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अगस्त, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मारण प्रयोग से ऱक्षा का अचूक विधान

मित्रों आजकल अभिचार करने का या मारण करने का क्रेज काफी बढ़ गया है । हर दुधमुहा साधक अभिचार करने की धमकी देता है तो एक ऐसा अचूक प्रयोग जिससे अभिचार, करने वाले पर खुद पलट जाता है। और लौटा हुआ अभिचार कहीं ज्यादा खतरनाक भी हो जाता है। मंत्र- ॥ॐ नमो आदेश गुरु का, एक ठो सरसों सोला राई, मोरो पठवल कोरो जाई। खाय खाय पड़ै मार, जे करै ते मरै। उलट विद्या ताही पर पड़ै। शब्द साँचा पिण्ड काँचा तो हनुमान का मंत्र साँचा फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा दुहाई माता अँजनी की॥ हथेली में एक दाना पीला सरसो, 16 दाना राई और 3 डली नमक लेकर मुट्ठी बंद करके ये मंत्र 7 बार पढ़ें और हर बार एक फूँक मारें फिर पीड़ित (या स्वयं) के सर से 7 बार उल्टा उबारकर जलती आग में डाल दें। इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं स्वयं सिद्ध है फिर भी चाहें तो किसी ग्रहण पर 1 माला गुग्गुल की धूप जलाकर कर सकते हैं।

खून की उल्टी करके मरेंगे सभी शत्रु, करें ये मारण प्रयोग

प्रत्यक्ष शत्रु से निपटना आसान होता है किन्तु हमारे कई अप्रत्यक्ष शत्रु होते हैं जो सामने मित्रता पूर्ण व्यवहार रखते हैं किन्तु हमारे पीठ पीछे हमे नुकसान पहुंचाते हैं व हमारी छवि बिगाड़ते रहते हैं, और हमारे परिवार के सदस्यो पर अपनी शत्रुता निकालते हैं। ऐंसे शत्रुओं पर यह मारण प्रयोग करने पर सिर्फ शत्रु ही नहीं बल्कि उसके परिवार के सदस्य पर भी प्रभाव होता है। शत्रु को हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज, कैंसर, क्षय रोग, लकवा, पागलपन, विक्षिप्त बनाने, आपसी विवाद कराने, वाहन दुर्घटना, सूखी लगाना, धन हानि, व्यापार मे नुकसान पहुंचाकर बदला लेने के लिए इन तांत्रिक प्रयोगो को करें। प्रयोग विधि   विनियोग मंत्र:- ॐ अस्य श्री आर्द्रपटिमहाविद्यामंत्रस्य दुर्वासा ऋषिर्गायात्री छंद: हुं वीजं स्वाहा शक्ति: मम अमुकशत्रुनिग्रहर्थे जपे विनियोग: अपने शत्रु के पैर की मिट्टी लेकर उसका एक पुतला वनाएं। फिर कृष्ण पक्ष की अष्टमी से लेकर चतुर्दशी तक प्रतिदिन 108 बार शत्रु का नाम (अमुक की जगह) लेकर ऊपर दिया गया मंत्र का जाप करें। इसके बाद चतुर्दशी को जो आपने शत्रु का पुतला बनाया था उसको सामने रखें फिर एक बकरे की बलि (नो

महाकाली की चौकी भेजें, शत्रु मारण

महाकाली की चौकी भेजने की प्रचीन गुप्त साधना महाकाली की चौकी भेजकर शत्रु मारण की विधि विडियो मे बताई गई है। पूरी विधि सबधानीपूर्वक देखकर ही उपयोग मे लाएँ एवं गुरु के मार्गदर्शन के बिना कोई भी साधना न करें अन्यथा आप पागल हो सकते हैं या आपकी मृत्यु भी हो सकती है यदि गलती हुई तो उसका उल्टा परिणाम होता है। इसलिए इस मंत्र को मज़ाक मे भी न पड़ें | मंत्र इस प्रकार है:- “ॐ नमो आदेश गुरु का आदेश काली काली महाकाली इन्द्र की बेटी ब्रम्हा की साली चाम की गठरी हाड़ की माला भजो आनन्द सुंदरी बाला भरपूर वसन करले उठाई काम क्रन्ति कलिका आई लुच्ची मोहन भोग भेट कड़ाही जहा भेजा वहा जाई कष्ट दुखो से लेव बचाई सभी देत्यन को मार भगाई आदि अंत तू रही सहाई में पूत तू मेरी माई सब दुखन से लेव बचाई गुरु की शक्ति हमारी भक्ति फुरे मंत्र दोहाई काली की ईश्वरो वाचा”                                                                                                                                [ नोट: सभी तांत्रिक साधनाएं एवं क्रियाएँ सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी गई हैं, किसी के ऊपर दुरुपयोग न करें एवं साधना मे त्रुटि से

