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काला भैरव मूठ भेजने की विधि

काला भैरव मूठ भेजने की विधि

यहाँ काला भैरव मूठ भेजकर शत्रु मारण की विधि बताई जा रही है। पूरी विधि साबधानीपूर्वक पढ़कर ही उपयोग मे लाएँ एवं गुरु के मार्गदर्शन के बिना कोई भी प्रयोग न करें अन्यथा आप पागल हो सकते हैं या आपकी मृत्यु भी हो सकती है यदि गलती हुई तो उसका उल्टा परिणाम होता है। इसलिए किसी भी मंत्र को मज़ाक मे भी न पड़ें और सभी मारण प्रयोग को गुरु के मार्गदर्शन मे ही करें। किसी पर गलत प्रयोग न करें।प्रयोग विधि: सबसे पहले मुर्दे की हांडी ले लो फिर यह भी ध्यान रखो की वो कहाँ जलाया जा रहा है। अब रात को वहां जाना है और उड़द की दाल उस चिता की आग में और उसी हांडी में भूनने है। ध्यान रहे इस प्रक्रिया में मंत्र जप चालु रहे। अब हांडी उतार लो और उसमे से भुने हुए और जले हुए उड़द अलग कर लो। केवल जले हुए उड़द लेकर २१ बार मंत्र से अभिमंत्रित करके अपने शत्रु को फेंककर मारो। बस अब आगे क्या होगा खुद देख लेना। कुछ ही समय मे आपके शत्रु का खेल खत्म हो जाएगा। ये सब प्रक्रिया गुरु के देखरेख में होनी चाहिए और सूर्योदय से पहले ही होना चाहिए।मंत्र इस प्रकार है:-ॐ नमो काला भैरो मसान वाला। चौसठ योगिनी करै तमाशा। रक्त बाण।चल रे भैरों कालिया मसान। में कहूँ तोसों समुझाय। सवा पहल में धूनी दिखाय।मुवा मुर्दा, मरघट बॉस। माता छोड़े पुत्र की आस। जलती लकड़ी धुकै मसान।भरों मेरा बैरी तेरा। खान सेली सिंगी रुद्रबाण। मेरे बैरी को नहीं मारो तो राजा रामचन्द्र लक्ष्मण यति की आन।शब्द साँचा। पिंड कांचा। फुरै मंत्र ईश्वरोवाचा।”

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