सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अपने प्यार को पाए आसान वशीकरण के चमत्कारी सरल उपाय से

वशीकरण के चमत्कारी सरल उपाय से किसी को भी काबू में किया जा सकता है | इसका प्रयोग कर पसंद का प्रेम प्राप्त कर सकते है|वशीकरण किसी के साथ भी हो सकता है, और इस दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं जो इन चीज़ों के द्वारा प्रभावित नहीं होता है। वशीकरण के ज़रिये लोग अपनी अपनी इच्छा शक्ति को और प्रबल करके सामने वाले की इच्छा शक्ति को कम करते हैं – यह कभी कभी किसी भले काम के लिए भी किया जाता है और कभी कभी किसी बुरे काम को अंजाम देने के लिए भी। वशीकरण के अनेक तरीके वैदिक काल से पाए जाते हैं। फिर पौराणिक काल आता है और फिर बौद्धिक काल और फिर आधनिक काल तक के सफर में वशीकरण ने अपना सफर तय किया है।इस सफर में वशीकरण करने के तरीकों में बदलाव तो आ गया है पर उसे करने वाले मनुष्य वही हैं। उनकी चाहें वही हैं – कोई कुर्सी के पीछे वशीकरण करता है, तो कोई औरत के पीछे। कोई दौलत के पीछे वशीकरण करता है तो कोई अपनी विचारधारा को उच्चतम मनवाने के लिए। वशीकरण करने के तरीके वैदिक काल में यज्ञ के दौरान मन्त्रों के उच्चारण, यज्ञ में आहुति के द्वारा और कोई रस्सी बांध कर या फिर कोई बैल किसी दिशा में छोड़ कर अभिचार द्वारा किया जाता था। पौराणिक काल में इनकी शैली में परिवर्तन हो गया और किस तरह रूप में अंतर, पुनर्जन्म की कहानियों अदि से बौद्धिक कल तक यह तरीके छुपे हुए बन गए और आधुनिक काल में वही टोने, टोटके और तंत्र विद्याओं के ज़रिये ही किये जाने लगे।
अगर आप वशीकरण के चमत्कारी सरल उपाय चाहते हैं तो यह समझ लें की इसके लिए पहले एक स्वच्छ और समृद्ध शरीर की ज़रूरत होती है। इसलिए आपको ऐसा करना चाहिए की सारी तामसिक आदतें छोड़ देनी चाहिए जैसे की मीट, मुर्गा, मछली, शराब, तम्बाकू, कोई और नशीले पदार्थ आदि को छोड़ देना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं की अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपका शरीर स्वच्छ नहीं होगा और आप ज्यादा से ज्यादा समय व्यर्थ गावां रहे होंगे।जब तक आप ऐसा करने में असमर्थ होते हैं तब तक आप कुछ और करें, पूजा पाठ में ध्यान लगाएं। जब आपकी आदतें इस दिशा की ओर चल पड़ें तो फिर आप ऐसा करें की प्रातः काल उठ जाएं, समय सवेरे के ४ बजे के आस पास होना चाहिए (सूर्योदय से पहले उठें, तो शिशिर ऋतू में देर से और ग्रीष्म ऋतू में जल्दी) उठने के बाद में आप अपनी नित्य क्रियाओं से मुक्त हो लें, उसके बाद में आप स्नान गृह जा कर नहा लें और फिर पूजा मंदिर में जाएं, अगर घर में मंदिर नहीं है तो पास के किसी मंदिर को चलें। मंदिर में भगवानो की मूर्तियों को धूप-दीप दिखाएं और उसके बाद में एक लोटा जल ले लें – हो सके तो ताम्बे का लोटा ले लें। इसमें जल भर लें, और उगते सूरज की तरफ मुंह करके दोनों हाथों को बाज़ुओं के बराबर ऊपर ले आएं – फिर हांथों से लोटे से जल सूरज के गोलाकार पर गिराते हुए मन्त्र बोलेन – ॐ सूर्याय नमः। इसे सूरज को अर्घ देना कहते हैं। यह क्रिया रोज़ सवेरे करें तो थोड़े ही दिनों में आपको फायदा मालूम पड़ेगा।