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अमावस्या वाली रात तंत्र साधना

अमावस्या वाली रात तंत्र साधना में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है | इस दिन तांत्रिक क्रियाओं के सिद्ध योगी विभिन्न क्रियाओं का लाभ उठाते हैं | इसके अलावा इस दिन कई तरह के टोटके भी किए जाते हैं  जो विभिन्न समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं | चलिए.. आप भी जाने हमारे साथ अमावस्या की रात तंत्र साधना/टोटक/उपाय|
अमावस्या की रात तंत्र साधना टोटके
अमावस्या की रात तंत्र साधना
तांत्रिक क्रिया-कलापों के क्षेत्र में अमावस्या  विशेष महत्वपूर्ण है | यह अमावस्या अगर शनिवार या किसी ग्रहण वाले दिन पड़ती है तो तंत्र क्रियाओं के लिए सोने में सुहागा | नीचे दिए गए प्रयोग को किसी भी अमावस्या वाले दिन करें और अपनी हर प्रकार की समस्या से निदान पाएं |
विधि– किसी भी अमावस्या वाले दिन अर्ध रात्रि को श्मशान में जाए निम्नलिखित सामग्री लेकर —
लाल सिंदूर
एक छोटी शराब की बोतल
मोमबत्ती ५ की संख्या में
एकदम ताजा नींबू ५ नग
तेज धार वाला चाकू
एक बड़ा दीपक
सरसों का तेल
श्मशान घाट में जाकर सबसे पहसे श्मशान भूमि को प्रणाम करें | अब किसी भी स्थान पर बैठ जाए तथा दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं और पांचों मोमबत्ती भी उसके चारों ओर जला दें | इसके बाद वहीं पर शराब चढ़ा दें | तीनों नींबू को बारी बारी से घड़ी की दिशा में अपने सर के ऊपर से  तीन बार घुमाकर नीचे रख कर एक ही बार में चक्कू से से काट दें | फिर कटे हुए भाग पर लाल सिंदूर लगाएं | अब हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना को दोहराए | भूमि को प्रणाम करें और सभी सामग्री को वहीं पर छोड़ दें और घर लौट आएं | ध्यान रहे हैं घर लौटने के वक्त पीछे मुड़कर नहीं देखना है | घर में घुसने से पहले अपने हाथ पैरों को जरूर से धो लें | किसी के सामने   इसका जिक्र भी न करे | चार- पाँच अमावस्या को इसी प्रकार प्रक्रिया को दोहराएं | आपको सुखद परिणाम प्राप्त होगा |
अमावस्या की रात के टोटके
१) अमावस की रात को अगर महिलाएं पीपल के वृक्ष की पूजा करती है और उसकी परिक्रमा करती है तो उसके सुहाग के उम्र में वृद्धि होती है | साथ ही साथ उनके पापों का खात्मा भी होता है |
२) गाय या बछड़े ( लाल रंग के ) को गुड़ खिला दे पीपल की पूजा करने के बाद | इस से संतान की प्राप्ति का योग बनता है |
३) जड़ ले लटजीरा की | आप इसे अमावस्या की रात को किसी श्मशान में ले जाकर जला ले और इसकी भष्म बनाए | फिर इसमें पानी मिलाकर लेप तैयार कर लें | अब इस लेप को किसी विक्षिप्त व्यक्ति के ललाट पर लगा  देने से वह व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है |
४) किसी शिवालय जाएं अमावस्या वाले दिन प्रातः काल | शिवजी की कच्चे दूध, जल, बिल्व-पत्र, धतूरा, आक व धूप-दीप से पूजन कर अर्पित करें सवा किलो चावल | पूजन समाप्त होने पर किसी निर्धन को यह चावल दान में दे दें | यह दान दानकर्ता को अक्षय पुण्य का भागी बनाता है |
