सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

महाकाली दुश्मन मारण मंत्र

महाकाली दुश्मन मारण मंत्र, यदि कोई आपका दुश्मन बन गया है और लाख कोशिश करने पर भी आपका पीछा नही छोड़ रहा या आपको जान से मारने की कोशिश कर रहा है तो आपको महाकाली दुश्मन मारण मंत्र से खुद को बचाना चाहिए और शत्रु को नष्ट कर देना चाहिए|यदि आप शत्रु का मारण करना चाहते हैं तो आप महाकाली दुश्मन मारण मंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं| इस मंत्र का प्रयोग करने पर आपके शत्रु का मारण हो जायेगा|यह मंत्र इस प्रकार है –ओम नमो भगवते महाकाल भैरवाय कालाग्नि तेजसे दुश्मन का नाम में शत्रुं मारय-मारय पोथय हूँ फट स्वाहा||प्रतिदिन 1000 की संख्या में जाप करने मात्र से 29 दिन में शत्रु का निग्रह हो जाता है|नीचे एक और महाकाली दुश्मन मारण मंत्र दिया जा रहा है जिससे आप अपने शत्रु का मारण कर सकते हैं| इस मंत्र का प्रयोग करके दुश्मन के इरादों और कार्यों को नष्ट कर सकते हैं| इस मंत्र का प्रयोग साधक अपनी रिस्क पर ही करें|यह मंत्र इस प्रकार है –ओम क्लीं कंकाल कपालिनी कूटम्बरी आडम्बरी भकार ध: ध:इस मंत्र का 108 बार जाप करने से इसे सिद्ध किया जा सकता है| इसे सिद्ध करने के बाद इस मंत्र का प्रयोग करते समय अपने हाथ में थोड़ी सी मिट्टी उठायें और सात बार मंत्र का जाप करें|इस महाकाली दुश्मन मारण मंत्र को सिद्ध करने के बाद आप जिस भी व्यक्ति का चाहें उसका मारण कर सकते हैं| इससे आपका शत्रु पूरी तरह से नष्ट हो जायेगा|आप शत्रु के मारण और पीड़ा देने वाला प्रयोग इस प्रकार करें|मंत्र इस प्रकार है –बार बान्धौ बार निकाले जाकाट धारनो सुजाये, लय बहरनाचौहाथ से तौ काट दांत से दुहाई मामा हवा की-इस मंत्र को सिद्ध करने की विधि इस प्रकार है –पहले फर्श पर पोता-मिट्टी का पोछा लगा दें| फिर इसके ऊपर एक चादर बिछा दें| और उस पर पश्चिम दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाये| अपने सामने एक घी का दीपक जलाकर रख दें|अपने पास थोड़ा सा हलुआ, मेवा, इस्त्र, दो पुड़ी और गांजे की चिलम आदि को एकसाथ रख दें| अब दीपक के आगे दो लौंग और एक नींबू रख दें| अब लोभान की धूप देकर ऊपर दिए मंत्र का जाप करें|मंत्र का जाप पूरा होने पर नींबू और दीपक को छोड़कर बाकि सभी चीज़ों को नदी में ले जाकर विसर्जित कर दें| अब ऊपर दिए गए मंत्र को पढ़कर नींबू को अभिमंत्रित कर लें| 101 बार मंत्र का जाप और फिर नींबू में छेद कर दें|इस प्रयोग के असर देखने के लिए इसे 40 दिन तक लगातार करना चाहिए| इसको करने से शत्रु के पेट में दर्द होगा और वह कुछ ही दिनों में उसका मारण हो जायेगा|इस प्रयोग को तभी करना चाहिए जब दुश्मन से आपको मौत का खतरा हो| आप किसी मासूम या निर्दोष व्यक्ति पर इस मारण मंत्र का प्रयोग न करें|यदि आपके दुश्मन ने आपकी नाक में दम कर रखा है और वह आपको चैन से जीने नही दे रहा है तो आप यहाँ दिया गया शत्रु मारण मंत्र का प्रयोग करें और शत्रु से छुटकारा प्राप्त कर लें|यह एक पौराणिक मंत्र बहुत शक्तिशाली है इस मंत्र को पढ़ते ही इसका असर शुरू हो जाता है|इसे प्रयोग में लाने के लिए इस मंत्र विधि को जान लेना आवश्यक है| ये मंत्र विधि इस प्रकार है-किसी तरह से अपने दुश्मन के पैरों के नीचे की मिट्टी को प्राप्त कर लें| अब एक कपड़ा बिछा लें और उसके ऊपर इस मिट्टी को डाल दें| अब इसके बगल में एक मोमबत्ती जला दें| इस काले कपड़े के चारों कोनों पर थोड़ा-थोड़ा सिंदूर लगा दें| अब अपने दायें हाथ में एक सुपारी रख लें और नीचे दिए  गए महाकाली दुश्मन मारण मंत्र का 121 बार जाप करें|यह मंत्र इस प्रकार है –नम: ऐन् क्रीन् क्रीन् कालिकाये स्वाहा|ऐन् नम: क्रीन् क्रीन् कालिकाये स्वाहा||इस महाकाली दुश्मन मारण मंत्र का जाप के बाद सुपारी पर फूंक मार दें| अब इसे काले कपड़े में ही रख दें| दूसरी सामग्री को भी काले कपड़े में लपेटकर श्मशान घाट में छोड़कर आ जाएं| इस उपाय को करने से आपके शत्रु का मारण हो जायेगा और आपको उससे हमेशा के लिए छुटकारा मिल जायेगा| वह आपसे इस कदर भयभीत हो जायेगा कि आपसे माफ़ी मांगने लगेगा|यदि आप अपने शत्रु का मारण करना चाहते हैं तो आपको इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए| यह मंत्र इस प्रकार है –ओम हूं हूं फट स्वाहा|इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए शनिवार की मध्य रात्रि में इस मंत्र का 1008 बार उच्चारण करें| इस मंत्र का 1008 बार उच्चारण पूरा होने तक रुके नही जाप जारी रखें| इस मंत्र का शत्रु पर प्रयोग करते समय किसी सिद्ध व्यक्ति की सलाह ज़रूर लें|एक अन्य मारण महाकाली दुश्मन मारण मंत्र आपको बताया जा रहा है| इस मंत्र का प्रयोग करके भी आप शत्रु को परास्त कर सकते हैं| यह मंत्र इस प्रकार है –ॐ डं डां डिन् डीं डु डू डेन् डैन् डों डौं डं ड:अमुकस्य हन स्वाहा ॐयदि आप अपने शत्रु की हरकतों से परेशान हो चुके हैं तो आपको महाकाली दुश्मन मारण मंत्र से दुश्मन का सफाया कर खुद की रक्षा करनी चाहिए|इस टोटके का प्रयोग करने के लिए अमावश्या की मध्य रात्रि का समय सही माना जाता है| मध्य रात्रि को दक्षिण की तरफ मुह करके बैठ जाएँ| अब अपने सामने काला कपड़ा बिछाकर उस पर माँ काली का तस्वीर स्थापित कर दें| माँ काली की पूजा करें और फिर एक नींबू पर सिंदूर से शत्रु का नाम लिख दें| अब एक रुद्राक्ष की माला लेकर यहाँ दिए गए मंत्र का 11 बार जाप करें|यह मंत्र इस प्रकार है –क्रीन् क्रीन् शत्रु नाशिनी क्रीन् क्रीन् फट|माला का जाप पूरा होने पर माँ काली से शत्रु के आपको चोट पहुँचाने के सारे प्रयासों को निष्फल करने की प्रार्थना करें| अब शत्रु के नाम लिखे नींबू को तांबे के लोटे या मिट्टी की मटकी में डालकर गड्डे में गाड़ दें|महाकाली दुश्मन मारण मंत्र का प्रयोग अत्यंत ही सावधानी से करें| इस मंत्र प्रयोग को किसी निर्दोष व्यक्ति पर कभी न करें वरना परिणाम खतरनाक हो सकते हैं| किसी सिद्ध गुरु के सानिध्य में ही इस महाकाली दुश्मन मारण मंत्र का प्रयोग करें| महाकाली दुश्मन मारण मंत्र का प्रयोग तभी करें जब आपके पास आत्मरक्षा का कोई अन्य उपाय शेष न बचा हो|

