अमावस्या की रात में अग्रवत मंत्र को 1144 बार पढ़ने से यह सिद्ध हो जाता है।इसके बाद देशी पान के 3 बीड़े को 31 बार इसी मंत्र से अभिमंत्रित करके रख लेंइच्छित स्त्री को पहला बीड़ा पान खिलाने पर वह आपसे मिलने-जुलने लगेगी।दूसरा पीड़ा पान खिलाने पर अपने अंगों का दर्शन करा देगी।तीसरा बीड़ा पान खिलाने पर आपके साथ लिपटने-चिपकने को आतुर हो जाएगी। ‘ अमुकी ‘ के स्थान पर इच्छित स्त्री का नाम बोलें।मंत्र इस प्रकार है-कामरूदेश कामख्या देवी जहां बसे इस्माइल जोगी इस्माइल जोगी ने दिया पान बीड़ा, पहला बीड़ा आती जाती, दूजा बीड़ा दिखावे छाती, तीजा बीड़ा अंग लिपटाई ‘ अमुकी ‘ खायपास चली आई, दुहाई गुरु गोरखनाथ की।इस मंत्र को अभिमंत्रित केवल अमावस्या की रात मे ही किया जा सकता हैआप जिस स्त्री को वश मे करना चाहते हो आप को पान के तीनों बीड़ो को 24 घंटो के अंदर उसे खिलाने होंगेपान का पत्ता साबुत ले ओर पान का बीड़ा मीठा होना चाहिएपान के तीनों बीड़ो को अभिमंत्रित करने से पहले गंगाजल या शुद्ध जल से शुद्ध कर लेशुद्ध जल न मिले तो गौ मूत्र से भी कर सकते
शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १) “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और ...
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