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भैरव साधना एवं सिद्धि के प्रभाव

शाबर मन्त्र अत्यन्त शक्तिशाली होते हैं और शीघ्रता से परिणाम लाते हैं। ऐसा माना जाता है कि अधिकतर शाबर मन्त्रों की रचना गुरु गोरखनाथ व अन्य नवनाथ चौरासी सिध्दों ने की थी। शाबर मन्त्र वास्तव में लोक मन्त्र हैं जो मानव कल्याण के लिये विभिन्न गुरुओं व सन्त महात्माओं के द्वारा लिखे गये। शाबर मंत्रो में जो शब्द इस्तेमाल किये गए हैं वो हमारी रोज़ की भाषा में इस्तेमाल में आने वाले ही शब्द है || शाबर मन्त्र का उचारण बहुत आसान होता है और यह मन्त्र बहुत शक्तिशाली होते हैं और यह बहुत जल्दी रिजल्ट देते हैं |यानी मंत्रों से मनचाही वस्तु प्राप्त की जा सकती है और सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। सबसे ज्यादा प्रभावी मंत्रों में से एक मंत्र है वीर भैरव  मंत्र। इसके जप से बहुत जल्दी शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। इसके नियमित जप से पूर्वाभास हो सकता है |
जब इन मन्त्रों का उचारण किया जाता है तो जाप करने वाले के मुख से ऐसी ध्वनियां निकलती है जो लौकिक और अलौकिक शक्तियों को खींचती है और उन् शक्तियों की मदद से कोई भी कार्य करवाया जा सकता है | शाबर मंत्रो को कोई भी इंसान बदल नहीं सकता अगर वो बदलता है तो यह मन्त्र काम नहीं करते |
ऐसा माना जाता हैं कि भले ही शाबर मन्त्र का जाप करने वाला व्यक्तिएक याचक, अर्थात प्रार्थना करने वाला हैं. लेकिन साधक होकर भी वह शाबर मंत्रो का जाप करते हुए आन, श्राप, श्रद्धा और धमकी सभी का प्रयोग एक साथ कर सकता हैं | वह देवता से अपने कार्य को पूर्ण करवाने के लिए प्रार्थना करने के साथ – साथ हठ भी कर सकता हैं | इसलिए इन मन्त्रों को अदभुत मन्त्र माना जाता हैं | क्योंकि साधक की यह आन अर्थात सौगन्ध भी उसके उसके कार्य के आड़े नहीं आती और देवता उसकी प्रार्थना को स्वीकार कर लेते हैं | वहीँ अगर कोई व्यक्ति शास्त्रीय मन्त्रों का जाप करते हुए आन का प्रयोग करता हैं तो यह आन साधक के काम नहीं आती |
जिस प्रकार एक छोटे से बच्चे की हरकतों से तथा उसकी जिद से माता – पिता नाराज नहीं होते और उसकी इच्छाएं पूर्ण कर देते हैं | ऐसी ही बाल सुलभ सरलता का विश्वास शाबर मन्त्रों का जाप करने वाला साधक शाबर मन्त्रों के देवता के प्रति रखता हैं और देवता भी माता पिता की ही भांति साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं |यह मंत्र  साधना एक तिव्र साबर साधना है,इस साधना कि माध्यम से शरीर मे भैरव शक्ति कि स्थापना होती है । जो की हमारी साधना एवं सिद्धि कि लिये महत्वपूर्ण है । साधना काल मे बहोत सारि अलग-अलग अनुभूति होति है । जैसे आज्ञा चक्र जागरण होना या फिर गरम होना । शरीर मे गर्मी बढ जाना , बहोत ज्यादा प्यास लगना या भुख लगना , सर मे दर्द होना या भारीपन लगना ( जैसे शक्तीपात प्राप्ति के बाद लगता है ).शरीर मे एक प्रकार कि दिव्यता कि अनुभूति होति है. और 41 दिन बाद कुछ दिव्य विभूतियो और कभी कभी भैरव जी के दर्शन प्राप्ति भी हो सकती है । कुछ साधको ने इसी साधना के द्वारा मसान का दर्शन भी प्राप्त किये है । यह साधना अपने आपमे पूर्ण चैतन्य साधना है जो अपनी तिव्रता से साधको को उनकी साधनाओ मे प्रगति दिलाती है । इस साधना मे और भी बहोत सी अनुभूतिया होति है जो आपको साधना सम्पन्न करने के बाद ही महसूस होती है ।

दरिद्रता के नाश के लिए –

यदि किसी व्यक्ति के व्यापार, नौकरी में हानि हो रही है या कार्य में सफलता नहीं मिलती, आमदनी कम है तथा व्यय अधिक हैं तो उन्हें वीर भैरव  मंत्र का जप काफी फायदा पहुंचा सकता है।

विद्यार्थियों के लिए-

वीर भैरव  मंत्र का जप सभी के लिए उपयोगी है, विद्यार्थियों के लिए तो यह मंत्र बहुत लाभदायक है। रोजाना इस मंत्र का 21 बार जप करने से विद्यार्थी को सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। विद्यार्थियों का पढ़ने में मन नहीं लगना, याद किया हुआ भूल जाना, शीघ्रता से याद न होना आदि समस्याओं से निजात मिल सकती है।

संतान संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए.

