखें में लगाने से समस्त जग वश में हो जाता है। ऐसा काजल किसी को नहीं देना चाहिए। इसके अलावा कड़वी तूंबी (लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार करें। इसे आंखों में लगाकर देखने से वशीकरण हो जाता है।
मंगल की शांति के लिए – यदि आपकी कुंडली में मंगल खराब असर देने वाला सिद्ध हो रहा हो, नीच का हो या कुंडली मांगलिक हो तो सफेद सुरमा आंखों में लगाए। इससे आपका मंगल शुभ असर देना शुरू कर देगा।
शत्रु से मुक्ति के लिए –  अगर कोई शत्रु परेशान कर रहा है, तो चांदी के पांच छोटे-छोटे सांप बनवाकर उसकी आंखों में सुरमा लगाकर अपने पैरों के नीचे दबाकर इक्कीस दिनों तक सोते रहने पर शत्रु परेशान करना छोड़ देता है।और लाल रंग के वस्त्र उचित रहते हैं

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