तांत्रिक क्रियाओं के प्रकार एवं प्रभाव

क्या आपने सुना है की एक महिला किसी अज्ञात से बाते कर रही है, जो हमे नही दिखाई देता। एक इंसान को चारों और सांप ही सांप दिखाई देते है, किसी को रोज सपनो मै कोई सफेद कपड़े मै दिखाई पढ़ता, कोई व्यक्ति जब तक घर से बाहर रहता खुश रहता है,लेकिन घर मे आते ही गुस्सा करने लगता है। ये बातें अजीब लगती है,आप क्या हर कोई जब तक इन हादसों का शिकार नही हो जाता तब तक इन सबको मानता नहीं है।अक्सर ये सब हमारे कुछ पूर्व जन्म के दोष, आपकी कुंडली मै काल सर्प, श्रापित दोष, आदि के कारण होते हैं किन्तु कुछ तांत्रिक क्रिया द्वारा भी कराया जाता है । जन्म के समय जब राहू और केतु के साथ शनि की भी नकारात्मक भूमिका हो जाती है, शुभ ग्रहो के साथ जब ये ग्रह युति बना लेते है तब जिंदगी को उथल पुथल कर देते हैं। इन इंसानो पर बाहरी क्रियाओ का असर जल्दी होता है।विद्वेषण जैसी खतरनाक तांत्रिक क्रियाओं द्वारा पति-पत्नि में झगडे करवा दिए जाते हैं फिर वे ही एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं। ताडन जैसी भयानक तांत्रिक क्रियाओं द्वारा व्यक्ति को बीमार कर दिया जाता हैं। फिर बीमारी ही पकड में नहीं आती है अथवा इलाज करवा-करवा कर थक जाते हैं फिर

तांत्रिक मारण क्रिया करने के आवश्यक नियम व सावधानी

हम जो दुनिया को देते हैं वो हमें एक न एक दिन बापस जरूर मिलता है, दुसरो के साथ जैंसा कर्म करेंगे वैसा एक दिन हमारे पास लौटकर आता है। यह प्रकृति का नियम है। इसलिए हमेशा अच्छा कर्म करें ताकि लौटकर जो आये वो अच्छा ही आये। तांत्रिक मारण क्रिया करते समय ये बात अवश्य ध्यान रखना चाहिए। 1. छोटे मोटे वाद विवाद, छोटी बातों के कारण शत्रु पर मारण प्रयोग कभी नही करना चाहिए।2. किसी भी व्यक्ति का नाम लेकर कभी मारण क्रिया नहीं करना चाहिए। क्योंकि हमारी जिंदगी CID के सीरियल की तरह होती है कभी कभी शक किसी पर करते हैं और आरोपी कोई और निकलता है। शक के आधार पर कभी किसी पर मारण प्रयोग न करें।3. अमुक की जगह “मम सर्व शत्रु” का प्रयोग करें। मारण मंत्र से उत्तपन्न हुई ऊर्जा/दैवीय शक्ति स्वयं ही आपके सभी शत्रुओं एवं विरोधियों को खोजकर समाप्त करती जाएगी। 4. जब कोई हमारा बारे मे अच्छा सोचता है तो उसके अंदर से सकारात्मक तरंगे निकलकर लगातार हमसे टकराती रहती हैं। जो हमे फायदा पहुंचाती रहती हैं, और जब कोई हमारे बारे मे बुरा सोचता है तो उसके अंदर से नकारात्मक तरंगे निकलकर हमसे टकराती रहती हैं। जो हमे लगातार हानि प