अगला कार्य जो किये जा सकता है वह है की आप एक पैकेट छोटी इलाइची का ले आइयें और फिर उसे खोल तीन चार इलैयीची को अपने पसीने से शनिवार के दिन छुआ दें। अब आप एक कृष्ण भगवन को याद करते हुए इस इलाइची को तीन दिन बाद उस व्यक्ति को खिला दें जो जिसे आप वशीभूत करना चाहते हैं तो आपके कार्य में आपको सफलता अवश्य ही प्राप्त होगी। अगर आप एक ऐसा उपाय चाहते हैं जिससे आप सब लोगों को वशीभूत कर पाएं जैसे जब आप किसी इंटरव्यू के लिए जा रहे हों या रिश्तेदारों से मिलने जा रहे हों तो फिर ऐसा करें की सफ़ेद गांजे की जड़ को अपने मत्थे पर घिस कर तिलक की तरह लगा लें, आप पाएंगे की लोग आपकी तरफ तुरंत ही आकर्षित हो रहे और आप सब को मोहित कर पा रहे हैं। आपके दिन में एक अलग ही ख़ुशी आ जाएगी।आसान स्त्री वशीकरण के चमत्कारी सरल उपाय टोटके:-यदि आप किसी स्त्री को वशीभूत करने की इच्छा रखते हैं तो उसके लिए हमारे पास आपके लिए एक अलग और अनोखा इलाज है आप इस उपाय को करेंगे तो पाएंगे की आप अपने उस ख़ास साथी को जीवन साथी बनाने तक के लिए वशीभूत कर सकते हैं। अगर आप यह करना चाहते हैं या फिर किसी और कारण से किसी स्त्री को वशीभूत करना चाहते हैं तो फिर ऐसा करें की सूर्य ग्रहण का समय ढूंढ लें उस समय सहदेवी की जड़ और सफ़ेद चन्दन को घिस कर आप तिलक कर लें और उस स्त्री के सामने तुरंत उपस्थित हो जाएं तो आप पाएंगे की आप उसे वशीभूत करने में कामयाब हुए हैं और आपके कार्य में आपको सफलता मिल गयी है। आप अब उस स्त्री को अपनी ओर खिंचता पाएंगे और उसे मोहित कर उसके साथ अपना समय व्यतीत कर पाएंगे। अगर आपको पहले दिक्कतें होती थीं तो अब आप आसानी से लोगों को प्रभावित कर पाएंगे और अपने काम में समृद्धि पाएंगे।अगर आप सूर्य ग्रहण को आने में दूर पा रहे हैं और उसकी जगह कोई और अच्छा तरीक़ा ढूंढ रहे हैं तो फिर ऐसा करें की राइ और प्रियंगु को ह्रीं मंत्र से अभिमंत्रित कर दें, अब इसे ले जाकर उस स्त्री पर डाल दें जिस आप वश में करना चाहते हैं तो आपका काम अब भी उतनी ही अच्छी तरह से हो जायेगा जैसा पिछले उपाय के हिसाब से हो रहा था। आपले कार्य में आपको सफलता अवश्य मिलेगी और यह उपाय तो पिछले उपाय से काफी ज़्यादा आसान भी है करने में तो आप इसे करने में भी देरी नहीं करेंगे।इस तरह आज हमने आपके समक्ष आज कई ऐसे टोन टोटके रखे और जीवन व्यतीत करने की शैली बताई जिससे आप वशीकरण उपाय कर पाएंगे। सिर्फ पुराने ज़माने के तरीकों को आज बयान कर देने से बात नहीं बनती, समय के साथ मनुष्य जीवन बदलता जा रहा है और परिस्थितयों में परिवर्तन के साथ अध्यात्म में भी परिवर्तन आना स्वाभाविक है। इसलिए आप हमारे द्वारा बताये हुए नुस्खों को अनायें और सफल जीवन का लाभ उठाएं

