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जून, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चमत्कार हो जाएगा जीवन में इन 11 में से कोई एक चीज घर में लाकर रखें

धन, समृद्धि, शांति एवं निरोगी काया के लिए, घटना-दुर्घटना,  गृहकलह से बचने के लिए  एवं ग्रह-नक्षत्र के दुष्प्रभाव से बचने के लिए यहां प्रस्तुत है लाल किताब के कुछ उपाय। इन 11 चीजों में से कोई एक भी अगर आपने घर में लाकर रखी तो जीवन में होने वाले बदलाव आपको चौंका देंगे। ठोस चांदी का हाथी :  घर में ठोस चांदी का हाथी रखना चाहिए। कुछ लोग अपनी जेब में शुद्ध चांदी का एक छोटा सा हाथी रखते हैं। पीतल और तांबे के बर्तन :  पीतल के बर्तन में भोजन करना, तांबे के बर्तन में पानी पीना लाभकारी होता है। घर में पीतल और तांबे के प्रभाव से सकारात्मक और शांतिमय ऊर्जा का निर्माण होता है। असली शहद :  एक कांच या मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर उचित रखना चाहिए। कुछ लोगों को सुबह खाली पेट शहद खाने की सलाह भी दी जाती है। पत्थर की घट्टी :  अब आजकल घरों में आनाज पीसने की छोटी घट्टी नहीं मिलती हालांकि ग्रामिण क्षेत्रों में अभी भी यह पायी जाती है। इसी तरह मसाला आदि पीसने का पत्थर, या खलबत्ता भी बहुत कम घरों में होता है। मात्र एक बाइ एक फुट की घट्टी आप अपने घर में रखें। चांदी की डिब्बी :  एक चांदी की डिब्बी में

नवग्रहों को सुगंध से प्रसन्न करें, हर ग्रह को है कोई खास सुगंध पसंद

यदि आपको लगता है कि कोई ग्रह या नक्षत्र आपकी जिंदगी में परेशानी खड़ी कर रहा है तो आप  सुगंध  से इन ग्रह नक्षत्रों के बुरे प्रभाव को दूर कर सकते हैं। तो जानिए कि कैसे सुगंध से ग्रहों की शांति की जा सकती है।                                                                                          सूर्य ग्रह :  यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह बुरे प्रभाव दे रहा है तो आप केसर या   गुलाब की सुगंध  का उपयोग करें। घर के लिए रूम फ्रेशनर लाएं और शरीर के लिए इस सुगंध का कोई इत्र उपयोग करें। चंद्र ग्रह :  चंद्रमा मन का कारण है अत: इसके लिए चमेली और रातरानी के इत्र का उपयोग कर सकते हैं। मंगल ग्रह :  मंगल ग्रह की परेशान से मुक्त होने के लिए लाल चंदन का इत्र, तेल अथवा सुगंध का उपयोग कर सकते हैं। बुध ग्रह :  बुध ग्रह की शांति के लिए चंपा का इत्र तथा तेल का प्रयोग बुध की दृष्टि से उत्तम है। गुरु ग्रह :  केसर और केवड़े का इत्र के उपयोग के अलावा पीले फूलों की सुगंध से गुरु की कृपा पाई जा सकती है। शुक्र ग्रह :  शुक्र को सुधारने के लिए सफेद फूल, चंदन और कपूर की सुगंध लाभकारी होती है। चंपा, चम

सालों से प्रोमोशन नहीं हुआ, जानिए बॉस बनने के 6 नुस्खे

ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए मेहनत तो हम सभी करते हैं। लेकिन इस मेहनत के साथ अगर चंद और बातों पर अमल किया जाए तो सोने पर सुहागा हो जाए। जानकारों के मुताबिक़ जिज्ञासा होना, हर तरह के मुक़ाबले और चुनौती के लिए तैयार रहना, कर्तव्यनिष्ठ होना, अपने साथियों के साथ सामंजस्य बनाना, ख़तरा उठाने का दम रखना, प्रोफ़ेशनल ज़िंदगी में कामयाबी के मूल मंत्र हैं। अगर इन पर अमल किया जाए तो कामयाबी आपके क़दम चूमेगी। वहीं, एक रिसर्च ये इशारा भी करती है कि अगर इन हुनरों पर अमल करते हुए कहीं कोई ज़्यादती हो जाती है, तो उसका नुक़सान भी होता है। किसी भी फ़लसफ़े पर अमल करते हुए हमें सबसे पहले अपनी कमज़ोरियों से वाक़िफ़ होना ज़रूरी है। फिर उन कमज़ोरियों को अपनी ताक़त बनाने के तरीक़े पर काम करना चाहिए। कंपनियां कैसे जांचती है काबिलियत बहरहाल किसी भी इंसान की प्रोफ़ेश्नल लाइफ़ के पहलुओं को समझने के लिए अभी तक जो तरीक़े अपनाए गए हैं, उनमें कई बहुत पुराने हैं। मौजूदा दौर में जो तरीक़ा सबसे ज़्यादा अपनाया जा रहा है उसका नाम है 'मेयर्स ब्रिग्स टाइप इंडिकेटर' यानी (एमबीटीआई)। इसके तहत लोगों को उनके सोच