काला भैरव मूठ भेजने की विधि

काला भैरव मूठ भेजने की विधि यहाँ काला भैरव मूठ भेजकर शत्रु मारण की विधि बताई जा रही है। पूरी विधि साबधानीपूर्वक पढ़कर ही उपयोग मे लाएँ एवं गुरु के मार्गदर्शन के बिना कोई भी प्रयोग न करें अन्यथा आप पागल हो सकते हैं या आपकी मृत्यु भी हो सकती है यदि गलती हुई तो उसका उल्टा परिणाम होता है। इसलिए किसी भी मंत्र को मज़ाक मे भी न पड़ें और सभी मारण प्रयोग को गुरु के मार्गदर्शन मे ही करें। किसी पर गलत प्रयोग न करें। प्रयोग विधि:  सबसे पहले मुर्दे की हांडी ले लो फिर यह भी ध्यान रखो की वो कहाँ जलाया जा रहा है। अब रात को वहां जाना है और उड़द की दाल उस चिता की आग में और उसी हांडी में भूनने है। ध्यान रहे इस प्रक्रिया में मंत्र जप चालु रहे। अब हांडी उतार लो और उसमे से भुने हुए और जले हुए उड़द अलग कर लो। केवल जले हुए उड़द लेकर २१ बार मंत्र से अभिमंत्रित करके अपने शत्रु को फेंककर मारो। बस अब आगे क्या होगा खुद देख लेना। कुछ ही समय मे आपके शत्रु का खेल खत्म हो जाएगा। ये सब प्रक्रिया गुरु के देखरेख में होनी चाहिए और सूर्योदय से पहले ही होना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है:- ॐ नमो काला भैरो मसान वाला। चौसठ योगिनी कर

आकर्षण शक्ति बढ़ाने वाले 4 तांत्रिक तिलकों का रहस्य

महाज्ञानी रावण कई चीजों में पारंगत था। ज्योतिष शास्त्र में भी उसे महारत हासिल थी। तंत्र शास्त्र का भी वह महाज्ञाता था। इसी वजह से जो भी दशानन के संपर्क में आता था वह सहसा ही उससे मोहित हो जाता था।यह बहुत कम लोगों को पता होगा कि रावण का प्रभाव उसकी तांत्रिक साधना के बल पर था। रावण कई ऐसे उपाय भी करता था जिससे जो भी सामान्य इंसान उसे देखता था वह आकर्षित हो जाता था।रावण संहिता में कुछ ऐसे ही खास प्रकार के तांत्रिक तिलक की चर्चा की गई है। जो भी व्यक्ति यह तिलक लगाता है सहज ही लोग उसकी तरफ चले आते हैं। यहां जानिए कि कौन-कौन से हैं वह तांत्रिक तिलक 1. आप सफेद आंकड़े (अकवन) को छाया में सुखा लें। इसके बाद उसे कपिला गाय यानी सफेद गाय के दूध में मिलाकर उसे पीस लें फिर उसका तिलक लगाएं। ऐसा करने वाले व्यक्ति का समाज में वर्चस्व स्थापित हो जाता है।2. अपामार्ग के बीज को बकरी के दूध में मिलाकर उसे पीसकर उसका लेप बनाकर लगाएं। इस लेप को लगाने वाले व्यक्ति का समाज में आकर्षण काफी बढ़ जाता है। उसका कहा सभी लोग मानते हैं।3. दुर्वा घास के चमत्कार से तो आप पहले से ही वाकिफ होंगे। शास्त्रों में भी इसके चमत

क्या मैं तंत्र साधना कर सकता हूं या नहीं?

यदि आप  तंत्र   साधना करने की सोच रहे हैं तो यह सवाल आपके लिए महत्वपूर्ण है कि किसी योग्य व्यक्ति से पूछें कि 'मैं तंत्र साधना कर सकता हूं या नहीं? हालांकि ऐसा सवाल आप खुद से ही पूछें तो ज्यादा अच्छा होगा। फिर भी हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिससे कि आपको इस सवाल का उत्तर मिल जाएगा। दो तरह की साधनाएं होती है पहली दक्षिणमार्गी और दूसरी वाममार्गी। तंत्र साधना वाममार्गी साधना है। यह असाधारण और भयावह होती है। लेकिन इसका परिणाम तुरंत ही आता है। असाधारण प्रयत्य करने पर इसकी प्रतिक्रिया भी असाधारण होती है। तांत्रिक साधना प्रकृति में छिपी शक्ति पर अधिकार करने का एक उपक्रम है। इस दौरान व्यक्ति के साथ जो भी घटित होता है वह अचानक ही होता है जिसकी की वह कल्पना नहीं कर सकता। अत: यदि आपकी तैयारी नहीं है तो आपकी मृत्यु भी हो सकती है। इसीलिज्ञए तंत्र साधना से पहले व्यक्ति खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और शक्तिशाली बनाता है। उदाहरणार्थ, जब बंदूक चलाई जाती है तो जिस समय नली में से गोली बाहर निकलती है उस समय वह पीछे की ओर एक झटका मारती है और भयंकर शब्द करती है। ऐसे में यदि बंदूक चलाने वाला

