यक्ष साधना प्राचीन समय से ही प्रचलित रही है ये काफी रहस्यमय साधना है ये रक्षा के लिये हमेशा साये के रूप मे साथ रहते हैइनकी साधना से साधक को धन लाभ बहुत होता है लेकिन साधक को उस धन का दुरूपयोग नही करना चाहिये इस साधना से साधक बहुत चमत्कार दिखा कर लोगो को आश्चर्य मे डाल सकता है किसी छोटी मोटी वस्तु को मगॉ देना किसी के बारे मे बता देना किसी की ऱक्षा करना यक्ष साधक के लिये बाये हाथ का खेल होता है यदि ये पूर्ण प्रसन्न हो जाये तो स्वयं धन देता हैसट्टे लॉटरी के नम्बर अचूक देता हैअगर इसकी शक्ति का दुरूपयोग नही करे तो ये कुछ दिनो मे अपने साधक को करोड पति बना देता है साधना विधि
साधक सबसे पहले येसी मिट्टी लाये जिससे मूर्ति बन सके न मिले तो कुम्हार के घर से कुछ ₹ देकर ले आये फिर उसकी एक मूर्ति बना ले जैसी बन जायेउसके लिये कपडे लाल रंग के सिर पर मुकुट यानि राजशाही बालगोपाल के कपडे जैसे लेकर आये
शुक्रवार को रात ११ बजे नहाकर दक्षिण दिशा की ओर मुह करके लाल आसन पर बैठे
सामने मूर्ति स्थापित करे
संकल्प ले
घी का चौमुखा दीपक लगाये
गुरू गणेश इष्ट कुलदेव आदि का पूजन करे पूजन की विधि मेरे ब्लोग से देखे फिर यक्षराज श्री कुबेर महाराज का पंचोपचार पूजन करे उनसे साधना की आज्ञा ले फिर यक्ष का आवाहन करे पंचोपचार पूजन करे मूर्ति का सिन्दूर से मूर्ति का तिलक करे अपने तिलक करे
धूप दीप फल मिठाई सेन्ट पुष्प चावल चंदन आदि से पूजन करे
पूजन करके लाल हकीक की माला से मंत्र का 21 माला जाप करे
जप मे कुछ अनुभूति हो तो डरे नही ये साधना सफल होने के लक्षण है
जप के बाद क्षमा याचना करे वही कमरे मे सोये11दिन साधना करते रहे ११ वे दिन दर्शन होने पर गुलाब के फूलो की माला गले मे पहना कर तीन वचन लेले इसके बाद जब भी तुम इसे बुलाओगे ये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रह कर कार्य कर देगा
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