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कपालिनी साधना

  यह साधना 27 दिन की होती है।  कपालिनी साधक को कभी भी आकर वचन दे सकती है। साधक को हमेशा सावधान रहना चाहिये मन्त्र जाप के समय। जैसे ही कपालिनी की आवाज साधक को सुनाई दे ,तुरंत साधक उससे वचन ले ले। पूरे साधना काल मे कपालिनी साधक के आस पास घूमती है अदृश्य रूप में और उसके सहायक कपाल और कपाली भी।। काली कपालिनी का रूप बहुत महा  उग्र होता है। इस साधना को केवल पत्थर दिल साधक ही सम्पन्न कर सकते है।शेर दिल साधक भी श्मसान छोड़कर भाग सकता है। कपालिनी वचन के अनुसार सभी कार्य करती है।वर्तमान में यह साधना सिद्ध है और अन्य साधको को भी सिद्ध करायी जाएगी। वर्तमान में यह साधना हमारे एक शिष्य श्मसान में सम्पन्न कर रहे थे तब मन्त्र जाप के समय जो फ़ोटो उनके हमने खींचे ,उसमे काली कपालिनी भी कैमरे में कैद हो गयी ।इस फोटो की सबसे बड़ी बात यह है कि यह कपालिनी सूर्य प्रकाश में फ़ोटो में गायब सी रहती है और रात्रि में फ़ोटो में दिखाई देती है। डरपोक साधक इस फोटो को न देखे। यह साधना श्मशान में रात को 12 बजे मंगलवार  से शुरू की जाती है। इस साधना में साधक अपने सामने लाल वस्त्र पर तलवार या छोटा छुरा रख सकता है। तेल का चिराग