लव मैरिज प्रॉब्लम सलूशन

लव मैरिज प्रॉब्लम सलूशन लव मैरिज करने के उपाय, लव मैरिज के योग, लव मैरिज सफल होने के लिए टोटके- लव मैरिज प्रॉब्लम सलूशन | दुनिया में बहुत तरीके के लोग मिलते हैं, कुछ लोगों के पास सहारा होता है, कुछ नादान होते हैं, कुछ अपनी उम्र से पहले ही बहुत कुछ सीख जाते हैं। आपको ज़िन्दगी में क्या करना है ? क्या आपको ऐसे सवाल सताते हैं ? क्या आपकी शादी का समय निकला जा रहा है और आप घोर चिंता में हैं की आगे क्या करना चाहिए ? हम लोग कई बार जल्द-बाजी में गलत कदम भी उठा लेते हैं इसलिए इस अत्यंत महत्वपूर्ण डिसिशन को लेते वक़्त यह ध्यान में रखें की हमें आपने धैर्य और धीरज से काम लेना है। आपका आपा न खो जाये, आप कोई गलत कदम नहीं उठा लें आदि कुछ चन्द चीज़ें और हैं जिन्हें मन में रख कर काम करना चाहिए।अगर आप अपनी परिस्थिति को भली-भाती माप चुके हैं और तब भी आपको ऐसा लगता है की आपका अभी  कदम उठा लेना ठीक है तो आगे पढ़ें, अन्यथा अपने जीवन में पढाई-नौकरी पर ज़ोर डालें क्यूंकि ये आगे चलकर ज़्यादा काम आएगी, बाकी चीज़ें नहीं। अगर आप शादी के उत्सुक हैं तो काले रंग के वस्त्र कम पहने और उस रंग का इस्तेमाल अपनी ज़िन्दगी में क

सौतन से छुटकारा पाने के उपाय

सौतन से छुटकारा पाने के उपाय प्राचीन काल से सौतन का दुख स्त्रियो को झेलना पड़ रहा है और अपनी सौतनों से छुटकारा पाने के लिए पत्नियों ने कई उपाय किये ,पर समाज ने उनको दूसरी पत्नी की मान्यता दे दी बिना स्त्रियो का दुख जाने  , सौतन पत्नियो का सुख चैन सब छीन लेती है ,पर सबसे बड़ी बात यह की उनके पति का प्रेम बट जाता है जो वो किसी के साथ बाटना नहीं चाहती यह बड़ी ही दुःख दाई घड़ी होती है ,अपनी सौतन से छुटकारा पाने के लिये कुछ छोटे उपायो से आपको जरूर लाभ होगा , आपको अपनी सौतन से सदा के लिए छुटकारा मिल जायेगा , आप के जीवन में पहले जैसी शांति आएगी फिर से सुख आएगा । सौतन से छुटकारा पाने का अर्थ है अपने पति को अपने वश में करना , और उनका प्रेम पुनः प्राप्त करना ।१- सौतन यह किसी अन्य स्त्री से आप का पति यदि प्रेम करता है तो आप के प्रेम में कमी जरूर होगी तभी आप के पति दूसरी स्त्रियो के प्रति आकर्षित हुए , इसके लिए आप को अपने पति के ऊपर आप अपनी यौवन सुंदरता का मोह जाल बनाना होगा पर सबसे असरदार टोटका  है कि आप भगवान कृष्ण की सरण में जाए क्योंकि वह ही प्रेम के देवता है वह आप को अपका प्रेम पुनः प्राप्ति क

