कलियुग में हनुमान जी एक ऐसे देव है जो भक्तों की मनोकामना को अतिशीघ्र पूर्ण करते है | वैसे तो श्री राम भक्त हनुमान भगवान श्री राम के नाम लेने से ही प्रसन्न हो जाते है लेकिन यदि आप चाहते है किसी बड़ी मनोकामना को पूरा करना या फिर किसी बड़े संकट से छुटकारा पाना तो ऐसे में हनुमान जी के प्रिय मंत्र द्वारा उनकी साधना करना सबसे अच्छा विकल्प है | हनुमान जी की साधना में साधक के भाव के ऊपर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार से स्वयं को हनुमान जी के प्रति समर्पित करता है |यदि आप नियमपूर्वक साधना समय को पूरा करते है तो आपकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है | यदि साधक मंत्र साधना में सिद्धि अर्जित करने के उद्देश्य से साधना को करता है तो उसे पूर्णरूप से स्वयं को हनुमान जी के प्रति समर्पित करना होगा | किसी भी साधना में सिद्धि प्राप्त करना एक कठिन कार्य है लेकिन असंभव बिल्कुल नहीं | यदि आप द्रढ़ संकल्प के साथ पूर्ण विधि और नियमों का पालन करते हुए साधना करते है तो साधना में सिद्धि अवश्य ही प्राप्त होती है |
हनुमान साधना मंत्र : –
||ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् ||
अथवा
ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं
वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ||
वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ||
आज हमने आपको हनुमान जी के दो मंत्रो के विषय में जानकारी दी है इनमें से किसी भी एक मंत्र द्वारा आप अपनी साधना पूर्ण कर सकते है | साधना की विधि और नियम इस प्रकार से है :हनुमान साधना विधि : –अपने घर में एक ऐसे कमरे को चुने जिसमें आपको कोई भी परेशान न करें | अब इस कमरे की अच्छे से साफ-सफाई करें | गोमूत्र और गंगाजल मिलाकर पूरे कमरे में छिड़ककर कमरे को पवित्र कर ले | अब कमरे में पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी पर केसरियां रंग का कपड़ा बिछाए | अब उस चौकी पर हनुमान जी की प्रतिमा और उनका सिद्ध यंत्र स्थापित करें |

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें