- निम्नवत मंत्र को 1०8 बार जप कर किसी पुष्प को अभिमंत्रित करके जिस स्त्री पर फेंकाजाएगा, वह मोहित हो जाएगी।मंत्र इस प्रकार है-ॐ नमो आदेश गुरु को, कामरूप देश कामाक्षा देवी तहां ठैठैइस्माइल जोगी, जोगी के गन फूल-क्यारी, फल चुन-चुन लावै लोना चमारी, फूल चल फूल-फूल बिगसे, फूल पर बीर नरसिंह बसे, जो नहीं फूल का विष, कबहुं न छोड़े मेरी आस। मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।मंत्र जप के लिए स्फटिक मनी की माल का प्रयोग करना अधिक लाभकारी है चमेली के पुष्प का प्रयोग करने से स्त्री तुरंत आप के वश मे हो जाएगी पुष्प को अभिमंत्रित से पहले गंगाजल से शुद्ध कर ले41 दिन लगातार जाप के बाद ही मंत्र सिद्ध होगा पुष्प अभिमंत्रित करते समय आप को कोई देख न ले इस बात के अवश्य ध्यान रखे अन्यथा
- वशीकरण विफल हो जाएगा
- स्त्री पर पुष्प फंक्ते समय आप ने लाल रंग के वस्त्र पहने होने चाहिए
- इस मंत्र का बुधवार को प्रयोग करने से स्त्री तुरंत आप के वश मे हो जाती है
स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1....
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