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दुश्मन को पागल करने का तरीका दूश्मन को पागल कैसे करें

आज के समय मे हमारा कोई ना कोई दुश्मन तो होता ही है। और हम जाते हैं कि उस दुश्मन से किसी तरह से छूटकारा पाया जाए । इस लेख के अंदर हम आपको दुश्मन को पागल करने या दुश्मन को नास करने के उपाय बताने वाले हैं।‌‌‌यदि आपका भी कोई दुश्मन है तो आप भी इन तरीकों का प्रयोग करके उसे कष्ट दे सकते हैं। ध्यानदें किसी भी व्यक्ति को मारें नहीं क्योंकि मारना कानून जुर्म है। तो दोस्तों आइए जानते हैं। दुश्मन को पागल करने के कुछ बेहतरीन तरीकों के बारे मे दुश्मन को पागल करने का टोटका नींबू की मदद से आप नींबू की मदद से भी अपने दुश्मन का नास कर सकते हैं। इसके लिए आपको आवश्यकता होगी । एक नींबू की और पांच लौंग की इसके लिए नींबू पर अपने दुश्मन का नाम लिखें और उस पर पांच लौंग गाड़ दें। फिर निम्न लिखित मंत्र का जाप करें ‌‌‌उं नम क्ष्री हनुमनतेइस मंत्र का 11 बार जाप करने के बाद उस नींबू को कहीं बहते हुए पानी के अंदर या किसी नाले के अंदर फेंक देवें । आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी ।यह उपाय देखने मे बहु त छोटा लगता है। लेकिन है काफी असरदार । नमक की मदद से दुश्मन का नास करना आप नमक की मदद से भी अपने दुश्मन का नास कर सकते

साधना काल मे अक्सर ११ दिन बाद अनुभूतिया होती है

इस साधना से आप अपने मनचाहे कार्य पूर्ण कर सकते हो सिर्फ एक काम करना पड़ेगा प्रत्येक कार्य के पूर्ण होते है पंच पीरो को प्रसाद के रूप मे शुद्ध देसी घी मे बने हुये चूरमे का लड्डू चढाना है, मिया गाजी पीर,जींद पीर ख्वाजा,खिज्र पीर साहब,शेख फरीद बाबा,पीर बदर साहब ये पाचो पीर एक ही साधना से सिद्ध होते है और मनचाहा कार्य साधक का अपनी शक्तियों से पूर्ण करते है साधना विधि:-यह साधना शुक्ल पक्ष मे रविवार के दिन करनी है,साधना मे सिर्फ सफ़ेद हकीक माला का इस्तेमाल होगा और कोई माला नहीं चलेगी,घी और चूरमे से बने लड्डू का भोग रोज लगाना है, साधना 21 दिनो की है,समय शाम को 6 से 7 का ही रहेगा,दिशा पच्शिम रहेगी,आसन और वस्त्र सफ़ेद रंग के चाहिये,साधना करने से पूर्व वज़ू कर ले, साधना मे चौमुखी दीपक आवश्यक है जिसमे चारो और की बत्तिया खड़ी हो एक बत्ती बीच मे खड़ी होनी चाहिये,धूप लोहबान काही लीजिये तो साधना मे मजा आजायेगा मंत्र- साधना काल मे अक्सर 21 दिन बाद अनुभूतिया होती है,कभी स्वप्न मे पीर दर्शन देते है तो कभी साधना काल मे चद्दर उड़ते नजर आती है,तो कभी उर्दू मे आवाज़े सुनाई देती है, साधना मे रोज 2 माला करना

