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गोरोचन का तिलक से वशीकरण

गोरोचन का तिलक से वशीकरण

गोरोचन का तिलक से वशीकरण को आज एक दुर्लभ वस्तु माना जाता है नकली गोरोचन का पूजा पाठ में जमकर प्रयोग होता है  और यह छोटी शीशी में बाजारों में उपलब्ध है पर गोरोचन मरी हुई गाय के शरीर से प्राप्त होता है कहा जाता है कि यह गाय के मस्तक में पाया जाता है पर सच यह है की यह गाय के पित्त में बहुत कम मात्रा में ही प्राप्त होता है इसी कारण बाजार में नकली गोरोचन की भरमार है इससे बहुत प्रभावशाली वशीकरण होता है इसके मंत्र तंत्र प्रयोग द्वारा लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं जब यह गाय के शरीर से प्राप्त होता है तो यह लिस-लसा सा एक पदार्थ होता है मोम की तरह फिर बाद में यह कंकड़ की तरह सख्त हो जाता है|गोरोचन प्रयोग –
गोरोचन के प्रयोग से तंत्र मंत्र वशीकरण किया जाता है उतना ही प्रयोग इसका सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए किया जाता है यह हल्की धीमी खुशबू वाला होता है इसलिए इसका प्रयोग सौंदर्य प्रसाधन में अधिकता से किया जाता है|
१- गोरोचन जिसके पास होता है उसकी हर मुराद मात्र गोरोचन के तिलक करने से पूरी हो जाती है|
२- गोरोचन का तिलक करने से मन में शांति और विचारों में शुद्धता आती है और बेचैनी समाप्त हो जाती है|
३- कभी-कभी किसी समस्या के आगे हमारा मनोबल टूट जाता है पर गोरोचन का प्रयोग जो भी करता है  उसके मनोबल में एक अकल्पनीय  वृद्धि कर देता है|
४-अगर आप लगातार किसी काम में असफल हो रहे है तो यह आपके लिए अति लाभकारी होगा। यह आपकी सफलता में बहुत बड़ा किरदार निभाता है।
५- घर में गोरोचन रखने मात्र से सकारात्मक शक्तियों का  संचार करता है और आपके घर में आपके अंदर की नकारात्मक शक्ति को समाप्त कर देता है जिससे घर में सुख ,विद्या ,शांति आदि हमेशा बनी रहती है |
६- व्यापार स्थल में गोरोचन का उपयोग करने से व्यापार में आने वाली सारी समस्याएं समाप्त हो जाती है और  धन प्राप्ति और व्यापार वृद्धि होने लगती है |
गोरोचन मंत्र प्रयोग-
१- किसी रविपुष्य के दिन सुबह उठकर स्नान कर आसन लगाकर बैठ जाएं और अनार की कलम से भोजपत्र में मंत्र लिखकर  उसकी पूजा गोरोचन से करें और फिर अपने इष्ट देव की एक माला जप करने के बाद उस भोजपत्र को चांदी की ताबीज में या लाल कपड़े में बाहों में धारण करें या गले में धारण करें भूत प्रेत रोग इत्त्यादि समाप्त हो जाते हैं|
गोरोचन वशीकरण मंत्र –
हिंग्ग्ग स्वहः
२-किसी रवि-पुष्य के दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ होकर आसन बिछाकर गोरोचन की विधि पूर्वक धूप दीप नैवेद्य से पूजा करें और दो माला मंत्रों का जाप करें और कुछ मुद्राएं चढ़ा कर उनको अपनी तिजोरी में रख दे निश्चित ही धन वृद्धि होगी रोजगार व्यापार में तरक्की होगी|
वशीकरण मंत्र-
ॐ श्रीं श्रीयै नमः
३- आप अपनी दैनिक पूजा  करने के पश्चात  गोरोचन को धूप दीप  से पूज कर  चांदी की ताबीज में भर लेते हैं  और इसको बंद कर इसका पंचोंपाचन  पूजन करने के साथ  रुद्राक्ष की माला से  एक माला जप करके  भुजा में धारण कर लेते हैं  और प्रतिदिन सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर  पूजा के पश्चात  गोरोचन का तिलक करते हैं  तो उस व्यक्ति को ग्रहों के कोप से कोई संकट नहीं उत्पन्न होता ।
मंत्र-
ब्रह्मम् मुरारी त्रिपुरान्त्कारी भानुः शशि भूमि-सुतो बुधश्चम् गुरुक्ष्यः शुक्रः शनि राहु केतवः सर्वे ग्रहाः शान्ति करः भवन्तुह्
गोरोचन वशीकरण प्रयोग –
१-सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर आसन बिछाकर साधना के बाद रवि पुष्प के दिन गोरोचन से जो भी व्यक्ति तिलक अपने मस्तक में लगाना प्रारंभ करता है और नित्य स्नान कर तिलक लगाता है तो वह साधक सम्मोहन शक्ति से युक्त हो जाता है और उस व्यक्ति के ऊपर वशीकरण का प्रभाव नहीं होता बल्कि उसको देखने वाला व्यक्ति सम्मोहित और उसके वश में हो जाता है
२- रवि पुष्य के दिन से  जो व्यक्ति केसर सिंदूर और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर  साधना के बाद मंत्रों से अभिमंत्रित  गोरोचन का तिलक करता है  तो उसको देखने वाला व्यक्ति  वशीभूत हो जाता है और  व्यक्ति आप की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने लगता है
गोरोचन मंत्र
१- ॐ शांति शांतः सर्वारिष्टनाशिनिस्वाहः
२-ॐ ऐं ह्रिं क्लीं नमः योगमायायः मम् वश्यः कुरु कुरु स्वाहः
गोरोचन का तान्त्रिक प्रयोग-
गोरोचन को अपने घर में किसी पवित्र स्थान पर रखकर नियमित  पूजा करें और देवी की प्रतिमा की तरह  उसकी आराधना करें  गोरोचन के घर में रहने से  वास्तु दोष का निवारण होता है घर में सुख शांति वैभव  की वृद्धि होती है ।
२- यदि आपके घर में  किसी व्यक्ति के ऊपर   प्रेत बाधा  है या किसी  अन्य वाधा  रोग से पीड़ित है तो गोरोचन से भोजपत्र में  दुर्गा सप्तशती का बीज मंत्र लिखकर  उस व्यक्ति को धारण करा देना चाहिए  जिस पर प्रेत बाधा हो  प्रेत बाधा का निवारण हो जाता है एवं घर में शांति पुनः स्थापित हो जाती है ।
३-यदि आपके घर में किसी व्यक्ति को मिर्गी या हिस्टीरिया  की बीमारी है तो गोरोचन को मिश्रित अष्टगंध से  भोजपत्र में नर्वाण मंत्र लिखकर धारण करने से लाभ होता है और बीमारी समाप्त हो जाती है
४-यदि आपके घर में कोई भी किसी भी बीमारी से पीड़ित हो यह नकारात्मक उर्जा का घर में संचार होता है   तो गुलाब जल में  थोड़ा सा  गोरोचन मिलाकर  पिलाने से व्यक्ति को लाभ होता है और  तिलक करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है यह कार्य रविवार और मंगलवार को प्रारंभ करना चाहिए ।
५- धन की कामना पूर्ण करने के लिए  गुरु पुष्य योग में गोरोचन को अभिमंत्रित कर  चांदी या सोने के कवच में  घर में अवशिष्ट कर  स्थापित कर  नित्य पूजा  अर्चना  करने से  असीम धन की प्राप्ति होती है  और सुख शांति ऐश्वर्य की वृद्धि होती है ।

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