किसी दंपत्ति को संतान प्राप्त करने में कठिनाई आ रही हो या संतान से दुखी हो अथवा संतान रोग ग्रस्त हो तो उन्हें वीर भैरव  मंत्र करनेसे संतान संबंधी किसी भी समस्या से शीघ्र मुक्ति मिलती है।

शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए…

यदि कोई व्यक्ति शत्रुओं के कारण परेशानियां झेल रहा हो तो उसे प्रतिदिन वीर भैरव  मंत्र करे ऐसा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। मित्रों में सद्भाव, परिवार में एकता होती है। न्यायालयों के कार्यों में भी विजय प्राप्त होती है।

विवाह कार्य में देरी हो रही हो तो.

यदि किसी भी व्यक्ति के विवाह में अनावश्यक देरी हो रही हो तो वीर भैरव  मंत्र का जाप करने सेविवाह कार्य में आने वाली समस्त बाधाएं दूर होती हैं। यह मन्त्र उनके लिए है जिनकी शादी नहीं हो रही या शादी में देरी हो रही है वो इस मन्त्र का इस्तेमाल करेंगे तो बहुत जल्दी शादी हो जाएगी || जिन लोगो की शादीशुदा ज़िन्दगी में समस्याएं आ रही हैं और अगर तलाक तक नोबत आ गयी है तो आप यह मन्त्र इस्तेमाल करके अपनी सभी परेशानियों से निजात पा सकते हैं || यह मन्त्र बहुत प्रभावशाली है और बहुत जल्दी असर करता है  यह साधना स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।

यदि किसी रोग के कारण परेशानियां हो तो…

यदि कोई व्यक्ति किसी रोग से परेशान है और रोग से मुक्ति जल्दी चाहता है तो वीर भैरव  मंत्र साधना से से गंभीर रोग का नाश होता है। किसी अन्य रोगी को वीर भैरव  मंत्र से जल पीने के लिए देने से उसके भी रोग का नाश होता है।

अधिकारी को प्रसन्‍न करने के लिए

अधिकारी को प्रसन्‍न करने के लिए  इस वीर भैरव  मंत्र   का प्रयोग किया जाता है.

दफ्तर में संबंध मधुर बनाने के लिए

दफ्तर में काम करने वाले सभी लोग यही चाहते हैं कि उनका संबंध अपने सहयोगियों के साथ मधुर बना रहे लेकिन शायद ही ऐसा कोई हो जिसका अपने सहयोगियों के कभी ना कभी वाक युद्ध ना हुआ हो. इस बीर भैरम मंत्र का जाप करने से यह परेशानी दूर हो सकती है.

 किसी भी इंसान को अपने वश में करने के लिए ||

 किसी भी इंसान को मोहित करने के लिए ||

 अपना खोया प्यार वापिस पाने के लिए ||

 भाग्यशाली बनने के लिए ||

 बिज़नेस में मुनाफा कमाने के लिए ||

 बुरी नज़र और आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए |=====ॐ गुरु जी सत नाम आदेश आदि पुरुष को ! काला भैरूं, गोरा भैरूं, भैरूं रंग बिरंगा !! शिव गौरां को जब जब ध्याऊं, भैरूं आवे पास पूरण होय मनसा वाचा पूरण होय आस लक्ष्मी ल्यावे घर आंगन में, जिव्हा विराजे सुर की देवी ,खोल घडा दे दड़ा !! काला भैरूं खप्पर राखे,गौरा झांझर पांव लाल भैरूं,पीला भैरूं,पगां लगावे गाँव दशों दिशाओं में पञ्च पञ्च भैरूं !! पहरा लगावे आप !दोनों भैरूं मेरे संग में चालें बम बम करते जाप !! बावन भैरव मेरे सहाय हो गुरु रूप से ,धर्म रूप से,सत्य रूप से, मर्यादा रूप से, देव रूप से, शंकर रूप से, माता पिता रूप से, लक्ष्मी रूप से,सम्मान सिद्धि रूप से, स्व कल्याण जन कल्याण हेतु सहाय हो, श्री शिव गौरां पुत्र भैरव !! शब्द सांचा पिंड कांचा चलो मंत्र ईश्वरो वाचा !! सिद्धि की द्रष्टि से इस मन्त्र का विधि विधान अलग है, परन्तु साधारण रूप में मात्र 11 बार रोज जपने की आज्ञा है ! श्री शिव पुत्र भैरव आपकी सहायत करेंगे !चार लड्डू बूंदी के ,मन्त्र बोलकर 7 रविवार को काले कुत्ते को खिलाएं      

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