जब सिद्धियों के सबसे करीब होते हैं साधक

जिससे रोग, कुकृत्य और ग्रह आदि की शांति होती है, उसको शांति कर्म कहा जाता है और जिस कर्म से सब प्राणियों को वश में किया जाये, उसको वशीकरण प्रयोग कहते हैं तथा जिससे प्राणियों की प्रवृत्ति रोक दी जाए, उसको स्तंभन कहते हैं तथा दो प्राणियों की परस्पर प्रीति को छुड़ा देने वाला नाम विद्वेषण है और जिस कर्म से किसी प्राणी को देश आदि से पृथक कर दिया जाए, उसको उच्चाटन प्रयोग कहते हैं तथा जिस कर्म से प्राण हरण किया जाए, उसको मारण कर्म कहते हैं. मंत्र साधना :  मंत्र साधना भी कई प्रकार की होती है. मंत्र से किसी देवी या देवता को साधा जाता है और मंत्र से किसी भूत या पिशाच को भी साधा जाता है. मंत्र का अर्थ है मन को एक तंत्र में लाना. मन जब मंत्र के अधीन हो जाता है तब वह सिद्ध होने लगता है. मंत्र साधना भौतिक बाधाओं का आध्यात्मिक उपचार है. मुख्यत: तीन प्रकार के मंत्र होते हैं-  1. वैदिक मंत्र  2. तांत्रिक मंत्र और 3. शाबर मंत्र. मंत्र जप के भेद-  1. वाचिक जप, 2. मानस जप और 3. उपाशु जप.वाचिक जप में ऊंचे स्वर में स्पष्ट शब्दों में मंत्र का उच्चारण किया जाता है. मानस जप का अर्थ है मन ही मन जप करना. उपांश

भूत-प्रेत बांधने का मन्त्र

गांवों में अक्सर सुनने को आता है कि फलां व्यक्ति को भूत दिखाई दिया, फलां को किसी प्रेत ने पकड़ लिया। ऐसे में कुछ समझ नही आता कि क्या किया जाये कि इस संकट से मुक्ति मिले। कभी कभी हम जब अकेले कहीं जाते है या आते है तो रास्ते में ऐसे कई तांत्रिक या बाबा लोग हमसे बदला लेनेके लिए किसी न किसी को भेज देते है ..मतलव के भूत प्रेत जिन कलुवा ,पिशाच डायन को .. अब ऐसी स्थिति में इन सब से निपटने के लिए ही इस प्रकार के मन्त्र प्रयोग में लाए जाते हैं। ऐसी स्थिति आने पर निम्न मन्त्र को सात बार पढ़कर भभूत को अभिमंत्रित कर उस भूत-प्रेत के ऊपर फेंक दें । ऐसा करने पर उसका बंधन हो जायेगा। यदि राह चलते ऐसी स्थिति का सामना हो तो अपने बांए पैर के नीचे की धूल या मिट्टी चुटकी भर उठाकर मन्त्र से सात बार अभिमंत्रित कर उसके ऊपर उछाल दें। इस मन्त्र को आप किसी भी शुभ मुहुर्त में 108 बार जप कर सिद्ध कर लेवें।मन्त्र जप के समय भगवान शिव-पार्वति का पूजन करना आवश्यक है। मन्त्र ऐठक बाँधौ बैठक बाँधौ आठ हाथ के भुइयाँ बाँधौ, बाँधौ सकल शरीर, भूत आवे भूत बाँधौ प्रेत आवे प्रेत बाँधौ, मरी मसान चटिया बाँधौ, मटिया आवे मटिया ब

जिन्न सिद्धि साधना मंत्र

कोई भी साधक यहां पर जिन्न को बुलाने/भगाने/जिन्न सिद्धि साधना मंत्र/जिन्न वशीकरण मंत्र इत्यादि को प्राप्त कर कोई भी कार्य को सफल किया जा सकता है| आत्मा अजर अमर है। इसे सभी मानते हैं और हितकारी समझते हैं। जिन्न के साथ भी कुछ ऐसी ही भावना जुड़ी है। एक अटूट विश्वास भी है कि किसी को वशीकरण करने या दुर्लभ व मुश्किल के कार्य की संपन्नता के लिए तांत्रिक साधनाओं में जिन्न सिद्धि एक बहुत ही शक्तिशाली और लाभकारी उपाय है। इसके लिए विभिन्न तरह की समस्याओं को दूर करने संबंधी विविध मंत्र विभिन्न ग्रंथों में वर्णित हैं, जिनकी सिद्धि-साधना संबंधी तमाम प्रयोग रात्री में ही किए जाते हैं। कुछ साधनाओं में जिन्न को सपने में आवाहन किया जाता है। जब वे सपने में आ जाते हैं तब वे समस्याओं के बारे में न केवल पूछते हैं या बातें करते हैं, बल्कि उसका समाधान भी करते हैं, या कहें कि सटीक दिशा-निर्देश देते हैं। एक सामान्य मान्यता या कहें अवधारणा के अनुसार जिन्न का अस्तित्व उस काल्पनिक पुरुष प्राणी से है, जो अपनी इच्छा से जीवन के हर उस कार्य को कर सकता है, जो चाहे कितना मुश्किल से भरा क्यों न हो। वह अदृश्य हो सकता है, उ