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इन 7 टोने-टोटके और तंत्र-मंत्र की चमत्कारिक काट ये हैं आसान से उपाय

टोने-टोटके करने तथा लोगों का गलत फायदा उठाने की न्यूज़ इधर उधर से काफी आती रहती है। तंत्र शास्त्र के हिसाब से वशीकरण (के टोने-टोटके) का असर होने पर आदमी कुछ अलग ही तरह से बर्ताव करने लगता है। इन व्यवहार के आधार पर सरलता से उसके वशीकरण को की पहचान की जा सकती है और उसे खत्म किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले तो हमें यह समझना पड़ता है कि वशीकरण के ये संकेत क्या हैं और किस संकेत पर क्या उपाय करना चाहिए। आइए जानते हैं ऐसे ही वशीकरण तोड़ने के कुछ आसान से उपाय.
वशीकरण या तंत्र-मंत्र होने का पहला संकेत - अक्सर बीमार रहना
वशीकरण तोड़ने का उपाय
इसके लिए सबसे अच्छा उपाय है कि सफेद आंकडे का पौधा घर में लगाएं तथा इस पौधे की जड़ को गले में बांध लें। इस उपाय से तुंरत राहत मिलेगी।
वशीकरण या तंत्र-मंत्र होने का दूसरा संकेत - आदमी को एकदम से बहुत ज्यादा गुस्सा आना
वशीकरण तोड़ने का उपाय
इसके लिए शनिवार के दिन लौबान, गंधक, राई तथा काली मिर्च लेकर हनुमानजी के ऊपर से 7 बार उसारकर पीड़ित व्यक्ति की जेब में कुछ दिन रखें। बाद में घर से बाहर ले जाकर गाय के कंडे (उपले) पर जला दें।
वशीकरण या तंत्र-मंत्र होने का तीसरा संकेत - मानसिक रूप से बुरी तरह अस्थिर हो जाना
वशीकरण तोड़ने का उपाय
इसके लिए जावित्री, गायत्री केसर तथा गूगल मिलाकर 21 दिन तक सुबह-शाम गाय के कंडे (उपले) पर रखकर जलाएं।
वशीकरण या तंत्र-मंत्र होने का चौथा संकेत - अक्सर घर वालों से झगड़े होते रहना
वशीकरण तोड़ने का उपाय
एक नींबू लेकर पीड़ित व्यक्ति पर से 21 बार उसाररकर किसी चौराहे पर रख आएं। इस दौरान पीछे पलटकर न देखें।
वशीकरण या तंत्र-मंत्र होने का पांचवां संकेत - डरावने सपने आना
वशीकरण तोड़ने का उपाय
गोरोचन तथा तगत को लाल कपड़े में बांधकर अपने घर के पूजा-स्थान में रखने से ही वशीकरण या तंत्र-मंत्र का असर तुरंत खत्म हो जाता ह |
वशीकरण या तंत्र-मंत्र होने का छठा संकेत - किसी खास व्यक्ति या स्त्री के बारे में सोचते रहना
वशीकरण तोड़ने का उपाय
मां महाकाली को 7 गुलाब के फूल चढ़ाकर 21 बार ॐ क्रीं का जाप करें। इसके बाद इनमें से एक गुलाब के फूल के 7 पत्ते पीड़ित व्यक्ति को खिला दें। इससे तुरंत असर दूर हो जाएगा।
वशीकरण या तंत्र-मंत्र होने का सातवां संकेत - अमावस्या व पूर्णिमा को बेचैनी सी रहना
वशीकरण तोड़ने का उपाय
पीली सरसों, गुग्गल, लौबान व गाय का घी मिलाकर धूप बनाएं व सूर्यास्त के समय गाय के उपले पर जलाएं।

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