सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

काले जादू के लक्षण

आज हम आपको काले जादू के लक्षणों के बारे में बताते है।  काले जादू के रोग और वैसे रोग में अंतर सिर्फ इतना होता ह की ये रोग शारारिक नहीं मानसिक होता वो और वो शारारिक होता ह जैसा की आप सभी जानते है। की शारारिक रोगो के भी कुछ लक्षण होते है उसी प्रकार मानसिक रोग के भी लक्षण होते है। आइये ऐसे कौन  कौन से लक्षण है जिससे हमे पता चल जाये की ये सभी काले जादू के लक्षण है।काले जादू के लक्षण
 1 . इसका एक मैन लक्षण है की ग्रसित व्यक्ति का अपने पर काबू नहीं रहता वो कुछ भी कर सकता है  जैसे की वो पत्थर में सर मरकर अपना सर फोड़ सकता है, या ऊपर से कूद कर अपनी जान दे सकता है और इसी तरह का कोई भी कार्य जिस से उसकी जान भी जा सकती है।2. अगर आपको सपना आता है और उसमे आप पेसाब या किसी भी प्रकार की कोई भी गन्दगी कोअपने ऊपर देखना। 
3. अगर आपके सर में दर्द हो रहा है तो यह भी काले जादू के लक्षण है ।
4. अगर आपका पूरा शारीर दुःख रहा है या शारीर में किसी भी प्रकार की कोई पीड़ा है तो ये भी एक लक्षण है ।
5. अगर आपकी पीठ और गुर्दो में दर्द हो रहा है तो भी आप इसकी चपेट में है। 
6. यदि आपके पुरे शारीर में आग लगी हुई है और उसके कारन आपका पूरा शारीर तप रहा है।
7. यदि आपकी आँखों में भी जलन हो रही है और आपको बार बार पेसाब भी आ रहा है 8. आपके ह्रदय का तेज़ तेज़ धड़कना और आपको लगे की आपको सास लेन में दिक्कत हो रही है उससे आपको घबराट भी और लगातार आपकी छाती में दर्द रहना ये भी एक लक्षण हो सकता है । 
9. काले जादू का एक लक्षण ये भी होता है की आप चीड़ चिढ़े सभाव के हो जायेगे आपका किसी के साथ भी बाते करने का मन नहीं करेगा
10. आपके मुह का रंग पिला पड़ना ये भी एक कारन ह की जितना ज़ोर दर जादू होगा आपके मुह का रंग उतना ही पिला पड़ता जायेगा आप दिन प्रतिदिन अपने आपको कमज़ोर महसूस करेंगे। 
11. सुख का अनुभव नहीं होगा अगर आपके पास भरपूर सुख है और फिर भी आप दुखी ह आपको किसी भी प्रकार का कोई भी सुख आनंद नहीं दे सकता।                12. बार बार भूख लगना आप जो भी खाए पिये वो जल्दी ही पांच जाये जिसके कारण आपको भूख लगे। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्तंभन तंत्र प्रयोग:

स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1....

गुप्त नवरात्रि के दिनों में तांत्रिक साधना

 जाने कैसे किये जाते है गुप्त नवरात्रि के दिनों में तांत्रिक साधना जिससे कोई भी किसी भी कार्य को सफल बना सकता है| अधिकतर लोग वर्ष में आने वाली चैत्र नवरात्रा और आश्विन या शारदीय, दो ही नवरात्रों के बारे में जानते हैं। लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके अतिरिक्त और भी दो नवरात्रा होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रा कहा जाता है। इन दिनों देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है तथा विभिन्न साधनाए भी उन्हें प्रसन्न करने के लिए की जाती है। तंत्र साधना के अनुसार गुप्त नवरात्रा में अपनाए गए प्रयोग विशेष फलदायक होते हैं और उनका फल भी जल्दी ही प्राप्त किया जा सकता है। जैसा कि गुप्त शब्द से ही विदित होता है कि यह नवरात्रा गुप्त होती है, अतः इस समय किए गए सभी उपाय भी गुप्त ही होने चाहिए।गुप्त एंव काली शक्तियों को प्राप्त करने हेतु यह श्रेष्ठ समय है और इस समय के सदुपयोग के लिए आपके लिए पेश है गुप्त नवरात्रि के तांत्रिक उपाय टोटके–१) तंत्र-मंत्र आरम्भ करने के पहले आप एक कलश की स्थापना करे मां देवी का नाम लेते हुए। देवी मां की मूर्ति को सिंदूर चढ़ाएं, धूप दीप करे, लाल फूल अ...

बगलामुखी शत्रु विनाशक मारण मंत्र

शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १)  “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और ...