पति का प्यार पाने के टोटके

दाम्पत्य जीवन का आधार प्रेम और विश्वास पर टिका होता है| कई बार सब कुछ ठीक होते हुए भी पति अपनी पत्नी से विमुख हो जाता है, दुर्व्यवहार करने लगता है| इस विमुखता के पीछे अन्य स्त्री, गलत संगत अथवा दुर्भावना से प्रेरित अपने परिजन भी हो सकते हैं| ऐसी स्थिति में कुछ टोटके, मंत्र अथवा वशीकरण बहुत ही कारगर सिद्ध होते हैं|  भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक के सातवें भाव में राहु बैठा होता है, उसका वैवाहिक जीवन कष्टप्रद होता है| निदान के लिए पीड़ित स्त्री को निरंतर 40 दिनो तक बादाम अथवा नारियल बहते हुए जल में बहा देना चाहिए| यदि कुंडली दोष के कारण पति विमुख हो गया हो, तो इस उपाय से ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं, तथा दाम्पत्य जीवन में सरसता आती है| यदि पति किसी अन्य स्त्री के फेर में फंस गए हों, तथा इस वजह से आपस में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई हो, तो गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात बारह बजे पति के बालों का थोड़ा सा हिस्सा काटकर उसे ऐसी जगह रख दें जहां उनकी दृष्टि न पड़े| इस क्रिया से आपके पति का मन प्रेयसी की तरफ से पूरी तरह हटकर आपकी तरफ आकर्षित हो जाएगा| कुछ अंतराल बाद उन बालों को जला दें त

प्रेम प्राप्ति के फैंगशुई उपाय टोटके

प्रेम प्राप्ति के फैंगशुई उपाय टोटके हर किसी की यह दिली तमन्ना रहती है कि उस के पारिवारिक जीवन में कभी भी कोई असंगति नहीं आए | उसका जीवन सुखमय और मधुरता से भरा हुआ रहे | वह अपने साथी के साथ प्रेम से भरे हुए वातावरण में खुशनुमा जिंदगी बिताएं और घर में किसी भी तरह की कोई भी अशांति ना हो | जो अकेला है वह अपना मनचाहा जीवनसाथी पाने की कल्पना करता है | परंतु, आज की इस भागमभाग जिंदगी में वक्त निकालना कठिन हो रहा है जिससे आपस में झगड़े भी बढ़ रहे हैं | गलतफहमी के कारण रिश्तो में दरार भी उत्पन्न हो रही है | हम चाहते हैं कि किसी के साथ भी ऐसा ना हो | व्यक्ति का जीवन खुशनुमा वातावरण में फलते-फूलते रहें | अतः हम अपने पाठकों के लिए आज लेकर आए हैं प्रेम संबंधों के लिए फेंगशुई का उपयोग | फेंगशुई के इन टोटकों को अपना कर पाठक सुख-समृद्धि और प्रेम के वातावरण में अपने जीवन आगे बढ़ा सकता है | तो आए, जाने प्रेम संबंधों के लिए फेंगशुई के कुछ प्रयोग-१) बटरफ्लाई का व्यवहार करें अपने घर में अपने प्रेम संबंधों को मधुरतम बनाने के लिए |२) कृष्ण और राधा की युगल मूर्ति को अपने घर में स्थान दें | इनकी मूर्ति या

संतान दोष निवारण के उपाय

संतान दोष निवारण के उपायक्‍या है संतान दोष के ज्योतिषीय कारण? संतान दोष निवारण के उपाय – माँ और बच्चे का संबंध संसार में स्वार्थ-रहित होता है।माँ बच्चे को जन्म देती है और अपनी ममता प्रेम निस्वार्थ ही लुटा देती है। स्त्री माँ बन कर सार्थक होती है और पिता बन कर पुरुष गौर्वान्तित होता है।इसके विपरीत जो स्त्री- पुरुष दाम्पत्य जीवन को जीते है पर माँ- बाप नहीं बन पाते वह जीवन अधुरा ही अनुभव करते है। इस पीड़ादायक स्थिति से बचने के लिए,अगर ग्रहों का अवलोकन कर लेना चाहिए। कभी- कभी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण यह लोग संतान सुख से वंचित रह जाते है। ज्योतिष गणना कुंडली के अनुसार – जब पंचम भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो, और ग्रह कुर भाव से ग्रस्त हो, तो ऐसी स्त्री माँ नहीं बन पाती। दूसरी स्थिति में पंचम भाव में यदि बुध से पीड़ित हो, या स्त्री का भाव सप्तम भाव में, या शत्रु राशि नीच या बुध हो तब स्त्री संतान उत्पन्न नहीं कर पाती। एक अन्य गणना के अनुसार  कुंडली में पंचम भाव में,राहू हो और उस पर शनि की दृष्टि हो , इसी तरह सप्तम भाव में मंगल और केतू की नज़र हो, शुक्र अष्टमेश में हो,ऐसी स्थिति में

