तांत्रिक क्रिया का तोड़ बचने के उपाय व लक्षण- तन्त्र-मन्त्र की बातें आज के वैज्ञानिक युग में बेमानी सी महसूस होती है और इस पर यकीन करना बड़ा मुश्किल होता है। लेकिन कभी-कभी हमारे सामने कुछ ऐसी घटनाओं का प्रदर्शन होता है कि विज्ञान पर विश्वास करते हुए भी हम विचार में पड़ जाते हैं व मेडिकल साइंस और विज्ञान दोनों ही जिसका सामने जवाब देने में असमर्थ हो जाते हैं। जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां आती है कि व्यक्ति का जीवन अव्यवस्थित हो जाता है, उसे कुछ समझ में नहीं आता कि हो क्या रहा है और इस समय तंत्र मंत्र का प्रभाव मान्यता प्राप्त करने लगता है। यह तांत्रिक क्रियाएं और टोटके व्यक्ति को बहुत ही परेशान करते हैं और इनका कु-प्रभाव उसके एवं उसके आसपास के वातावरण को प्रभावित करतें हैं और इसीलिए आज हम अपने पाठक वर्ग के लिए लेकर आए हैं तांत्रिक क्रिया का तोड़।तांत्रिक क्रिया के लक्षण व बचाव=तांत्रिक क्रिया का तोड़ जानने के पहले हम यह जान लें कि तंत्र मंत्र से प्रभावित लक्षण कैसे होते हैं। यह हैं–1=काले जादू से ग्रसित व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता चाहे उसे कितनी भी दवाइयां खिला दें। उसकी आवाज भी बदल सकती है। बैठे-बैठे बिना किसी कारण के वह अत्यधिक चिल्लाने लगता है व कभी-कभी एकदम शांत हो जाता है। उसमें कभी-कभी अप्रत्याशित बल भी आ जाता है।2=घर में अचानक से चमगादड़, उल्लू, बिल्ली, भंवरा या सांप घूमने लगे, घर में बिना बात के ही कलह होने लगे।3=दुकान या व्यवसाय में अचानक से मंदी आ जाए।4=घर में हर वक्त कोई ना कोई बीमार रहे या अचानक से किसी की मौत हो जाए।5=घर या दुकान में कोई अवांछित वस्तु जैसे शमशान की राख, कोयला का टुकड़ा, सिंदूर लगाया हुआ नींबू, जमीन में गिरे हुए सरसों के दानें आदि का पाया जाना।तान्त्रिक क्रियाओं का तोड़=१) गूगल में केसर और जावित्री मिला कर रख लें। अब इसे प्रतिदिन गाय के कडें की सहायता से जला कर सुबह और शाम दोनो वक्त घर में धूप करें। इस क्रिया को २१ दिनों तक बिना नागा के करने से तान्त्रिक क्रिया से राहत मिलती है।२) लहसुन का रस बना लें। इसमें हींग को घोल दें। अब संबंधित व्यक्ति को इसे सुघां दें, ऊपरी हवाओ से मुक्ति मिलेगी।३) पास के हनुमान मंदिर में चार साबुत लवंग और एक नींबू लेकर जाए सुबह स्नान करने के बाद। अब मूर्ति के सामने आसन बिछाकर बैठ जाए और नींबू के चारों तरफ एक-एक लवंग गाड़़ दें व भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी से अपने कार्य की सफलता के लिए प्रार्थना करें। तत्पश्चात इस लवंग वाले निबूं को अपने जेब में डाल लें। आपके कार्य में आई हुई बाधा दूर हो जाएगी।४) एक नारियल लें। इसे “ओम् रामदूताय नमः” मंत्र का जाप करते हुए किसी बहते हुए पानी या नदी में विसर्जित कर दें। इस क्रिया को आप सात शनिवार तक करें व साथ ही साथ हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें, तांत्रिक क्रिया अपने आप खत्म हो जाएगी।५) जड़ लें काले धतूरे की। इसको एक ताबीज में डालकर काले डोरे की सहायता से पीड़ित व्यक्ति के गले में धारण करा दें। यह कार्य किसी भी रविवार के दिन ही करें।६) प्रतिदिन घर में हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ करने के पहले शुद्ध होकर एक आसन बिछाकर बैठ जाएं। हनुमान जी का धूप-दीप से पूजन कर प्रसाद अर्पण करें, फिर पाठ करें।७) गोमती चक्र लेकर आए चार की संख्या में। किसी बुधवार को जो शुक्ल पक्ष में पढ़ता हो, इसे पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से वार लें सात बार तथा किसी चौरास्ता में जाकर चारों दिशा में फेंक कर बिना इन्हें देखे घर वापस आ जाएं।८) गंधक, लोहवान, साबुत काली मिर्च, राई आदि सामान इकट्ठा करके हनुमान जी के ऊपर से सात बार वार लें। अब इसे पीड़ित व्यक्ति के जेब में रख दें व कुछ दिन बाद निकाल कर गाय के सूखे हुए गोबर के साथ जला दें, बाधा कट जाएगी।९) शनिवार के दिन संबंधित व्यक्ति के ऊपर कच्चे दूध को सात बार वारे, तत्पश्चात इसे किसी काले कुत्ते को पिला दे।१०) घर में नारायण कवच का पाठ करें और साथ ही साथ पीड़ित व्यक्ति को भी इस पाठ में शामिल करें।११) घर के बगीचे में तुलसी व आक के पौधे को स्थान दे।१२) शनिवार के दिन पीपल के पाँच पत्ते पेड़ से तोड़ लें तथा डंडीदार आठ पान पत्ते भी लें। इन्हें लाल रंग के धागे में पीरो कर दुकान/गद्दी/ऑफिस की पूर्व दीवार में बांध दे। ऐसा करने से कोई भी तांत्रिक क्रिया हो, खत्म हो जाएगी।१३) एक साबुन सुपारी प्रतिदिन गणेश जी को अर्पित करें, साथ ही साथ किसी जरूरतमंद को अन्न दान करें एक कटोरी भर कर।तांत्रिक क्रियाओं से बचने के उपाय=१४) तांत्रिक क्रियाओं का प्रभाव काटने के लिए इस मंत्र को भी अपनाया जा सकता है, मंत्र है– “ॐ नमो आदेश गुरु का, एक ठौ सरसों सोला राई, मोरो पठवल कोरो जाय, जे करे ते मरै, उलट विद्या ताहि पै पड़े, शब्द साँचा पिंड काँचा, फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा, दुहाई श्री (संबंधित व्यक्ति का नाम) की।” मंत्र का प्रयोग आरम्भ करने के पहले आप तीन/पाँच/सात डली नमक की और लाल सरसो के सोलह दाने लें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख कर कर आसन पर बैठ जाए तथा नमक और राई को अपनी मुट्ठी में बांधकर ऊपर दिया गया मंत्र पढ़ें। प्रत्येक मंत्र की समाप्ति के बाद मुट्ठी पर फूंक मारें। इस क्रिया को सात बार करें अर्थात सात बार मंत्र पढ़े और सात बार फूंक मारें। इसके बाद मुट्ठी को अपने सीने के सामने और सर के ऊपर से सात बार घुमाने के बाद जलती हुई आग में डाल दें। इस क्रिया को करने से, किसी ने जादू टोना किया है तो उस टोने का प्रभाव करने वाले के ऊपर ही वापस चला जाएगा। इस क्रिया के द्वारा आप किसी की नजर भी उतार सकते हैं और अपनी दुकान या घर को भी कुप्रभाव से बचा सकते हैं।
शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १) “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और ...
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