गांवों में अक्सर सुनने को आता है कि फलां व्यक्ति को भूत दिखाई दिया, फलां को किसी प्रेत ने पकड़ लिया। ऐसे में कुछ समझ नही आता कि क्या किया जाये कि इस संकट से मुक्ति मिले।
कभी कभी हम जब अकेले कहीं जाते है या आते है तो रास्ते में ऐसे कई तांत्रिक या बाबा लोग हमसे बदला लेनेके लिए किसी न किसी को भेज देते है ..मतलव के भूत प्रेत जिन कलुवा ,पिशाच डायन को ..
अब ऐसी स्थिति में इन सब से निपटने के लिए ही इस प्रकार के मन्त्र प्रयोग में लाए जाते हैं। ऐसी स्थिति आने पर निम्न मन्त्र को सात बार पढ़कर भभूत को अभिमंत्रित कर उस भूत-प्रेत के ऊपर फेंक दें । ऐसा करने पर उसका बंधन हो जायेगा। यदि राह चलते ऐसी स्थिति का सामना हो तो अपने बांए पैर के नीचे की धूल या मिट्टी चुटकी भर उठाकर मन्त्र से सात बार अभिमंत्रित कर उसके ऊपर उछाल दें।
इस मन्त्र को आप किसी भी शुभ मुहुर्त में 108 बार जप कर सिद्ध कर लेवें।मन्त्र जप के समय भगवान शिव-पार्वति का पूजन करना आवश्यक है।
कभी कभी हम जब अकेले कहीं जाते है या आते है तो रास्ते में ऐसे कई तांत्रिक या बाबा लोग हमसे बदला लेनेके लिए किसी न किसी को भेज देते है ..मतलव के भूत प्रेत जिन कलुवा ,पिशाच डायन को ..
अब ऐसी स्थिति में इन सब से निपटने के लिए ही इस प्रकार के मन्त्र प्रयोग में लाए जाते हैं। ऐसी स्थिति आने पर निम्न मन्त्र को सात बार पढ़कर भभूत को अभिमंत्रित कर उस भूत-प्रेत के ऊपर फेंक दें । ऐसा करने पर उसका बंधन हो जायेगा। यदि राह चलते ऐसी स्थिति का सामना हो तो अपने बांए पैर के नीचे की धूल या मिट्टी चुटकी भर उठाकर मन्त्र से सात बार अभिमंत्रित कर उसके ऊपर उछाल दें।
इस मन्त्र को आप किसी भी शुभ मुहुर्त में 108 बार जप कर सिद्ध कर लेवें।मन्त्र जप के समय भगवान शिव-पार्वति का पूजन करना आवश्यक है।
मन्त्र
ऐठक बाँधौ बैठक बाँधौ आठ हाथ के भुइयाँ बाँधौ, बाँधौ सकल शरीर, भूत आवे भूत बाँधौ प्रेत आवे प्रेत बाँधौ, मरी मसान चटिया बाँधौ, मटिया आवे मटिया बाँधौ, बाँध देहे फाँद देहे, लोहे की डोरी शब्द का बन्धन, काकर बाँधे गुरु के बाँधे गुरु कोन महादेव-पार्वती के बाँधे जा रे भूत बंधाजा।।
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