तलाक समस्या का कारगर समाधान

जब तलाक होता है तो वह दो परिवारों को तबाह कर देता है. तलाक की गंभीरता इस पर बात पर निर्भर करती है कि वह किन परिस्थियों में हुआ है और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं. तलाक कई मायनो में बुरा ही होता है. क्योंकि विश्वास की डोर जो एक बार टूट जाती है उसे दोबारा उसी मजबूती से साथ जोड़ना संभव नही हो पाता. इसलिए अगर आपको तलाक की परिस्थितियां बनती दिखाई दें तो तलाक समस्या का ज्योतिष समाधान तुरंत शुरू करें| तलाक क्यों होता है? ये जानने ज़रूरी है कि तलाक की वजह क्या है. क्योंकि अगर आपको तलाक की वजह ही पता नही है तो आपको इस समस्या से छुटकारा पाने के व्यवहारिक उपायों के बारे में पता ही नही चल चलेगा और फिर दिशाहीन प्रयासों की वजह से आपको अच्छे परिणाम प्राप्त नही हो पाएंगे. तलाक समस्या का ज्योतिष समाधान करने के तलाक के योग के बारे में जानकारी ज़रूरी है. तलाक के योग इस प्रकार बनते हैं:  आपकी कुंडली के सप्तम भाव में शनि की उपस्थिति तलाक और गृह क्लेश की स्थिति उत्पन्न करने के ज़िम्मेदार होती है. राहु भी दाम्पत्य जीवन के लिए हानिकारक होता है. अगर आपकी कुंडली में राहु के उपस्थिति है तो आपके जीवन में ग

शत्रु को पीड़ित करने का उपाय

शत्रु को पीड़ित करने का उपाय अश्विनी नक्षत्र में चार अंगुल लंबी किसी घोड़े की हड्डी लें, तथा ‘ऊँ हुँ हुँ फट्‍ स्वाहा।‘ मंत्र का जाप करें| एक लाख जाप के बाद यह मंत्र सिद्ध हो जाता है| जिस दिन प्रयोग करना हो, वही हड्डी लेकर 21 बार इस मंत्र का जाप करें, फूँक मारें तथा शत्रु के घर के सामने गाड़ दें| शत्रु का विनाश निश्चित है|एक लाख बार ‘. ऊँ डं डां डिं डीं डु डू डें डैं डों डौं डं ड:। अमुकस्य हन स्वाहा। ‘ मंत्र जाप करने से सिद्ध हो जाता है| प्रयोग करते समय चार अंगुल मानव हड्डी लेकर 108 बार इस मंत्र का जाप कर इसे अभिमंत्रित करें तथा श्मशान भूमि में गाड़ दें| शत्रु नष्ट हो जाएगा|एकांत में रात के समय किसी दीवार पर अपने शत्रु का चित्र बनाएँ, श्मशान का जलता कोयला पास में रखें तथा निम्नलिखित मंत्र का जाप 1008 बार करें –ॐ नमो आदेश गुरु का। हनुमंत बलवन्ता।माता अंजनी का पूत। हल हलन्ता।आओ चढ़ चढन्ता। आओ गढ़ किला तोड्न्ता।आओ लंका जलनता बालनता भस्म क्रंता। आओ ले लागूं लंगूर।ते लिपटाये सुमिरते पटका। औ चंदी चन्द्रावली भवानी।मिल गावें मंगलाचार। जीते राम लक्ष्मण।हनुमान जी आओ। आओ जी तुम आओ।सात पान का बीड़ा चा

