किया कराया जादू टोना कैसे पहचाने किसी ने आपके ऊपर कोई जादू किया है या नहीं? अगर कोई व्यक्ति किसी की उन्नति से जलता है, जिसे किसी की भी सफलता बर्दाश्त नहीं होती वही किया कराया करता हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि ना चाहते हुए भी व्यक्ति अपनी आदत से मजबूर होकर भी किसी की उन्नति के राह में रोड़ा अटका देता है। और यह किया कराया कोई दुश्मन ही करें यह जरूरी नहीं आपकी उन्नति से जलने वाले आपके अपने भी हो सकते हैं जो आपकी सफलता पर अंकुश लगाने के लिए कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे आपका नुकसान निश्चित हैकहींआपके साथ भी तो ऐसा नहीं हो रहा है अचानक से आपकी उन्नति बाधित तो नहीं हो गई है अगर ऐसा है तो घबराने की कोई बात नहीं है। हम हैं ना! इस समस्या का समाधान करने के लिए आज हम अपने पाठकों की उन्नति के लिए लेकर आए हैं किया कराया हटाने उतारने के उपाय। इन्हें अपनाने से किया कराया से ग्रसित व्यक्ति खोल सकता है अपनी उन्नति की राह के बाधित मार्ग।किया कराया के लक्षण- किया कराया कैसे पहचानेलेकिन दोस्तों-प्रश्न यह उठता है कि किया कराया हुआ है, यह कैसे पहचाना जाए इसके लक्षण क्या है किया कराया से जीवन में क्या प्रभाव पड़ रहा है इन सब प्रश्नों के उत्तर में हम आपको किया कराया हटाने उतारने के उपाय को आजमाने के पहले इनके लक्षण बता रहे हैं जिन्हें आप सही तरीके से जान ले ये हैं•सही तरीके से नींद ना आना या नींद में कमी•गले में खिंचाव सा महसूस करना •चलने की गति बढ़ जाना•हर वक्त मन का अशांत रहना•बेवजह सांसो का भारी होना•चेहरा का कांति-विहिन और निस्तेज होना•हर समय यह महसूस होना कि कोई आस पास है।•बेवजह कलह करना।•परिवार में किसी की आकस्मिक मृत्यु•अचानक से व्यापार में घाटा होने लगना•किसी भी कार्य में उत्साह का अभाव•हर पल निराशा से घिरे रहना•शरीर पर बिना चोट लगे ही नील-नीले निशान।किया कराया जादू टोना हटाने का उपायकिसी भी व्यक्ति के इस तरह के लक्षण परिलक्षित हो तो यह सब किया धरा है यह समझ कर किया कराया हटाने उतारने के उपाय करने चाहिए। यह उपाय हैं–(1) ऊपरी कष्टों के निवारण हेतु हनुमान जी की पूजा अत्यंत उपयुक्त मानी गई है। उसके लिए पीड़ित व्यक्ति प्रतिदिन हनुमान जी की मूर्ति के सामने आसन बिछाकर बैठ जाए। उसके बाद धूप कर हनुमान चालीसा का पाठ करे।(2) घर में सुंदरकांड और बजरंग बाण के पाठ से भी किया कराया से मुक्ति मिलती है।(3) तुलसी जी का पौधा खरीद कर लाए और इसे अपने घर में स्थान दें। इस पर प्रतिदिन जल डाले और दीपक करें।(4) लहसुन को कूटकर उसका रस निकाले। अब इसमें हींग का पाउडर मिला लें। इस पेस्ट को पीड़ित व्यक्ति को सुंघा दे।(5) अशोक वृक्ष के सात पत्ते लेकर आए। इन्हें साफ कर अपने घर के मंदिर में स्थान दे। प्रति दिन इनकी पूजा करें। इनके सूखने इन्हें पीपल के पेड़ के नीचे रखे तथा अपने पूजा स्थान पर अशोक के सात दूसरे पत्ते रखे। इस उपाय को तब तक करें जब तक कि आपको यह महसूस नहीं होने लगे कि आपके कष्ट का निवारण हो गया है।(6) महाकाली की आराधना करें और हर दिन सुबह शाम उनके सामने दो-दो अगरबत्ती जलाए।(7) विघ्नहर्ता गणेश जी की अर्चना करें और प्रत्येक दिन एक साबुत सुपारी उन्हें अर्पण करें।(8) लवंग और कपूर को एक साथ मिला ले। अब रात को शयन के पूर्व अपने पूजा स्थान में एक चांदी के बर्तन में रखकर इसे जला दे।(9) निकट के किसी हनुमान जी के मंदिर में जाए। उनका श्रंगार करें। तत्पश्चात उन्हें चोला चढ़ाएं। इस क्रिया को आप शनिवार या मंगलवार को करे।(10) लाल रंग का एक नया कपड़े का टुकड़ा ले। इसमें तगर और गोरोचन को बांधे तथा अपने पूजा स्थल पर रखें।(11) पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में धतूरे का पौधा को इसके जड़ सहित उखाड़ ले। इसे अपने घर में उल्टा करके इस तरह मिट्टी में गाड़े कि पौधे का पूरा भाग जमीन के अंदर रहे और जो जड़ वाला भाग है वह जमीन के बाहर रहे। किया कराया हटाने उतारने के उपाय का यह एक अद्भुत उपाय है जिसे अपनाने से व्यक्ति को अपने घर में सुख और शांति की अनुभूति होगी।किया कराया उतारने के उपाय(12) दीपावली के दिन सरसों तेल या शुद्ध घी का दीपक जलाए। इससे बने काजल को आंख में लगाने से भूत पिशाच से रक्षा होती है।(13) सरसों के कुछ दाने अपने मुख्य द्वार के दोनों तरफ रखे प्रति दिन रात को।(14) अभिमंत्रित करें रुद्राक्ष को। अब इसका लॉकेट बनवाएं और गले में धारण करे।(15) किया कराया से बाधित स्थान पर गौ-मूत्र का छिड़काव कर लोबान से धूप करने पर कष्ट से छुटकारा पाया जा सकता है।(16) शहद की 5 बूंद और गाय का कच्चा दूध ले। इन्हें आपस में मिला दे। पूरे घर में इसका छिड़काव करें। बाकी दूध घर के मुख्य द्वार पर डाल दे। इस क्रिया को प्रतिदिन शाम के वक्त करें।(17) एक माला गायत्री मंत्र का जाप करें प्रतिदिन।(18) सवा किलो कोयला, सवा मीटर कपड़ा और एक किलो साबुत उड़द की दाल लेकर आए। अब काले कपड़े में कोयला और उड़़द को एक साथ डाल कर पीड़ित व्यक्ति के सर के ऊपर से सात दफा वार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दे।(19) काले धतूरे की जड़ खरीद के लाए। शुभ मुहूर्त देखकर किसी भी रविवार को इसे अभिमंत्रित कर ताबीज बनाए तथा संबंधित व्यक्ति को पहना दे।
स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1....
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