नौकरी की तलाश है तो यह 10 बहुत सरल और सुरक्षित टोटके आजमाएं

नौकरी हर इंसान की जरूरत है। लेकिन कई प्रयासों के बाद भी जब नौकरी न मिले तो स्वाभाविक रूप से हम भाग्य को कोसने लगते हैं। यह 10 उपाय हैं खास आपके लिए... 1. शनिदेव की आराधना आप प्रत्येक शनिवार को शनि मंदिर जाकर शनिदेव को सरसों तेल व काले तिल अर्पित करें व 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र के 43 जप करें। 2.सात तरह के अनाज सात तरह के अनाज मिलाकर अपने ऊपर से सात बार उतार लें व थोड़ा-थोड़ा कर सुबह-सुबह पक्षियों को खिलाना शुरू कर दें।                                                                                       3. हनुमान जी की फोटो अपने पूजा स्थान पर उड़ते हुए हनुमान जी की फोटो लगाएं व उनकी आराधना करें। आपके नौकरी के द्वार शीघ्र ही खुलने लगेंगे। आपको नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाना है तो घर से निकलने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। 4. पीपल में जल पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से सभी देवता व अपने पित्र देव प्रसन्न होते हैं। 5 कुंए में दूध किसी भी दिन पानी वाले कुंए में थोडा दूध डालें और इस बारे में किसी को भी न बताएं नौकरी पाने का यह एक कारगर टोटका है। 6 . शि

गुड़ सिर्फ स्वाद और सेहत ही नहीं देता है इसके उपाय भी चमत्कारी हैं.. यह 8 टोटके

स्वाद और सेहत के साथ गुड़ के यह 8 ज्योतिष उपाय आपको खुश कर देंगे >   गुड़ मीठा होता है और रिश्तों को भी मीठा बनाता है। स्वाद और सेहत के साथ गुड़ पूजा और टोटके के भी काम में आता है। यहां पेश है गुड़ के ऐसे खास उपाय, जो हर संकट से बचाए...    पहला अचूक टोटका किसी भी प्रकार का भय हो तो तांबे के बर्तन में गुड़ रखकर हनुमानजी के मंदिर में दान दें और वहीं बैठकर धूप-दीप जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा कुछ मंगलवार और शनिवार को करें। फिर जब भी समय मिले तो श्रद्धा अनुसार करते रहें। इससे आपके जीवन का हर प्रकार का भय समाप्त होगा।                                                                                                           दूसरा अचूक टोटका पत्रिका में सूर्य कमजोर है तो गुड़ खाकर जल पीकर कार्य प्रारंभ करें। बहते पानी में गुड़ बहाएं। 800 ग्राम गेंहू व 800 ग्राम गुड़ रविवार से 8 दिन तक मंदिर में भेंट करें। सूर्य द्वादश भाव में हो तो बंदरों को गुड़ खिलाएं।   तीसरा अचूक टोटका  स्थाई संपत्ति हेतु : यदि लाख प्रयत्न करने के बाद भी आपका कोई मकान नहीं बन पा रहा है या बनने के ब

शादी, रोमांस और धन के लिए इत्र के 13 तांत्रिक प्रयोग, इतने दुर्लभ कि आप सोच भी नहीं सकते..

