हमारे बीच में से कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें नकारात्मक शक्तियां अधिक प्रभावित करती है। जिन्हें नकारात्मक शक्तियों का अहसास जल्दी हो जाता है और उन्हीं में से कुछ उनकी गिरफ्त में भी आ जाते है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका नकारात्मक शक्तियां बाल भी बाकां नहीं कर पाती है, लेकिन ऐसा क्यों? जानिए इसके पीछे का रहस्य जिन लोगों की कुंडली के दशम भाव का स्वामी अष्टम भाव में या एकादश भाव में हो तो और संबंधित भाव के स्वामी से नजर भी हो तो ऐसे लोग नकारात्मक शक्तियों की गिरफ्त में जल्दी आते हैं।व्यक्ति की कुंडली के पहले भाव में चंद्र के साथ राहु हो या फिर पंचम भाव और नवम भाव में क्रूर ग्रह हो तो नकारात्मक शक्तियां इन्हें अधिक परेशान करती है।अगर कुंडली में शनि, राहु, केतु या मंगल की दशा खराब होती हैं तो नकारात्मक शक्तियां आपको परेशान करने लगती है।जो इन शक्तियों के बारे में अधिक सोचता है और उसे मन में इनको लेकर हमेशा एक डर रहता है। ऐसे लोगों पर ये शक्तियां जल्दी हावी होती है।
शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १) “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और ...
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