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भैरव का चमत्कारिक लॉकेट ! इसे गले में धारण करें और पायें सभी कष्टों से मुक्ति

भैरव का चमत्कारिक लॉकेट ! इसे गले में धारण करें और पायें सभी कष्टों से मुक्तिकलियुग के समय में बाबा भैरव व हनुमान जी अति शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त की सभी मनोकामना पूर्ण करते है | बाबा भैरव को सौम्य और उग्र दोनों रूपों में पूजा जाता है | एक तरफ बाबा भैरव अपने उग्र रूप काल भैरव के रूप में दुष्टों का संहार करते है तो दूसरी तरफ बटुक भैरव के रूप में भगवान विष्णु के समान शीतल और सौम्य दिखाई प्रतीत होते है | आज हम आपको बाबा भैरव का ताबीज़                                                                  बनाने व इसे सिद्ध करने की विधि के विषय में जानकारी देने वाले है |                                                                            भैरव ताबीज़(लोकेट) :-

भैरव के तांत्रिक यन्त्र से निर्मित यह भैरव ताबीज/लोकेट जातक द्वारा गले में धारण किये जाने पर हर प्रकार से उसकी रक्षा करता है | हर प्रकार की ऊपरी बाधा, भूत-प्रेत, डाकिनी, चुड़ैल आदि जैसी नकारात्मक शाक्तियाँ इस लॉकेट को गले में धारण करने मात्र से दूर होने लगती है | शत्रु अपने आप ही परास्त होने लगते है व मुकदमों में जीत हासिल होती है | चुनाव में सफलता, व्यापार में उन्नति या इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करने में भी यह भैरव ताबीज़(लोकेट) अपने चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है |

भैरव ताबीज़(लोकेट) बनाने की विधि : –

किसी सुनार की दुकान से एक चांदी की डिब्बी जिसे गले में धारण किया जा सके अपने घर ले आये | अब इसमें एक काली मिर्च डाले, एक लाल चरमक डाले, एक सफेद चरमक डाले | अब इसमें कुछ दाने राई के डाले | अब 2 सियार की सूई लेकर, एक सूई को सीधा करके डाले व दूसरी सूई को उल्टा करके डाले | अब एक छोटे से भोजपत्र पर भैरव का तांत्रिक यन्त्र बनायेभैरव यंत्र बनाने के पश्चात् इसके पीछे हनुमान जी के चरणों का सिन्दूर लाकर लगायें | भैरव यंत्र को मोड़कर ताबीज़ में डाल दे और ताबीज को किसी फेवी क्विक आदि से अच्छी प्रकार से बंद कर दे | इसमें अब काला धागा डाल दे | इस प्रकार से भैरव का ताबीज़(लॉकेट) बनकर तैयार हो जाता है | अब इसे गले में धारण करने से पहले सिद्ध करना अति आवश्यक है |

ताबीज़ को सिद्ध करने की विधि : –

अपने पूजा स्थल पर एक लाल कपडा बिछाकर रखे | पहले ताबीज/लोकेट को कच्चे दूध से स्नान कराये फिर शहद से और अंत में गंगाजल से स्नान कराये | ताबीज़ को लाल कपडे पर रखकर दीपक प्रज्वल्लित करें और भैरव के इस मंत्र के 5000 जप करें | मंत्र इस प्रकार है : ॐ श्री भैरवाय नमः | मंत्र जप के पश्चात् एक छोटा सा हवन कर उसमें अधिक से अधिक आहुतियाँ ॐ श्री भैरवाय नमः मंत्र की दे और ताबीज़ को हवन के ऊपर से 21 बार घुमाये | हवन की विभूति से ताबीज़ को तिलक करें व बाबा भैरव का स्मरण करते हुए इसे गले में धारण करें |

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