इत्र एक ऐसा सुगंधित पदार्थ होता है जिसका इस्तेमाल प्राचीनकाल से होता आया है। हम यहां बता रहे हैं इत्र के ऐसे 13 उपाय जो विशेषज्ञों द्वारा मान्य और सात्विक हैं। ध्यान रखें कभी भी  सेंट या इत्र  लगाकर न सोएं इससे पारलौकिक शक्तियां आकर्षित                                    पहला अचूक टोटका पति-पत्नी में प्रेम बना रहे इसके लिए पत्नी बुधवार को 3 घंटे का मौन रखें। इसके बाद शुक्रवार को अपने हाथ से साबूदाने की खीर मिश्री डालकर बनाएं और अपने पति और घर के बाकि सदस्यों को खाने के लिए दें और इसी दिन मंदिर में इत्र का दान करें एवं अपने कक्ष में भी इत्र रखें। इस उपाय से दोनों के प्रेम में अवश्य ही वृद्धि होगी और संबंध मजबूत रहेगा। दूसरा अचूक टोटका पति की आयु के लिए : यदि कोई स्त्री लाल सिंदू, इत्र की शीशी, चने की दाल और केसर का दान करें तो इस उपवास से उस स्त्री के पति की आयु में वृद्धि होती है। तीसरा अचूक टोटका किसी भी पूजन के समय तेज सुगंध और इत्र का प्रयोग करें। ऐसी मान्यता है कि अच्छे और तेज इत्र का प्रयोग करने से लक्ष्मी की कृपा तुरंत प्राप्त होती है और घर में धन संबंधी कभी समस्याएं

काजल की 21 बिंदियों से बदल सकती है किस्मत... जानिए काजल के 8 उपाय

काजल का पहला टोटका यदि आपके परिवार में हमेशा कलह रहता हो पारिवारिक सदस्य सुख शांति से न रहते हो तो शनिवार के दिन सुबह काले कपड़े में जटा वाले नारियल को लपेटकर उस पर काजल की 21 बिंदी लगा लें। और घर के बाहर लटका दें। हमेशा घर बुरी नजर से बच कर रहेगा और हमेशा सुख-शांति रहेगी। यह उपाय घर और घर के मालिक की किस्मत बदल सकता है।                                    काजल का दूसरा टोटका रवि पुष्य योग (रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की रूई मिलाकर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाएं। फिर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल निकालें। इस काजल को रात में अपनी आंखें में लगाने से हर कोई वश में हो जाता है। ऐसा काजल किसी को नहीं देना चाहिए। काजल का तीसरा टोटका नवजात की आंखों में काजल लगाना देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित एक सदियों पुराना रिवाज है। शिशु को बुरी नजर से बचाने के लिए उसकी आंखों में सुरमा या काजल लगाया जाता है। पुरानी परंपरा के अनुसार काजल या सुरमा लगाने से शिशु की आंखें उज्ज्वल, बड़ी और आकर्षक दिख सकती हैं। मगर, कोई शोध यह बात साबित नहीं करता है। यह बच्चों

पूजा सुपारी के 10 ऐसे उपाय, जो बदल देंगे आपके मुसीबत के दिन

जब सुपारी की विधिवत पूजा की जाती है तो वह चमत्कारी हो जाती है। अगर आप इस चमत्कारी सुपारी को हमेशा अपने पास रखते हैं तो जीवन में कभी भी पैसों की तंगी नहीं रहती है। आइए जानें सुपारी के 10 सटीक उपाय... 1. पूजा की सुपारी पर जनेऊ चढ़ाकर जब पूजा जाता है तो यह अखंडित सुपारी गौरी गणेश का रूप बन जाती है। इस सुपारी को तिजोरी में रखने पर घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करने लगती हैं और इससे सौभाग्य आने लगता है। 2.पूजा में इस्तेमाल की गई सुपारी को तिजोरी में रखना भी लाभदायक होता है। सुपारी को धागे में लपेटें और अक्षत, कुमकुम लगाकर पूजा जरूर कर लें। पूजा करके तिजोरी में रखी गई सुपारी बहुत लाभदायक होती है। 3. व्यापार में तरक्की के लिए भी सुपारी बहुत सहायक होती है। माना जाता है कि शनिवार की रात पीपल के पेड़ की पूजा करके सुपारी और उसके साथ एक रुपये का सिक्का रखें। अगले दिन उस पेड़ का पत्ता तोड़कर लाएं उस पर सुपारी रखें और इसे अपनी तिजोरी में रखें इससे व्यापार में बढ़ोत्तरी होती है। 4. पान का पत्ता रखें उस पर सिन्दूर में घी मिलाकर स्वस्तिक बनाएं और उस पत्ते पर कलावे में लपेटी हुई सुपारी रख क

