यदि आप तंत्र साधना करने की सोच रहे हैं तो यह सवाल आपके लिए महत्वपूर्ण है कि किसी योग्य व्यक्ति से पूछें कि 'मैं तंत्र साधना कर सकता हूं या नहीं? हालांकि ऐसा सवाल आप खुद से ही पूछें तो ज्यादा अच्छा होगा। फिर भी हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिससे कि आपको इस सवाल का उत्तर मिल जाएगा।दो तरह की साधनाएं होती है पहली दक्षिणमार्गी और दूसरी वाममार्गी। तंत्र साधना वाममार्गी साधना है। यह असाधारण और भयावह होती है। लेकिन इसका परिणाम तुरंत ही आता है। असाधारण प्रयत्य करने पर इसकी प्रतिक्रिया भी असाधारण होती है। तांत्रिक साधना प्रकृति में छिपी शक्ति पर अधिकार करने का एक उपक्रम है। इस दौरान व्यक्ति के साथ जो भी घटित होता है वह अचानक ही होता है जिसकी की वह कल्पना नहीं कर सकता। अत: यदि आपकी तैयारी नहीं है तो आपकी मृत्यु भी हो सकती है। इसीलिज्ञए तंत्र साधना से पहले व्यक्ति खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और शक्तिशाली बनाता है।उदाहरणार्थ, जब बंदूक चलाई जाती है तो जिस समय नली में से गोली बाहर निकलती है उस समय वह पीछे की ओर एक झटका मारती है और भयंकर शब्द करती है। ऐसे में यदि बंदूक चलाने वाला कमजोर है तो उस झटके से उसका कंधा उतर सकता है या वह बेहोश भी हो सकता है। यह भी हो सकता है कि उस झटके से वह पीछे की ओर गिर जाए या धड़ाके की आवाज से अत्यधिक घबरा जाए। बस, तंत्र कुछ इसी तरह का होता है।अन्य उदाहरण, चन्दन के वृक्षों के निकट सर्पों का निवास रहता है, गुलाब के फूलों में कांटे होते हैं, शहद प्राप्त करने के लिए मक्खियों के डंकों का सामना करना पड़ता है, सर्प-मणि पाने के लिए भयंकर सर्प से और गजमुक्ता पाने के लिए मदोन्मत्त हाथी से जूझना पड़ता है। ठीक इसी तरह तांत्रिक साधना करने के लिए या उस दौरान उत्पन्न होने वाले खतरे के लिए व्यक्ति को मजबूत बना रहना होता है क्योंकि ऐसे अवसर पर डरावने, भूत, प्रेत, पिशाच, देव, दानव जैसी आकृतियां दिख सकती हैं, दृष्टि-दोष उत्पन्न होने के कारण कुछ का कुछ दिखाई दे सकता है। अनेकों प्रकार के शब्द, रूप, रस, गन्ध और स्पर्श का अनुभव हो सकते हैं। यदि साधक इस दौरान डर गया तो समझों मर गया।तलवार की धार पर चलने के समान तंत्र-विद्या के कठिन साधन हैं। उसके लिए साधक में पुरुषार्थ, साहस, दृढ़ता, निर्भयता और धैर्य पर्याप्त होना चाहिए। अत: हमारी तो यही सलाह है कि किसी सुयोग्य अनुभीव सम्पन्न गुरु की शरण में रहकर ही यह साधना करना चाहिए क्योंकि यदि आपने किसी किताब को पढ़कर यह साधना करने का निर्णय लिया है तो आप मुसीबत में पड़ने वाले हैं।अक्सर या देखा गया है कि बाजार में मिलने वाले तंत्र-गंथों में जो साधना-विधियां लिखी गई है वे बड़ी अधूरी हैं। उनमें दो ही बाते मिलती हैं- एक साधन का फल, दूसरे साधन-विधि का कोई छोटा-सा अंग। यह विधि कितनी सही या गलत है यह कोई नहीं जानता। किताबी ज्ञान आपको इशारे से मार्ग बता सकता है लेकिन वह मार्ग सही है या नहीं यह तो वही बता सकता है जो उस मार्ग पर चलकर गया है और जिसने उस मार्ग के सभी तरह के दुख और सुख झेले हैं। हालांकि ऐसी कई किताबों में दावा किया जाता है कि यह लेखक का सच्चा अनुभव है लेकिन क्या आपने लेखक को देखा और परखा?
देवी महाकली के खतरनाक मौत के मंत्र - काली का खारनाकक मारन प्रार्थना यह देवी महाकाली से संबंधित मौत मंत्र का खतरनाक रूप है देवी महाकली इस चरण में वांछित काम करते हैं। इस मंत्र के परिणामस्वरूप देवी इस मारन प्रार्थना को पूरा करेंगे। देवी महाकाली के खतरनाक मौत के मंत्र - ओम चाँदलीनी कामखन वासनी वैन डरगे क्लिन क्लिन था: गु: स्वाहा: खतरनाक मृत्यु मंत्र देवी महाकाली के अनुष्ठान - सबसे पहले हमें 11000 बार मंत्र जप से मंत्र की इस शक्ति को सक्रिय करने की आवश्यकता है फिर जब गोवर्चन और कुम कुम के साथ भोजपतराह पर नीचे बखूबी रेखा लिखने का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। रेखा है - 'स्वाहा मेर्य्य हुन अमुक्कन (शत्रु का नाम यहाँ) ह्रीम फाट स्वाहा | अब इसके बाद के मंत्र के साथ बाहर निकलते हैं और गर्दन में पहनते हैं, कुछ दिनों में दुश्मन की समय सीमा समाप्त हो जाएगी और देर हो जाएगी देवी महाकाली के खतरनाक मौत की घंटी हिन्दि संस्करण में - काली का खारनाकक मारन प्रैयोग - खतरनाक मारन प्रयोग । मंत्र । चाण्डालिनी कामाख्या वासिनी वन दुर्गे क्
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