जादू टोना टोटके से बचने के उपाय

जादू टोना टोटके से बचने के उपाय यदि किसी पर जादू टोना किया गया है और वो उससे मुक्ति पाना चाहते है तो जादू टोना टोटके से बचने के उपाय का प्रयोग कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है| इस दुनिया में अस्तित्ववान सभी वस्तुएं सकारात्मक अथवा नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हैं। हम ऐसे किसी तत्व की कल्पना ही नहीं कर सकते जो इनसे परे हो। अभिप्राय यह है कि जादू-टोना भी नकारात्मक ऊर्जा का ही उत्सर्जन ही है, जो सायास दूसरों के अहित की कामना से किये जाते हैं। हम सभी जानते हैं, टोने-टोटके अपनी भलाई के साथ-साथ दूसरों का अहित करने के लिए भी किया जा सकता है। यद्यपि तंत्र शास्त्र में वर्णित समस्त अभिक्रियाएं आध्यात्मिक उत्कर्ष  प्राप्त करने के निमित्त से ही प्रथम बार की गई होंगी। तथापि, गलत हाथों में पड़ जाने के कारण इनके घातक परिणाम सामने आने लगे। उसी प्रकार तंत्र विद्या में मार और सम्हाल दोनो उपलब्ध है। अर्थात इसमें तांत्रिक क्रियाओं से बचाव हेतु उसका काट भी मौजूद है।

काली मिर्च से तीव्र वशीकरण के टोटके उपाय

काली मिर्च से तीव्र वशीकरण के टोटके उपाय कोई भी कार्य हो सकता है पूर्ण काली मिर्च से तीव्र वशीकरण के टोटके उपाय का प्रयोग करके| काली मिर्च के टोटके से किसी को वशभूत भी किया जा सकता है और काली मिर्च से धन प्राप्ति भी की जा सकती है| काली मिर्च रसोई में तो बहुत उपयोगी है ही लेकिन इसके ज्योतिषिक उपाय भी बहुत ही उपयोगी और असरदार हैं| काली मिर्च के ज्योतिषिक प्रयोग या टोटके बहुत ही आसन हैं| काली मिर्च से तीव्र वशीकरण की सहायता से कोई व्यक्ति अपने प्यार को पा सकता है, नज़र दोष, भूत-प्रेत आदि से मुक्ति पा सकता है| काली मिर्च से तीव्र वशीकरण की सहायता से शत्रु पर विजय पायी जा सकती है,  काली मिर्च से धन की प्राप्ति के टोटके करके मालामाल हुआ जा सकता है| किसी भी टोटके उपाय को आजमाने से पहले गुरु जी से सलाह अवश्य ले ताकि कोई भी कार्य पूर्ण होने में रुकावट पैदा न हो|किसी व्यक्ति कावशीकरण करने में काली मिर्च से तीव्र वशीकरण किया जाता है, किसी स्त्री या पुरुष से प्रेम होने पर उसे पाने के उपायों में काली मिर्च काफी काम आती है| किसी भी व्यक्ति के लिए उसके प्यार को पाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, अपने

जादू टोना टोटके से बचने के उपाय

जादू टोना टोटके से बचने के उपाय यदि किसी पर जादू टोना किया गया है और वो उससे मुक्ति पाना चाहते है तो जादू टोना टोटके से बचने के उपाय का प्रयोग कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है| इस दुनिया में अस्तित्ववान सभी वस्तुएं सकारात्मक अथवा नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हैं। हम ऐसे किसी तत्व की कल्पना ही नहीं कर सकते जो इनसे परे हो। अभिप्राय यह है कि जादू-टोना भी नकारात्मक ऊर्जा का ही उत्सर्जन ही है, जो सायास दूसरों के अहित की कामना से किये जाते हैं। हम सभी जानते हैं, टोने-टोटके अपनी भलाई के साथ-साथ दूसरों का अहित करने के लिए भी किया जा सकता है। यद्यपि तंत्र शास्त्र में वर्णित समस्त अभिक्रियाएं आध्यात्मिक उत्कर्ष  प्राप्त करने के निमित्त से ही प्रथम बार की गई होंगी। तथापि, गलत हाथों में पड़ जाने के कारण इनके घातक परिणाम सामने आने लगे। उसी प्रकार तंत्र विद्या में मार और सम्हाल दोनो उपलब्ध है। अर्थात इसमें तांत्रिक क्रियाओं से बचाव हेतु उसका काट भी मौजूद है। जादू टोना टोटके से बचने के उपाय जादू-टोना तंत्र मंत्र के लक्षण:- यदि जीवन में अचानक उथल-पुथल मच जाए तो झट से उसे जादू-टोना समझने की बजाय,

