रामायण की किन चौपाइयों से दूर होती हैं घर व् काम की कौन-कौन सी परेशानियाँ.
रामायण हिन्दुओं का एक पवित्र धार्मिक ग्रन्थ है. इस ग्रन्थ में भगवान् श्री रामचंद्र और उनकी पत्नी सीता के जीवन का वर्णन किया गया है. भगवन रामचन्द्र को विष्णु का अवतार माना गया है. इस ग्रन्थ के अनुसार राजा श्री रामचंद्र को मर्यादा पुरुषोतम माना गया है. इस ग्रन्थ में बहुत सी चौपाइयां दी गई हैं. इन चौपाइयों से हमारे जीवन की बहुत से परेशानियाँ खत्म हो जाती हैं. 1.जब हमारे सिर में दर्द हो रहा हो या दिमाग में कोई परेशानी महसूस हो रही हो या फिर सिर में भारीपन महसूस हो रहा हो तो हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिये----
हनुमान अंगद रन गाजे. हॉक सुनत रजनीचर भाजे.
2.जब हमें नौकरी की आवश्यकता होती है और हम नौकरी करना चाहते हैं लेकिन हमें नौकरी मिल नहीं रही होती है तो नौकरी पाने की लिए हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
बिस्व भरण पोषन कर जोई. ताकर नाम भरत जस होई.
3.जब हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही हो और हमें पैसे की बहुत सख्त जरूरत हो लेकिन पैसे का इंतजाम न हो पा रहा हो तो हमें धन-दौलत और सुख संपत्ति प्राप्त करने के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
जे सकाम नर सुनही जे गावहि. सुख संपत्ति नाना विधि पावही.4. अगर हमारे कोई पुत्र संतान न हो और हम पुत्र सन्तान चाहते हों तो पुत्र प्राप्ति के लिए हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिए ----
प्रेम मगन कौसल्या निसदिन जात न जाना. सूत सनेह बस माता बालचरित कर गान.
5.जब हमारी कोई वस्तु खो गई होती है और हम उसे दुबारा प्राप्त करना चाहते हैं या हमारा कोई व्यक्ति खो गया होता है तो उसे फिर से प्राप्त करने के लिए हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
गई बहोर गरीब नेवाजू. सरल सबल साहिब रघुराजू.
6.जब हमारे ऊपर पढाई या परीक्षा का ज्यादा बोझ पड़ रहा हो और हम ठीक से एकाग्रचित होकर पढाई न कर पा रहे हों तो हमें पढाई या परीक्षा में कामयाब होने के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
जेहि पर क्रपा करहीं जनु जानी.कवि उर अजिर नचावहिं बानी.मोरि सुधारिहीं सो सब भांति. जासु क्रपा नहीं क्रपा अघाती.
7.जब हमें कोई जहरीला कीड़ा या सांप काट ले तो उसका जहर के असर को खत्म करने के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---नाम प्रभाऊ जान सिव नीको. कालकूट फल दीन्ह अमी को.
8.जब हमें किसी की बुरी नजर लग जाती है और हम बीमार पड़ जाते हैं तो ऐसे में नजर उतारने के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी. निरखहिं छबी जननी तन तोरी.
9.हनुमान जी हमें बल और बुद्धि देते हैं, हमें रोगों से दूर रखते हैं सभी कार्यों में हमारी सहायता करते है. हनुमान जी की उपासना करने से हमारे सब दुख दूर हो जाते हैं. हनुमान जी की क्रपा प्राप्त करने के लिए हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
सुमिरि पवनसुत पावन नाम. अपने बस करि राखे राम.
10.यगोपवित पहनने के लिए और उसकी पवित्रता बनाये रखने के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
जुगुति बेधि पुनि पोहिअहिं रामचरित बर ताग.पहिरहिं सज्जन बिमल उर सोभा अति अनुराग.
11.जब हम कहीं यात्रा पर जा रहे हों तो जिस कारण से हम यात्रा पर जा रहे हैं उस ऊद्देश्य की पूर्ति के लिए व् सुखद एवं मंगलमय यात्रा के लिए हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा. हिर्दयं राखि कोसलपुर राजा.
12.जब किसी कारण से हमारी किसी से दुश्मनी हो जाती है और हम उस दुश्मनी को खत्म करना चाहते हैं लेकिन दुश्मनी खत्म होने में नहीं आ रही होती है तो ऐसे में हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
बयरु न कर काह सन कोई. राम प्रताप विषमता खोई.
13.जब हम भूत पिशाच के संकट में फंस जाते हैं कोई उपरी बाधाएं हमें परेशान करने लगती है तो ऐसे में सभी तरह के संकट और बाधाएं दूर करने के लिए हमें इस चौपाई का पाठ करना चाहिये --- प्रनवउँ पवन कुमार, खल बन पावक ग्यान घन. जासु ह्रदयं आगार, बसहिं राम सर चाप धर.
.14.जब हम बिमारियों से बहुत अधिक परेशान होते हैं लेकिन बिमारी ठीक होने में नहीं आ रही होती है और हमारे मन में अशांति होती है तो ऐसे में बीमारी और अशांति को दूर करने के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
दैहिक दैविक भौतिक् तापा. राम राज काह्हीं नहीं ब्यापा.
15.जब हमें असमय म्रत्यु का भय सताने लगता है और हम किसी संकट में पड़ जाते हैं तो इस भय और संकट को दूर करने के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिये ---
नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट. लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि
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