५) गाय को चारा व गुड़ खिलाए अथवा किसी गौशाला में इस निमित्त धन दें अमावस्या को |
६) एक दीपक प्रज्वलित करें पीपल के वृक्ष के नीचे अमावस्या की संध्या को | यह टोटका आपकी कुंडली के विभिन्न प्रकार के दोषों को दूर करता है | साथ ही साथ कृपा भी बरसती है सभी देवी देवताओं की |
७) इस दिन हनुमान जी के मंदिर में जा कर पाठ करें हनुमान चालीसा का | यह पाठ आप मंदिर के स्थान  पर पीपल के पेड़ के नीचे भी कर सकते हैं दीपक जला कर |
अमावस्या के दिन धन लाभ के उपाय
ऐसी मान्यता है कि अमावस वाली रात को मां लक्ष्मी जिसके घर में प्रवेश करती है वहां विराज जाती है अपनी सारी शक्तियां सहित | साथ ही साथ उस घर पर उनके आशीर्वाद रुपी कृपा की बारिश होती है | अमावस्या वाले दिन आप मां की कृपा और धन की प्राप्ति के लिए यह उपाय अपनाएं —
१) लक्ष्मी माता के चरण के प्रतीक चिन्ह बनाएं अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रोली ( कुमकुम ) द्वारा |
२) अमावस की रात्रि को मां लक्ष्मी की पूजा करे पुर्ण विधि- विधान से और 108 बार जाप करें दिए गए मंत्र का | मंत्र है –”ॐ पहिनी पक्षनेत्री पक्षमना लक्ष्मी दाहिनी  वाच्छा भूत-प्रेत सर्वशत्रु हारिणी दर्जन मोहिनी रिद्धि सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा |“
३) धन संबंधी लाभ पाने के लिए अमावस्या वाले दिन पूजन करें पीपल के वृक्ष का और साथ ही साथ जनेऊ अर्पण करें | इसके अलावा विष्णु भगवान का स्मरण करते हुए उनके श्रीहरि मंत्रों का जप करें |
अमावस्या पर वशीकरण टोटके
१) लाल रंग की स्याही द्वारा नगाड़े पर श्री यंत्र को लिखें और फिर नगाड़ा को बजाएं यह टोटका आपके दुश्मन को वशीभूत कर देगा २) किसी को भी अपने वश में करने के लिए आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं -” ॐ अनुरागिनी मैथन प्रिये स्वाहा | शुक्लपक्षे, जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत |“ स्नानोपरान्त कपड़ा पहने नीले रंग का | अब आसन के ऊपर बैठ जाएं | चेहरे की दिशा पूर्व की ओर रखें | आसन का रंग भी नीला ही रखें | फिर सवा मीटर नीले रंग के कपड़े पर छोटी इलायची ११ दानें, पांच खारक, नीले कपड़े का एक रुमाल, ११ दानें लौंग, एक लड्डू इत्यादि रखें | इसपर इत्र लगाए | सारे समान को बाँध लें इसी नीले कपड़े में | उसके बाद सरसों के तेल से चौमुखा दीपक जलाएं | पानी भर कर रखें मिट्टी के बर्तन में | गुलाब का फूल पास में रखें | अब ऊपर दिया गए मंत्र को जापे | जाप करते वक्त किसी लोहे की कांटी से लकीरें खींच ले अपने चारों तरफ | जाप की इस क्रिया को ४० दिनों तक हर रोज करें | मंत्र करने के बाद हर रोज नदी के बहते हुए पानी में अपनी प्रतिछाया  देखें और प्रतिदिन मंत्र के संपूर्ण होने के बाद सारी सामग्री जिस कपड़े में बंधी हुई थी उस कपड़े सहित पानी में विसर्जित कर दें | मंत्र जाप करते समय जिस को अपने वश में करना चाहते हैं उसका नाम लेते हुए जाप करें | जाप संख्या हो ११०० हर दिन | इस क्रिया को आरंभ करें कृष्ण पक्ष में पड़ने वालीे अमावस्या को |

 

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