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

देवी महाकली के खतरनाक मौत के मंत्र - काली का खारनाकक मारन प्रार्थना

देवी महाकली के खतरनाक मौत के मंत्र    - काली का खारनाकक मारन प्रार्थना यह देवी महाकाली से संबंधित मौत मंत्र का खतरनाक रूप है  देवी महाकली इस चरण में वांछित काम करते हैं।  इस मंत्र के परिणामस्वरूप देवी इस मारन प्रार्थना को पूरा करेंगे। देवी महाकाली के खतरनाक मौत के मंत्र - ओम चाँदलीनी कामखन वासनी वैन डरगे क्लिन क्लिन था: गु: स्वाहा: खतरनाक मृत्यु मंत्र देवी महाकाली के अनुष्ठान - सबसे पहले हमें 11000 बार मंत्र जप से मंत्र की इस शक्ति को सक्रिय करने की आवश्यकता है  फिर जब गोवर्चन और कुम कुम के साथ भोजपतराह पर नीचे बखूबी रेखा लिखने का उपयोग करने की आवश्यकता होती है।  रेखा है - 'स्वाहा मेर्य्य हुन अमुक्कन (शत्रु का नाम यहाँ) ह्रीम फाट स्वाहा |  अब इसके बाद के मंत्र के साथ बाहर निकलते हैं और गर्दन में पहनते हैं, कुछ दिनों में दुश्मन की समय सीमा समाप्त हो जाएगी और देर हो जाएगी देवी महाकाली के खतरनाक मौत की घंटी हिन्दि संस्करण में - काली का  खारनाकक  मारन  प्रैयोग  -  खतरनाक  मारन  प्रयोग   ।  मंत्र  ।   चाण्डालिनी   कामाख्या  वासिनी  वन  दुर्गे  क्

स्तंभन तंत्र प्रयोग:

स्तंभन तंत्र प्रयोग: स्तंभन क्रिया का सीधा प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। बुद्धि को जड़, निष्क्रय एवं हत्प्रभ करके व्यक्ति को विवेक शून्य, वैचारिक रूप से पंगु बनाकर उसके क्रिया-कलाप को रोक देना स्तंभन कर्म की प्रमुख प्रतिक्रिया है। इसका प्रभाव मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर पर भी पड़ता है। स्तंभन के कुछ अन्य प्रयोग भी होते हैं। जैसे-जल स्तंभन, अग्नि स्तंभन, वायु स्तंभन, प्रहार स्तंभन, अस्त्र स्तंभन, गति स्तंभन, वाक् स्तंभन और क्रिया स्तंभन आदि। त्रेतायुग के महान् पराक्रमी और अजेय-योद्धा हनुमानजी इन सभी क्रियाओं के ज्ञाता थे। तंत्र शास्त्रियों का मत है कि स्तंभन क्रिया से वायु के प्रचंड वेग को भी स्थिर किया जा सकता है। शत्रु, अग्नि, आंधी व तूफान आदि को इससे निष्क्रिय बनाया जा सकता है। इस क्रिया का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए तथा समाज हितार्थ उपयोग में लेना चाहिए। अग्नि स्तंभन का मंत्र निम्न है। ।। ॐ नमो अग्निरुपाय मम् शरीरे स्तंभन कुरु कुरु स्वाहा ।। इस मंत्र के दस हजार जप करने से सिद्धि होती है तथा एक सौ आठ जप करने से प्रयोग सिद्ध होता है। स्तंभन से संबंधित कुछ प्रयोग निम्नलिखित है: 1.

बगलामुखी शत्रु विनाशक मारण मंत्र

शत्रु विनाशक बगलामुखी मारण मंत्र मनुष्य का जिंदगी में कभी ना कभी, किसी न किसी रूप में शत्रु से पाला पड़ ही जाता है। यह शत्रु प्रत्यक्ष भी हो सकता है और परोक्ष भी। ऐसे शत्रुओं से बचने के लिए विभिन्न साधनों में एक अति महत्वपूर्ण साधना है मां बगलामुखी की साधना। देवी मां के विभिन्न शक्ति रूपों में से मां बगलामुखी आठवीं शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसकी कृपा से विभिन्न कठिनाइयों और शत्रु से निजात पाया जा सकता है। कोई भी शत्रु चाहे वह जितना ही बलवान और ताकतवर हो अथवा छुपा हुआ हो, मां बगलामुखी के सामने उसकी ताकत की एक भी नहीं चल सकती। बगलामुखी शत्रु नाशक मंत्र की सहायता से शत्रु को पल भर में धराशाई किया जा सकता है, यह मंत्र है- ( १)  “ओम् हलीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशाय हलीं ओम् स्वाहा।” इस मंत्र साधना के पहले मां बगलामुखी को लकड़ी की एक चौकी पर अपने सामने स्थापित कर धूप दीप से उनकी पूजा-अर्चना करें। तत्पश्चात दिए गए मंत्र का प्रतिदिन एक हजार बार जाप करते हुए दस दिनों तक दस हजार जाप करें। नवरात्रा के दिनों में मंत्र जाप प्रारंभ करें और जाप