इस यक्षिणी की साधना से मिलेगा अपार धन, आजमा कर देंखे

तंत्र में देवी, यक्षिणी, पिशाचिनी, योगिनी आदि अनेक दिव्य शक्तियों की साधना का जिक्र मिलता है। साधना के दो मार्ग है एक वाम और दूसरा दक्षिण। दो तरह की शक्तियां होती है एक देवीय और दूसरी राक्षसी। व्यक्ति को तय करना होता है कि उसे किस तरह की साधना करना चाहिए। हिन्दू धर्मानुसार सिर्फ सात्विक साधना ही करना चाहिए। नीचे जो साधना बताई जा रही है वह मात्र जानकारी हेतु है। आप साधना के लिए किसी योग्य जानकार से पूछकर ही साधना करें। यदि साधना उचित रीति से नहीं की जाती है तो हो सकता है कि इससे आपका अहित भी हो। हम नहीं जानते हैं कि सही क्या है। यदि आप देवताओं की साधना करने की तरह किसी यक्ष या यक्षिणियों की साधना करते हैं तो यह भी देवताओं की तरह प्रसन्न होकर आपको उचित मार्गदर्शन या फल देते हैं। उल्लेखनीय है कि जब पाण्डव दूसरे वनवास के समय वन-वन भटक रहे थे तब एक यक्ष से उनकी भेंट हुई जिसने युधिष्ठिर से विख्यात 'यक्ष प्रश्न' किए थे। यक्ष का शाब्दिक अर्थ होता है 'जादू की शक्ति'। आदिकाल में प्रमुख रूप से ये रहस्यमय जातियां थीं:- देव, दैत्य, दानव, राक्षस, यक्ष, गंधर्व, अप्सराएं, पिशाच, किन्न

कौन बनता है भूत, कैसे रहें भूतों से सुरक्षित

हिन्दू धर्म में भूतों से बचने के अनेकों उपाय बताए गए हैं। पहला धार्मिक उपाय यह कि गले में ॐ या रुद्राक्ष का लाकेट पहने, सदा हनुमानजी का स्मरण करें। चतुर्थी, तेरस, चौदस और अमावस्य को पवि‍त्रता का पालन करें। शराब न पीएं और न ही मांस का सेवन करें। सिर पर चंदन का तिलक लगाएं। हाथ में मौली (नाड़ा) अवश्य बांधकर रखें। घर में रात्रि को भोजन पश्चात सोने से पूर्व चांदी की कटोरी में देवस्थान पर कपूर  औ र लौंग जला दें। इससे आकस्मिक, दैहिक, दैविक एवं भौतिक संकटों से मुक्त मिलती है। प्रेत बाधा दूर करने के लिए पुष्य नक्षत्र में धतूरे का पौधा जड़ सहित उखाड़कर उसे ऐसा धरती में दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती में समा जाए। इस उपाय से घर में प्रेतबाधा नहीं रहत ी । प्रेत बाधा निवारक हनुमत मंत्र- ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम्‌ क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा। इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने सेभूत

कौन बनता है भूत, कैसे रहें भूतों से सुरक्षित

जिसका कोई वर्तमान न हो, केवल अतीत ही हो वही भूत कहलाता है। अतीत में अटका आत्मा भूत बन जाता है। जीवन न अतीत है और न भविष्य वह सदा वर्तमान है। जो वर्तमान में रहता है वह मुक्ति की ओर कदम बढ़ाता है । आत्मा के तीन स्वरुप माने गए हैं-  जीवात्मा, प्रेतात्मा और सूक्ष्मात्मा। जो भौतिक शरीर में वास करती है उसे जीवात्मा कहते हैं। जब इस जीवात्मा का वासना और कामनामय शरीर में निवास होता है तब उसे प्रेतात्मा कहते हैं। यह आत्मा जब सूक्ष्मतम शरीर में प्रवेश करता है, उस उसे सूक्ष्मात्मा कहते हैं। भूत-प्रेतों की गति एवं शक्ति अपार होती है। इनकी विभिन्न जातियां होती हैं और उन्हें भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच, यम, शाकिनी, डाकिनी, चुड़ैल, गंधर्व आदि कहा जाता है। भूतों के प्रकार :  हिन्दू धर्म  में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। उक्त सभी के उप भाग भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के  प्रेत  होते हैं। भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है। इसी तरह जब कोई स्त्री मरती