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माँ काली वशीकरण मंत्र

माँ काली वशीकरण मंत्र

कोई भी चाहे तो माँ काली वशीकरण मंत्र सिद्धि साधना,काली सिद्धि साबर मंत्र से किसी भी कार्य को तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जा सकता है| शक्ति की देवी मां दुर्गा की सर्वाधिक शक्तिशाली रूप मां काली की आराधना और पूजा-अर्चना शत्रुओं के संहारक और मुसीबतों के विनाश के लिए की जाती है। इनके एक अक्षर से लेकर 22 अक्षरों तक के मंत्रों के विधिवत प्रयोग से न केवल सुख, एश्वर्य और समृद्धि के मनोवांछित फल प्राप्त किए जा सकते हैं, बल्कि वशीकरण जैसी अचंभित कर देने वाली श्क्ति भी हासिल की जा सकती है।तांत्रिकों का कहना है कि मां काली के कुछ मंत्र तो इतने प्रभावकारी हैं कि उनकी साधना, जाप और प्रयोग से जीवन के तमाम संकट दूर हो जाते हैं। मां काली आद्यशक्ति होने के कारण अपने भक्त को कभी निराश नहीं करती है। वे किस तरह से कितनी प्रभावकारी होती है, उसे जानने-समझने से पहले मां काली के मूल मंत्रों पर एक नजर डालना आवश्यक है, जिनके जाप से रोजमर्रे के जीवन में आनेवाले संकटों को दूर किया जा सकता है। वे मंत्र इस प्रकार हैंः-
1.एकाक्षरी मंत्रः ऊँ क्रीं। एक अक्षर के इस अद्भुत मंत्र के उच्चारण से विशेष किस्म की झंकृत करने जैसी स्वर लहरियां उत्पन्न होती हैं और उनसे सकरात्मक आभामंडल का प्रभाव काफी असरकारी बन जाता है। यह चिंतामणी काली का एक विशेष मंत्र है, जिसके जाप से मां देवी के सभी रूपों की उपासना, आराधान और साधना की जा सकती है। इसके अतिरिक्त ह्रीं भी एकाक्षर मंत्र है, जिसे दक्षिण काली का मंत्र कहा जाता है।
2.द्विअक्षरी मंत्रः ऊँ क्रीं क्रीं! यह एक बीजाक्षर मंत्र है, जिसका जाप स्वतंत्र रूप से तांत्रिक साधना और मंत्र सिद्धि के लिए तब किया जाता है जब किसी खास मंत्र का जाप अधिक संख्या में करना होता है। इसका जाप विशिष्ट मंत्र के पहले और अंत मंे सात-सात बार किया जाता है।
3.त्रिअक्षरी मंत्रः ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं! इसका जाप भी द्विअक्षरी मंत्र की तरह काली की आराधना और तांत्रिक साधना मंत्र के पहले ओर बाद में किया जाता है। यह बीजमंत्र विशेष मंत्र के प्रभाव की प्रचंडता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त ओम क्रीं ह्रुं ह्रीं एक विशिष्ट त्रिअक्षरी मंत्र है।
4.पांच अक्षरी मंत्रः क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा। इसके प्रतिदिन प्रातः 108 बार जाप करने से घर-परिवार में शांति कायम होने के साथ-साथ, धन-संपदा में बढ़ोत्तरी है और सभी दुख दूर होते हैं।
  1. छह अक्षरी मंत्रः क्रीं क्रीं फट स्वाहा। यह वशीकरण का मंत्र है, जिसे तांत्रिक सिद्धियों के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अतिरिक्त सम्मोन के लिए एक अन्य षडाक्षरी मंत्र ओम क्रीं कालिके स्वाहा! भी है।
  2. सप्ताक्षरी मंत्र : ओम हूं ह्रीं हूं फट् स्वाहा! से जीवन की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण की जा सकती है।
  3. अष्टाक्षरी मंत्रः ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा! किसी खास मनोकामनना पूर्ति के लिए जाप किए जाने वाले मंत्र के अंत में इस मंत्र का जाप करने से जीवन के चारो उद्देश्यों धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की पूर्ति हो जाती है।
  4. नौ अक्षरी मंत्रः ओम एंे ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को दर्शाने वाले दुर्गासप्शती के अनुसार नौ अक्षरी मंत्र के प्रत्येक अक्षर किसी एक ग्रह को नियंत्रित करते हैं। इसका जाप नवरात्रों में करने का अद्भुत लाभ मिलता है। हालांकि तांत्रिक इसका सवा, पांच या नौ लाख जाप कर लोक व मानवहित में उपयोगी सिद्धियां हासिल करते हैं। वैसे सामान्य पूजन घर में भी मां भगवती काली की तस्वरी या प्रतिमा के आगे बैठकर की जा सकती है।
