. वैवाहिक सुख के लिए:
कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा समय समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहगा।
शुक्र ग्रह की शान्ति के
ग्रहों में शुक्रवार को विवाह और वाहन का कारक ग्रह कहा गया है (इसलिये + वाहन दुर्घटना से बचने के लिए भी यह उपाय किया जा रहा है। शुक्र
के उपाय करने से वैवाहिक सुख की प्रस्तुति की संभावनाएं बनती है। से जुडे मामलों में भी यह उपाय लाभकारी रहता है।
शुक्र की वस्तु से स्नान (शुक्र से संबंधित उत्पादों का उपयोग करने
से स्नान करें ग्रह की वस्तु से स्नान करना उपवासों के अंत में होता है। शुक्र का स्नान उपाय करते समय जल में बडी इलायची डालकर उबाल कर इस जल को स्नान के पानी में मिलाया जाता है (फोड़ा पानी में बड़ा इलायची और स्नान के पानी में मिलाएं)। इसके बाद इस पानी से स्नान किया जाता है। स्नान करने से वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष रुप से छेदता है। और शुक्र के दोषों का निवारण होता है।
यह उपाय समय व् यक्ति को अपनी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। और उपाय करने की अवधि शुक्रवार देव का ध्यान करने से उपाय की शुभता में वृक्ष होता है। इसके बाद शुक्रवार मंत्र का जाप करने से भी शुक्र के उपाय के पक्षों को सहयोग प्राप्त होता है ( स्नान के समय मंत्र को पढ़ो)।
शुक्र की वस्तु का दान- शुक्र से संबंधित उत्पाद
शुक्र की दान देने वाली वस्तु में घी और चावन (घी और चावल वीनस के उत्पाद हैं) का दान किया जाता है।इसके अतिरिक्त शुक्र क्योकि भोग-विलास के कारक ग्रह है। इसलिये सुख- आराम की वस्तुओं का भी दान किया जा सकता है। बनाव -श्रंगार की वस्तु का दान भी इसके अंतहीन किया जा सकता है (सौंदर्य प्रसाधन और शानदार उत्पादों)। दान क्रिया में दान करने वाले व्यक्ति में श्रद्धा और विश्वास होना आवश्यक है। और यह दान व्यक्ति को अपने हाथों से करना चाहिए। दान से पहले अपने बडों का आशिर्वाद लेना उपाय की शुभता को बढाने में सहयोग करता है।
शुक्र मन्त्र का जाप (वीनस मंत्र का जादू) शुक्र
के इस उपाय में निम्न श्लोक का पाठ किया जाता है।
"ऊँ जयन्ति मंगला काली भद्रकाली
दुर्गा क्षमा करें शिवा धात्री स्वाहा स्वधा"
शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में इस श्लोक का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर इस समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है । मुंह के फार्म होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऎसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकता है। वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिये इस श्लोक का जाप करना लाभकारी रहता है (सुनाना विवाहित जीवन समस्याओं को हल करने के लिए इस मंत्र)। वाहन दुर्घटना से बचाव करने के लिए यह लाभ लाभकारी रहता है।
शुक्र का यन्त्र (वीनस का यंत्र)
शुक्र के अन्य उपायों में शुक्र यन्त्र का निर्माण कर कर पूजा घर में रखना पर लाभ प्राप्त होता है। शुक्र यन्त्र की पहली लाइन के तीन खानों में 11,6,13 ये संख्याये लिखी जाती है। मध्य की लाइन में 12,10, 8 संख्या होनी चाहिए। और अनंत की लाइन में 07,14,9 संख्या लिखी जाती है। शुक्र यन्त्र में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए किसी भी जानकार पद्दीत की सलाह ली जा सकता है। यन्त्र पूजा घर में स्थापित करना उसके बाद नियमित रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा समय समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहगा।
शुक्र ग्रह की शान्ति के
ग्रहों में शुक्रवार को विवाह और वाहन का कारक ग्रह कहा गया है (इसलिये + वाहन दुर्घटना से बचने के लिए भी यह उपाय किया जा रहा है। शुक्र
के उपाय करने से वैवाहिक सुख की प्रस्तुति की संभावनाएं बनती है। से जुडे मामलों में भी यह उपाय लाभकारी रहता है।
शुक्र की वस्तु से स्नान (शुक्र से संबंधित उत्पादों का उपयोग करने
से स्नान करें ग्रह की वस्तु से स्नान करना उपवासों के अंत में होता है। शुक्र का स्नान उपाय करते समय जल में बडी इलायची डालकर उबाल कर इस जल को स्नान के पानी में मिलाया जाता है (फोड़ा पानी में बड़ा इलायची और स्नान के पानी में मिलाएं)। इसके बाद इस पानी से स्नान किया जाता है। स्नान करने से वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष रुप से छेदता है। और शुक्र के दोषों का निवारण होता है।
यह उपाय समय व् यक्ति को अपनी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। और उपाय करने की अवधि शुक्रवार देव का ध्यान करने से उपाय की शुभता में वृक्ष होता है। इसके बाद शुक्रवार मंत्र का जाप करने से भी शुक्र के उपाय के पक्षों को सहयोग प्राप्त होता है ( स्नान के समय मंत्र को पढ़ो)।
शुक्र की वस्तु का दान- शुक्र से संबंधित उत्पाद
शुक्र की दान देने वाली वस्तु में घी और चावन (घी और चावल वीनस के उत्पाद हैं) का दान किया जाता है।इसके अतिरिक्त शुक्र क्योकि भोग-विलास के कारक ग्रह है। इसलिये सुख- आराम की वस्तुओं का भी दान किया जा सकता है। बनाव -श्रंगार की वस्तु का दान भी इसके अंतहीन किया जा सकता है (सौंदर्य प्रसाधन और शानदार उत्पादों)। दान क्रिया में दान करने वाले व्यक्ति में श्रद्धा और विश्वास होना आवश्यक है। और यह दान व्यक्ति को अपने हाथों से करना चाहिए। दान से पहले अपने बडों का आशिर्वाद लेना उपाय की शुभता को बढाने में सहयोग करता है।
शुक्र मन्त्र का जाप (वीनस मंत्र का जादू) शुक्र
के इस उपाय में निम्न श्लोक का पाठ किया जाता है।
"ऊँ जयन्ति मंगला काली भद्रकाली
दुर्गा क्षमा करें शिवा धात्री स्वाहा स्वधा"
शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में इस श्लोक का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर इस समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है । मुंह के फार्म होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऎसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकता है। वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिये इस श्लोक का जाप करना लाभकारी रहता है (सुनाना विवाहित जीवन समस्याओं को हल करने के लिए इस मंत्र)। वाहन दुर्घटना से बचाव करने के लिए यह लाभ लाभकारी रहता है।
शुक्र का यन्त्र (वीनस का यंत्र)
शुक्र के अन्य उपायों में शुक्र यन्त्र का निर्माण कर कर पूजा घर में रखना पर लाभ प्राप्त होता है। शुक्र यन्त्र की पहली लाइन के तीन खानों में 11,6,13 ये संख्याये लिखी जाती है। मध्य की लाइन में 12,10, 8 संख्या होनी चाहिए। और अनंत की लाइन में 07,14,9 संख्या लिखी जाती है। शुक्र यन्त्र में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए किसी भी जानकार पद्दीत की सलाह ली जा सकता है। यन्त्र पूजा घर में स्थापित करना उसके बाद नियमित रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
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