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बगलामुखी वशीकरण मंत्र प्रयोग

बगलामुखी वशीकरण मंत्र प्रयोग

क्या आप बगलामुखी वशीकरण मंत्र प्रयोग करके कोई भी कार्य सिद्ध करना चाहते है? भगवान शिव के नारीस्वरूपा दस महाशक्तियों में एक देवी बगलामुखी भी है। तंत्र साधना के लिए यह बहुत ही प्रसिद्ध और प्रभावी शक्तियां प्रदान करती हं। इनकी साधना और मंत्रों के प्रयोग से विकट से विकट कार्य पूरे किए जा सकते हैं। विधिवत पूजा और मंत्रों के नियमानुसार जाप से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा मिलती है और इससे मनोवांछित सिद्धियां हासिल की जा सकती हैं। हालांकि बगलामुखी की पूजा से हर तरह के छोटे-बड़े कष्टों और मुसीबतों से मुक्ति मिल सकती है। यानि कि  कार्यक्षेत्र में कामकाज को अनुकूल बनाने और अनावश्यक या आकस्मिक अड़चनों को रोकने, असाध्य रोगों से छुटकारा पाने, अवांछित संकट से उबरने, नवग्रहों की शांति आदि में इसका चमत्कारी लाभ मिलता है।
बगलामुखी वशीकरण मंत्र प्रयोग
बगलामुखी वशीकरण मंत्र प्रयोग
बगलामुखी मंत्र प्रयोग विविध फायदे:-
  • बगलामुखी उपासना के लिए सवा लाख जाप का विधान है। ऐस विश्वास है कि जाप के दरम्यान हवन में दूधमिश्रित तिल व चावल डालने पर धन, संपत्ति और एश्वर्य की प्राप्ति होती है।
  • संतान सुख की प्राप्ति के लिए अशोक और कनेर के पत्तों द्वारा हवन करना चाहिए।
  • सभी रोगों से छुटकारा पाने के लिए कुम्हार के चाक की मिट्टी, एक हाथ लंबाई की अरंड की लकड़ी, शहद या चीनी मं भुना हुआ चावल से हवन करना चाहिए। इससे लंबे समय से बने रोग से सदा के लिए मुक्ति मिलती है।
  • गुग्गुल और तिल से हवन करने पर जेल के बंधन या शत्रु के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
  • शहद मिला तिल या सरसों से हवन करने से अभीष्ट व्यक्ति वशीभूत हो जाता है। वशीकरण का यह उपाय बहुत ही अचूक परिणाम देता है।
  • हरिताल, नमक और हल्दी से हवन करने से शत्रुओं को निष्प्रभावित किया जाता है।
  • बगलामुखी मंत्र से पूरे होने वाले कार्य हैंः- खोया हुआ प्यार पाना, पति-पत्नी के बीच वैचारिक मतभेद या अनबन दूर करना, किसी व्यक्ति(पति, पत्नी, प्रेमिका या प्रेमी) को अपने वश में करना, पारिवारिक झगड़े को खत्म करना, संतान को अपने वश में रखना, करोबार या करिअर में तरक्की हासिल करना, नौकरी या रोजगार पाना, अटका हुए पैसे की प्राप्ति या रूका हुआ कार्य पूरे होना इत्यदि।
बगलामुखी उपासना-साधना
इस देवी की उपासना के लिए साधक को चाहिए कि वह देवी के चित्र को एक चैकी पर पूरब की ओर मुखकर स्थापित करे। उसके बाद उनकी षोडशोपचार विधि से पूजन करे। पूजन सामग्रियों में वस्त्र, आसन, माला, गंध, अक्षत, फूल और फल आदि सभी पीले रंग के होने चाहिए। भोजन भी पीले रंग का होना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन, जमीन पर सोना, कम से कम बोलना आदि संयमों के साथ पूजा में बगलामुखी यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
अलग-अलग मनोकामनओं के लिए मंत्र जाप के तरीके और स्थान बदले हुए होते हैं। जैसे- शांतिकर्म के लिए ईशान कोण की ओर बैठकर मंत्र जाप करना चाहिए, तो वशीकरण के लिए उत्तर की ओर। इसी तरह से स्तंभन के लिए पूर्व की ओर, विद्वेष के लिए नैऋत्य कोण, उच्चाटन के लिए वायव्य कोण, मारण के लिए अग्नि कोण, धन-प्राप्ति के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करना चाहिए। बाकी पूजन के तरीकों मं विनियोग, न्यास, मंत्र जाप, ध्यान और कवच पाठ किए जाते है।  प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्लपक्ष की अष्टमी की तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है।
बगलामुखी मंत्र
बगलामुखी का मूल मंत्र कुछ 36 अक्षरों का है और उसके स्वरूप का वर्णन तंत्र शास्त्र में इस प्रकार से किया गया है-
ओम ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं।