  5. 22 अक्षरी मंत्रः ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा! दुश्मनों से मुक्ति या उसके खात्मे के अतिरिक्त अज्ञानता के अंधकार को सदा के लिए मिटाने और दुर्भाग्य को दूर करने के लिए इस मंत्र का उपयोग तांत्रित साधना के दौरान किया जाता है। इसके द्वारा दक्षिण काली का आवाह्न किया जाता है।
  6. भैरव वशीकरण मंत्रः किसी भी व्यक्ति, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, को वशीकरण करने के लिए भैरव वशीकरण मंत्र का जाप तांत्रिक साधना के साथ किया जाता है। वह महत्वपूर्ण मंत्र हैः-
ओम नमो काला गोरा भैरुं वीरपर नारी सूं देही सीर।
गुड़ परिदीयौ गोरख जाणीगुद्दी पकड़ दे भैरुं आणी,
रक्त का धरि ग्रासकदे न छोड़े मेरा पाश।
जीवत सवै देवरोमूआ सेवै मसाण।
पकड़ पलना ल्यावे। काला भैंरु न लावैते अक्षर देवी कालका की आण।
फुरो मंत्रईश्वरी वाचा!!
इसका सवा लाख जाप तांत्रिक के दिशा-निर्देश के अनुसार करना चाहिए। उसके बाद वशीकरण की आवश्यकता के अनुसार गुड़ को इसी मंत्र से 2100 बार जाप करने के बाद वश में करने वाले व्यक्ति को खिला देना चाहिए।
माँ काली वशीकरण प्रयोगः मां काली के शक्तिशाली मंत्र ओम ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं अमुकं वश्यं कुरु कुरु स्वाहा का कुल सवा लाख जाप कुल 11 दिनों में पूरा किया जाता है। जाप की शुरुआत शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन से की जाती है तथा इसके लिए उपयुक्त समय प्रातः छह से सात बजे की बीच होना चाहिए। जाप संबंधी अनुष्ठान के लिए श्वेत वस्त्र का आसन लगाया जाता है तथा जाप मोती या मूंगे की माला से किया जाना चाहिए।
अंतिम दिन दशांश हवन से साधना की पूर्णहुति होती है। उसके बाद मंत्र को किसी सफेद कागज के वर्गाकार टुकड़े पर लिखकर उसे यंत्र का रूप दे दिया जाता है। मंत्र में अमुकं की जगह वशीकरण किए जाने वाले व्यक्ति का नाम लिखकर उसे घी के बर्तन में डुबा दिया जाता है। जब तक वह घी में डूबा रहता है तबतक उस व्यक्ति पर वशीकरण का प्रभाव बना रहता है।
सरल वशीकरण प्रयोगः किसी व्यक्ति को अपने वश में करने के लिए मां काली की उपासना का फल मिलने वाला एक सरल वशीकरण उपाय है, जिसका प्रयोग कुष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को करना चाहिए। इस दिन मंगलवार हो तब और भी अच्छा है। इस सरल उपाय के लिए केवल कत्था लगा पान का पत्ता उपयोगी वस्तु है। जिस किसी व्यक्ति का वशीकरण किया जाना है उसका नाम लेकर निम्न मंत्र का जाप 108 बार किया जाता है।
माँ काली मंत्रः ओम ह्रीं क्लीं अमुकी क्लेदय क्लेदय आकर्षय आकर्षय,
मथ मथ पच पच द्रावय द्रावय मम सन्निधि आनय आनय,
हुं हुं ऐं ऐं श्रीं श्रीं स्वाहा।
इसमें अमुक के स्थान पर वशीकरण किए जाने वाले का नाम लिया जाना चाहिए। अंत में पान पर तीन फूंक मार दिया जाता है। इस तरह से अभिमंत्रित पान को मुंह में डालकर धीरे-धीरे चबाते हुए तब तक मंत्र का जाप पुनः किया जात है, जबतक कि पान पूरी तरह से मुंह में घुल न जाए। उसके बाद थोड़ा पानी पीकर एक अन्य मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है। वह मंत्र हैः- क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ्रों कामकलाकाली स्फ्रों क्रों क्लीं स्वाहा!!
यह साधना बहुत ही चमत्कारी प्रभाव देती है तथा इसके लिए किसी भी तरह के माला की जरूरत नहीं होती है, लेकिन इसके प्रयोग के समय स्नान के बाद धुले हुए कपड़े पहने जाने चाहिए तथा आसपास के माहौल में शांति होनी चाहिए।

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