e mail -7737934285prem@gmail.com
mobail -or whats app ..7737934285

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बगलामुखी शत्रु विनाशक मारण मंत्र

शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १)  “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और ...

स्तंभन तंत्र प्रयोग:

स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1....

मसान सिद्धि साधना

  मसान सिद्धि साधना कोई भी अघोरी तांत्रिक साधक मसान सिद्धि साधना कर प्रयोग कर मसान को जागृत किया जा सकता है|मसान जगाकर कोई साधक तांत्रिक शक्तियों को अर्जित कर सकता है और उसकी सहायता से कई चमत्कार कर सकता है, मसान या श्मशान विधि बहुत ही खतरनाक होती है| यहाँ दी गयी मसान सिद्धि साधना के प्रयोग से आप काले जादू और तांत्रिक साधना में दक्ष हो सकते हैं, अगर आपके अन्दर साहस की कमी है या आपका संकल्प कमज़ोर है तो इस मसान सिद्धि साधना को नही करना चाहिए| मसान जगाने की विधि/मंत्र करने के लिए करने के लिए आपको ये वस्तुएं इकठ्ठा करनी होगी – सरसों का तेल, मिट्टी का तेल, लोभान, 1 बोतल शराब, एक इस्त्र की शीशी और कुछ लौंग, अब आप श्मशान में चले जाएँ और वहां पर दिया जला दें| अब लौभान कपूर आदि जला दें, अब दीये के सम्मुख बैठकर इस मन्त्र का 11 बार माला जाप करें  – ओम नमो आठ खाट की लाकड़ी, मुंज बनी का कावा, मुवा मुर्दा बोले, न बोले तो महावीर की आन, शब्द सांचा, पिंड कांचा, पिंड कांचा, फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा|| आप अपने आस पास इस्त्र और शराब छिड़क दें, अगर इस दौरान आपको ...