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महाकाली शाबर मंत्र अत्यंत दुर्लभ और तीव्र प्रभावशाली है

महाकाली शाबर मंत्र अत्यंत दुर्लभ और तीव्र प्रभावशाली है। इस मंत्र को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ विधि पूर्वक जपकर सिद्ध कर लिया जाये तो
साधक की सभी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती है, और साधक संपूर्ण सुख, सौभाग्य, ऐश्वर्य एवं धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है। साथ ही साथ समस्त प्रकार की बाधायें भी स्वतः ही दूर हो जाती है।
इस मंत्र के द्वारा जन कल्याण तथा परोपकार भी किया जा सकता है। साधक इस मंत्र के द्वारा किसी भी बाधाग्रस्त व्यक्ति जैसे भूत प्रेतबाधा, आर्थिक बाधा, नजर दोष, शारीरिक मानसिक बाधा इत्यादि को आसानी से मिटा सकता है। यही नही बल्कि सम्मोहन, वशीकरण, स्तम्भन, उच्चाटन, विद्वेषण इत्यादि प्रयोग भी सफलता पूर्वक सम्पन्न कर सकता है।
प्रयोग विधी:- किसी भी होली, दीपावली, नवरात्रि, अथवा ग्रहण काल में इस प्रयोग को सिद्ध करना चाहिए। सर्वप्रथम निम्न सामग्रीयाँ जुटा लें। महाकाली यंत्र, महाकाली चित्र, कनेर का पीला फूल, भटकटैया का फूल, लौंग, इलायची, 3 निंबू, सिन्दूर, काले केवाच के 108 बीज धूप, दीप, नारियल, अगरबत्ती इत्यादी।
माता काली के मंदिर में या किसी एकान्त स्थान में इस साधना को सिद्ध किये जा सकते हैं।सर्वप्रथम स्नान आदि से निवृत होकर एक लकड़ी के तख्ते पर लाल वस्त्र बिछाकर महाकाली चित्र तथा यंत्र को स्थापित करें तत्पश्चात घी का चैमुखा दिया जलाकर गुरू गणेश का ध्यान कर गुरू स्थापन मंत्र तथा आत्मरक्षा मंत्र का प्रयोग करें। फिर भोजपत्र पर निम्न चैतीसा यंत्र का निर्माण करें तथा महाकाली यंत्र, महाकाली चित्र सहित चैंतीसा यंत्र का पंचोपचार या षोड़शोपचार से पूजन करे।
पूजन के समय कनेर, भटकटैया के फूल को यंत्र चित्र पर चढ़ायें, नारियल इलायची, पंचमेवा का भोग लगायें, फिर तीनों निम्बूओं को काटकर सिन्दूर का टीका लगाकर अर्पित करें तत्पश्चात हाथ में एक-एक केवाच के बीजों को लेकर उक्त मंत्र को पढ़ते हुए काली के चित्र के सामने चढ़ाते जायें इस तरह 108 बार मंत्र जपते हुए केवाच के बीजों को चढ़ायें। मंत्र जप पुर्ण होने पर उसी मंत्र से 11 बार हवन करें। एक ब्राम्हण को भोजन करायें तथा यथाशक्ति दान दक्षिणा दें। फिर इस मंत्र का प्रयोग किसी भी इछित कार्य के लिये कर सकते हैं।
भूत-प्रेत बाधा निवारण:- हवन के राख से किसी भी भूत-प्रेत ग्रस्त रोगी को सात बार मंत्र पढ़ते हुए झाड़ दें तथा हवन के राख का टीका लगा दें फिर भोजपत्र पर चैतिसा यंत्र को अष्टगंध से लिख कर तांबे के ताबीज में भर कर पहना दें तो भूत प्रेत बाधा सदा के लिए दूर हो जाता है।
शत्रु बाधा निवारण:- अमावस्या के दिन एक़़ लेकर उस पर सिंदुर से शत्रु का नाम लिखकर महाकाली मंत्र का उच्चारण करते हुये 21 बार 7 सुइयां चुभाये फिर उसे श्मशान मे ले जाकर गाड़ दें तथा उस पर शराब की धार चढ़ायें ऐसा करने से 3 दिनों मे शत्रु बाधा समाप्त हो जाती है।
आर्थिक बाधा निवारण:- महाकाली यंत्र के सामने घी का दीपक जलाकर महाकाली शाबर मंत्र का 21 बार जाप 21 दिनों तक करने से आर्थिक बाधा समाप्त हो जाता है।
वशीकरण प्रयोग:- पंचमेवा को 21 बार मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित कर जिसे खिला दें वह वशीभूत हो जाता है।
विद्वेषण प्रयोग:- 3 केवाच के बीज कलिहारी का फूल तथा श्मशान की राख को मिलाकर 21 बार मंत्र द्वारा अभिमंत्रित कर जिसके घर के आने जाने वाले मार्ग में गाड़ दें उसका विद्वेषण हो जायेगा।
उच्चाटन प्रयोग:- एक केवाच के बीज भटकटैया के फूल और सिंदुर तीनों को मिलाकर मंत्र द्वारा 11 बार अभिमंत्रित कर जिसके घर में फेंक दे उसका उच्चाटन हो जायेगा।
स्तम्भन प्रयोग:-
तीन लांैग, हवन की राख, तथा श्मशान की राख तीनों को मिलाकर मंत्र से अभिमंत्रित कर जिसके घर में गाड़ दे उसका स्तम्भन हो जायेगा। समंत्र –
सात पुनम कालका, बारह बरस क्वांर।
एको देवि जानिए, चैदह भुवन द्वार।।
द्वि-पक्षे निर्मलिए, तेरह देवन देव।
अष्टभुजी परमेश्वरी, ग्यारह रूद्र सेव।।
सोलह कला सम्पुर्णी, तीन नयन भरपुर।
दशों द्वारी तू ही माँ, पांचों बाजे नूर।।
नव-निधि षट्-दर्शनी, पंद्रह तिथि जान।
चारों युग मे काल का कर काली कल्याण।।

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