यात्रा करने से पहले जान लें दिशाशूल का महत्व और करें ये उपाय

ज्योतिष में दिशाशूल का बहुत महत्व है। यदि एक दिन में गंतव्य स्थान पर पहुंचना और फिर वापस आना निश्चित हो तो दिशाशूल विचार की आवश्यकता नहीं है। किंतु अगर लंबी दूरी की यात्रा या लंबे समय की यात्रा पर जाना है तो दिशाशूल का विचार अवश्य किया जाना चाहिए। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है दिशाशूल, दिन तथा यात्रा करने से पहले दिन के अनुसार उपाय किए जाए तो यात्रा में सफलता अवश्य प्राप्त होगी। आइए जानें...                                                                                                          दिशाशूल और   वार  : पूर्व दिशा - सोमवार, शनिवार। पश्चिम दिशा - रविवार, शुक्रवार। दक्षिण दिशा - गुरुवार। उत्तर दिशा - मंगलवार, बुधवार। उपरोक्त दिशाओं के सामने दिए गए वारों में उक्त दिशा में दिशाशूल होता है। अतः उक्त दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए अथवा यात्रा करने से बचना ‍चाहिए। * रविवार, गुरुवार, शुक्रवार के दोष रात्रि में प्रभावित नहीं होते हैं। * सोमवार, मंगलवार, शनिवार के दोष दिन में प्रभावी नहीं होते हैं। किंतु बुधवार तो हर प्रकार से त्याज्य है।                             

तिजोरी के 13 टोटके

तिजोरी यानी धन की पेटी अधिकांश घरों में होती है। यह ऐसी जगह होती है जहां हम अपनी कीमती सामग्री और धन-पैसा रखते हैं। यह तिजोरी कभी खाली नहीं रखना चाहिए। यहां  धन की आवक  बनी रहे इसलिए कुछ लाजवाब टोटके लाए हैं हम आपके लिए... पहला टोटका तिजोरी में रखें पूजा की सुपारी : पूजा की सुपारी पूर्ण एवं अखंडित होती है। इसीलिए इसको पूजा के समय गौरी-गणेश का रूप मानकर उस पर जनेऊ चढ़ाई जाती है। बाद में उस पूजा की सुपारी को तिजोरी में रखना चाहिए क्योंकि जहां गणेशजी यानी बुद्धि के स्वामी का निवास होता है वहीं लक्ष्मी का निवास होता है। इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई निवास होता है। लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें। सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें। दूसरा टोटका तिजोरी में रखें ये वस्तुएं : शुक्रवार को पीले कपड़े में 5 कौड़ी और थोड़ी-सी केसर, चांदी के सिक्के के साथ बांधकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। उसके साथ थोड़ी हल्दी की गांठें भी रख दें। कुछ दिनों में ही इसका असर होने लगेगा। तीसरा टोटका रहे

बावन वीर एवम वीर कंगन साधना

52 बावन वीर एवम वीर कंगन  साधना ********************************** वीर मूल रूप से भैरवी के अनुयायी होते है और भगवान भैरव की उपासना करके उनके गण कहलाते है जैसे भगवान भैरव महादेव महाकाल के गण है उसी प्रकार वीर भैरव के गण कहलाते है।भैरव भगवती काली के पुत्र है इसी कारण वीर देवी महाकाली के दूत भी कहलाते है ,जब भी आप शत्रु के सर्वनाश के लिए महाकाली का कोई अनुष्ठान करते है तो सर्वप्रथम शत्रु पर वीर चलाकर एक बार चेतावनी देने का विधान है इस चेतावनी के बाद ही काली की शक्ति शत्रु पे कार्य करती है। वीर साधना का विधान बहुत ही गुप्त है वीर साधना 61 दिन तक एक कमरे में बंद हो कर करनी पड़ती है जहां साधक का मुख 61 दिन तक गुरु के अलावा कोई नही देख सकता ,साधना काल मे महाकाली एवं भैरव-हनुमान की प्रतिमा के अलावा 52 पुतलियों की आवश्यकता होती है।काला वस्त्र एवं आसान का उपयोग होता है इस साधना काल ने 61 दिन ,दाँतो को साफ करना,बाल काटना,बालो में तेल लगाना,नहाना,खाना खाने के बाद मुख शोधन करना,कपडे बदलना या धोना,नाखून-बाल काटना,नाक-कान साफ करना,झूठे बर्तनों को धोना,जिन बर्तनों में भोजन सामग्री बनाई जाती है उस बर्