स्तंभय जिह्नां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम स्वाहा।।
इसके अतिरिक्त अन्य मंत्र निम्नलिखि हैं, जिनके अलग-अलग प्रयोग कर विभिन्न समस्याओं का समाधान या आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है।
बगलामुखी भय नाशक मंत्रः यदि व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या अनहोनी आशंका हो, या मन व्याकुल बना रहता हो, तो उसे बगलामुखी के भय नाशक मंत्र का विधिवत जाप करना चाहिए। उसके बाद पीले रंग के परिधान और हल्दी की गांठ देवी को अर्पित करना चाहिए। मंत्र का दक्षिण की ओर मुखकर रूद्राक्ष की छह माल जाप करने से भय मुक्ति का लाभ मिलता है। वह मंत्र हैः-
ओम ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन।
बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्रः दुश्मन का उत्पात और उसकी वजह से पुलिस या अदालती चक्कर में फंसने वाले व्यक्ति के लिए यह मंत्र राहत देता है। इसके जाप से शत्रु परास्त हो जाता है और जीवनयापन में सुख-चैन का आगमन होता है। इसके जाप के क्रम में बगलामुखी देवी को काले वस्त्र मंे नारियल लपेट कर अर्पित करने का विधान है। देवी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने गुग्गल की धूनी जलाई जाती है तथा पश्चिम की ओर मुख कर कुल 5 माला का जाप किया जाता है। वह मंत्र इस प्रकार हैः-
ओम बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु।
परीक्षा में सफलता का मंत्रः नौकरी के लिए प्रतियोगिता परीक्षा हो या फिर कक्षा में आगे बढ़ने के लिए कोई अन्य परीक्षा, उनमें सफल होने के लिए पाठ्यक्रमों की तैयार के साथ-साथ निम्न मंत्र का जाप  करने से मन की विषय के प्रति एकाग्रता बढ़ती है और हर कीमत पर सफल होने की प्रेरणा मिलती है। मंत्र हैः- ओम ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं साफल्यं देहि देहि स्वाहाः। इसकी जाप शुरू करने से पहले देवी की तस्वीर या प्रतिमा के सामने अख्ं दीपक जलाएं और बेसन के हलवे का प्रसाद चढ़ाएं। पूरब की ओर मुखकर मंत्र का आठ माला जाप करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
बल-बुद्धिदायक मंत्रः ओम हुं हां ह्लीं देव्यै शौर्यं प्रयच्छ।
शारिरीक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए बगलामुखी के इस मंत्र का सात माला जाप करने से सकारात्मक परिणाम मिलता है तथा मान-सम्मन एवं शौर्य में असाधारण वृद्धि होती है। इसके लिए देवी को फूल, सुगंध, हल्दी, केसर, चंदन घुला हुआ पीला जल अर्पित कर पीले आसन पर बैठकर मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके अतिरिक्त मछली या पक्षियों को आहार खिलाकर भी बगलामुखी को प्रसन्न किया जा सकता है।
दिर्घायु होने का बगलामुखी मंत्रः ओम ह्लीं, ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहाः। इस मंत्र का पूरब की ओर मुख कर पांच माला जाप के बाद गरीबों, ब्राह्मणों और साधुओं को भोजना करवाया जाना चाहिए।
संतान सुरक्षा मंत्रः ओम हं ह्लीं बगलामुखी देव्यै कुमारं रक्ष रक्ष। इसका छह माला जाप पश्चिम की ओर मुख कर करना चाहिए।
बगलामुखी वशीकरण मंत्रः ओम बगलामुखी सर्व स्त्री/पुरुष हृदयं मम् वश्यं कुरु एं ह्रीं स्वाहा।
इस मंत्र में सर्व के स्थान पर वशीकरण किए जाने व्यक्ति का नाम लेना चाहिए तथा स्त्री द्वारा पुरुष के वशीकरण करने की स्थिति में मंत्र के स्त्री शब्द के बदले में पुरुष का उच्चारण करना चाहिए। इसकी साधन सच्चे मन से ब्रह्मचर्य का पालन करने हुए पूरे विधि-विधान के साथ कर देवी से निम्न मंत्र के द्वारा क्षमा प्रार्थना भी करना चाहिए।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्,
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।
मंत्रहीनं क्रिसरहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि,
यत्पूजितं मयां देवि परिपूर्ण तदस्तु मे। 

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