ज्योतिष से जानें जीविका के रहस्य

ज्योतिष से जानें जीविका के रहस्य से जाने जीविका के रहस्य पं. सुनील जोशी जुन्नरकर जन्मांग चक्र का दशम भाव कर्म भाव कहा जाता है। इसके स्वामी को दशमेश या कर्मेश कहा गया है। दशम भाव से व्यक्ति की आजीविका का विचार किया जाता है। अर्थात् व्यक्ति सरकारी नौकरी करेगा अथवा प्राइवेट, या व्यापार करेगा तो कौन सा, उसे किस क्षेत्र में अधिक सफलता मिलेगी। आज अधिकांश लोग अपनी आजीविका से संतुष्ट नहीं हैं, उनका र्काक्षेत्र या कर्म का प्रकार उनके मन के अनुकूल नहीं है। अब प्रश्न उठता है कि  ज्योतिष  शास्त्र के अनुसार मनोनुकूल कार्य कौन सा हो सकता है, उसका निर्धारण कैसे हो? मन का स्वामी चंद्र जिस राशि में हो उस राशि से स्वामी ग्रह की प्रकृति के आधार पर या चंद्र से उसके युति अथवा दृष्टि संबंध के आधार पर यदि कोई व्यक्ति अपनी आजीविका (व्यापार नौकरी) का चयन करता है अथवा कार्यरत है तो वह कैरियर उसके मन पसंद का होगा। शासकीय उपक्रमों का निजीकरण, बढ़ती आबादी और आधुनिकीकरण (मशीनीकरण) आदि ने भारत में बेरोजगारी की समस्या को और अधिक बढ़ा दिया है। एक ओर तो सरकारी नौकरियांे के टोटे हैं, वहीं दूसरी ओर व्यापार में गलाकाट प्रत

उपयोगी टोटके

कुछ उपयोगी टोटके क्रोध को शांत करने के लिए यदि पति, पत्नी या परिवार का कोई भी सदस्य क्रोध में सबको अपमानित कर देता हो अथवा तोड़-फोड़ करता हो उसे इस उपाय से शांत करें तो यह देख लें कि क्रोध करने वाले की आयु कितने वर्ष है उतनी डंठल वाली सूखी लाल मिर्च से उतने ही बीज लें और जब क्रोधी सदस्य घर में हो तो उन बीजों को आग पर डाल दें। शत्रु के सताये जाने पर उससे अपने को इस प्रकार मुक्त करें। अश्विनी नक्षत्र में पीपल की दस अंगुल नाप कर कील जिस घर में दबा दी जायेगी, उस घर में रहने वालों का उच्चाटन हो जाता है। अतः भुक्त भोगी को चाहिए कि वह एक पीपल की डाल लाकर उससे अश्विनी नक्षत्र में कील बनाकर इसी नक्षत्र में जो शत्रु है उसके घर में गाड़ देने से शत्रु से छुटकारा मिल जाता है। शनि की साढ़ेसाती एवं उसका प्रभाव: जन्म कुंडली  में शनि की स्थिति ठीक हो अथवा शुभ ग्रह की दशा चल रही हो, तो साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है। इसलिए  कुंडली  का अध्ययन आवश्यक है। यदि अशुभ प्रभाव हो तो यह उपाय करें। शनि की शांति के लिए 5 से 7 रŸाी का नीलम धारण करना चाहिए। यह रत्न शनि के अशुभ प्रभाव को कुछ घंटांे में ही कम कर देता है। फ

इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य

इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य==== कोई मंत्र कब होता है सिद्ध, एक लाख बार जपने पर या कि 108 बार जपने पर ही सिद्ध हो जाता है? सिद्ध हो जाता है तब क्या होता है? यह तो सवाल आपके मन में जरूर होंगे तो चलो इस बारे में बताते हैं। मुख्यत: 3 प्रकार के मंत्र होते हैं-  1.वैदिक 2.तांत्रिक और 3.शाबर मंत्र।..पहले तो आपको यह तय करना होगा कि आप किस तरह के मंत्र को जपने का संकल्प ले रहे हैं। साबर मंत्र बहुत जल्द सिद्ध होते हैं, तांत्रिक मंत्र में थोड़ा समय लगता है और वैदिक मंत्र थोड़ी देर से सिद्ध होते हैं। लेकिन जब वैदिक मंत्र सिद्ध हो जाते हैं और उनका असर कभी समाप्त नहीं होता है। मंत्र जप तीन प्रकार हैं: - 1.वाचिक जप, 2. मानस जप और 3. उपाशु जप। वाचिक जप में ऊंचे स्वर में स्पष्ट शब्दों में मंत्र का उच्चारण किया जाता है। मानस जप का अर्थ मन ही मन जप करना। उपांशु जप का अर्थ जिसमें जप करने वाले की जीभ या ओष्ठ हिलते हुए दिखाई देते हैं लेकिन आवाज नहीं सुनाई देती। बिलकुल धीमी गति में जप करना ही उपांशु जप है। मंत्र नियम :  मंत्र-साधना में विशेष ध्यान देने वाली बात है- मंत्र

कैसे पता करें शाबर मंत्र सिद्ध हुआ की नहीं ? सिद्ध शाबर मंत्र को प्रयोग कैसे करें

कैसे पता करें शाबर मंत्र सिद्ध हुआ की नहीं ? सिद्ध शाबर मंत्र को प्रयोग कैसे करें= शाबर मंत्र साधना व वैदिक मंत्र साधना के पश्चात् अधिकतर साधकों के मन में यह प्रश्न उठता है कि उनके द्वारा सिद्ध किया गया मंत्र सिद्ध हुआ कि नहीं | मंत्र को सिद्ध करने के पश्चात् उसे किस प्रकार से प्रयोग करना है ? यह प्रश्न भी महत्वपूर्ण है | वैसे तो दोनों प्रकार के मन्त्रों को प्रयोग करने की विधि एक जैसी है किन्तु शाबर मंत्र के विषय में एक प्रश्न उठता है कि ये मंत्र तो पहले से ही सिद्ध होते है तो इनको सिद्ध करने की क्या आवश्यकता है ? शाबर मंत्र साधना में शाबर मन्त्रों को सिद्ध    नहीं किया जाता बल्कि इन मन्त्रों में परिपक्वता लाने के लिए एक निश्चत संख्या में मंत्र जप किये जाते है | इस चन्द्र ग्रहण पर बहुत से साधकों में शाबर मंत्र साधना                     में सफलता प्राप्त की होगी, तो आइये जानते है मंत्र सिद्ध होने पर मंत्र का प्रयोग किस प्रकार से करना है : – वैदिक मंत्र साधना में मंत्र का प्रयोग :-किसी भी वैदिक मंत्र को 41 दिनों तक नियमित रूप से द्रढ़ संकल्प व पूर्ण निष्ठा के साथ किये गये मंत्र जप मंत

भैरव का चमत्कारिक लॉकेट ! इसे गले में धारण करें और पायें सभी कष्टों से मुक्ति

भैरव का चमत्कारिक लॉकेट ! इसे गले में धारण करें और पायें सभी कष्टों से मुक्तिकलियुग के समय में बाबा भैरव व हनुमान जी अति शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त की सभी मनोकामना पूर्ण करते है | बाबा भैरव को सौम्य और उग्र दोनों रूपों में पूजा जाता है | एक तरफ बाबा भैरव अपने उग्र रूप काल भैरव के रूप में दुष्टों का संहार करते है तो दूसरी तरफ बटुक भैरव के रूप में भगवान विष्णु के समान शीतल और सौम्य दिखाई प्रतीत होते है | आज हम आपको बाबा भैरव का ताबीज़                                                                  बनाने व इसे सिद्ध करने की विधि के विषय में जानकारी देने वाले है |                                                                            भैरव ताबीज़(लोकेट) :- भैरव के तांत्रिक यन्त्र से निर्मित यह भैरव ताबीज/लोकेट जातक द्वारा गले में धारण किये जाने पर हर प्रकार से उसकी रक्षा करता है | हर प्रकार की ऊपरी बाधा, भूत-प्रेत, डाकिनी, चुड़ैल आदि जैसी नकारात्मक शाक्तियाँ इस लॉकेट को गले में धारण करने मात्र से दूर होने लगती है | शत्रु अपने आप ही परास्त होने लगते है व मुकदमों में जीत हासिल होती है