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प्याज के रस से कैसे करे वशीकरण मंत्र टोटका

प्याज से वशीकरण- कोई भी साधक जाने यहां पर कि प्याज से वशीकरण कैसे करें ? हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में रसोई घर में आसानी से उपलब्ध इस चीज का प्रयोग हम अपने खाद्य पदार्थों का स्वाद बनाने के अलावा किसी को वशीकरण करने के लिए भी कर सकते हैं और प्याज से किया गया वशीकरण काफी प्रभावशाली होता है। तो चलिए, आप को भी अवगत करा दें प्याज से वशीकरण कैसे करें के टोटके मंत्र और उपाय से। यह है-१)  “ओम् पवित्रे समागमे सज्जनातारणाय वो नमो नमो अमुक शष्प्याय च फेन्याय च नमः” इस मंत्र का प्रयोग करें प्याज से वशीकरण करने के लिए। इसके लिए सबसे पहले आपको एक गिलास पानी, छोटा प्याज, एक नोकीली चीज नाम लिखने के लिए और लाल कागज की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले प्याज छिल कर उसे पानी में डाले और इस पानी को आप आंच में चढ़ा दे। जब पानी पूरा खौल जाए और प्याज का रस उसमें अच्छी तरह से मिल जाए तो उसे उतार कर छान ले व प्याज को बाहर फेंक दे। जब यह पानी यानि प्याज का रस ठंडा हो जाए तब आप एक नुकीली चीज से कागज पर उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं। फिर उस कागज को लेकर किसी बीच चौराहे पर जाएं और अपने बाएं हाथ में पकड़कर ऊपर दिए गए मंत्र का १०३ बार उच्चारण करें। मंत्र में अमुक के स्थान पर सम्बंधित व्यक्ति का नाम ले। अब इस कागज को समेट कर चौराहे के बीच में रख दे। अब जो कोई भी इस कागज को लघेंगा तो इस कागज पर लिखे हुए नाम के व्यक्ति पर वशीकरण का प्रभाव पैदा हो जाएगा और वह आपके वश में आ जाएगा।
इस मंत्र को आप इस तरह भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक नींबू और प्याज लेना पड़ेगा। निंबू को काट ले व इसका रस एक बर्तन में डाल दे। अब उसके  ऊपर प्याज कटे। नींबू के रस में डाल दे प्याज के छिलके को। इसे  सात-आठ मिनट वहीं रहने दे। आप पाएंगे कि प्याज के छिलके का रंग बदलने लगा है। इस वक्त आप ऊपर दिया जाए मंत्र का २१ बार जाप करें। आप देखेंगे कि आधे घंटे के अंदर ही इस मंत्र का प्रभाव जिसे आप वश में करना चाहते हैं उसके ऊपर पड़ने लगेगा।२) अपने रूठे हुए पति या पत्नी को वश में करने के लिए एक देसी टोटका और प्याज वशीकरण मंत्र आपके लिए पेश है। सबसे पहले एक छोटा प्याज, हल्दी पाउडर लगभग एक चुटकी, कलेवा या लाल धागा, गाय का घी अल्प मात्रा में  इत्यादि समान एकत्रित करें। अब जब आपको यह क्रिया प्रारंभ करनी है तो उस वक्त एक आसन पर बैठकर प्याज को बीचो बीच से काटे। बीच के कटे हुए दोनों भाग में स्वास्तिक बनाएं और स्वस्तिक के ऊपर वाले स्थान पर यह मंत्र लिखें। मंत्र है – “ओम् पति/पत्नी वश्यम् स्वाहा” । स्वास्तिक के लिए आप गाय के घी में हल्दी मिलाकर लेप तैयार करें। इसे ही स्वस्तिक और मंत्र में प्रयोग करे। अब प्याज के दोनों टुकड़ो को आपस में मिला दे ठीक उसी तरह जिस तरह यह काटने के पहले था। इसे कलेवा से अच्छी तरह बांध दे। इस वक्त ऊपर दिए गए मंत्र का उच्चारण करते रहे। अब इस प्याज का अर्क या प्याज का टुकड़ा वश में करने वाले पत/पत्नी को खिला दे।३) “ओम नमः श्वभ्य: श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय च रुद्राय च नमः (जिसे वश में करना है उस व्यक्ति का नाम ले) शर्वाय च पशुपतये च नमो नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च” इस मंत्र को प्रयोग में लाने के लिए सबसे पहले आप एक प्याज को कलावा से बांध दे। आप इस के बीचो-बीच दो इलायची और दो लवंग गाड़ दे, प्याज को काटना नहीं है। अगर लौंग-इलाइची ठीक से ना गड़े तो किसी नुकीली चीज से प्याज को खोदकर इन्हें अच्छी तरह से दबा दें। अब आप किसी सुनसान स्थान पर जाएं। कुछ सूखी लकड़ियां (आम की हो तो अति उत्तम) इकट्ठा कर जला दे। जलती हुई लड़कियों के ऊपर लौंग-इलाइची  वाला प्याज रख दे। इस वक्त आप ऊपर दिए गए मंत्र का १९७ बार जाप करें। मंत्र समाप्ति और प्याज के जलने के बाद उसके ऊपर मिट्टी डाल कर इसे ढक दे। अब वापस घर आ जाएं और स्नान कर ले। ध्यान रहे, इस क्रिया को करते वक्त किसी की आप पर नजर ना पड़े और घर लौटते वक्त वापस पीछे मुड़कर ना देखें।  प्याज वशीकरण के इस टोटके का तीन दिन के अंदर आपको प्रभाव देखने को मिल जाएगा।४)  एक छोटा प्याज, लाल सिंदूर, कलावा, लकड़ी का पतला और थोड़ा सा लंबा टुकड़ा, नमक की पाँच छोटी डली आदि सामग्री बजार से खरीद ले। प्याज को बीच से काट ले। कटे हुए दोनों भागों पर सिंदूर से जिसे वश में करना है उसका नाम लिख दे। इन दोनों भागों को वापस मिला कर कलावा से अच्छी तरह बांध दे। इसके ऊपर बीचोबीच लकड़ी का टुकड़ा गाड़ दें। किसी सुनसान स्थान पर जाएं। मिट्टी खोदकर प्याज रख दे। उसके ऊपर नमक की पाँचो डली रखे और मंत्र का जाप करें १०८ बार। हर मंत्रोच्चारण के बाद सम्बन्धित व्यक्ति का स्मरण करे। मंत्र समाप्त होने के बाद प्याज और नमक के ऊपर मिट्टी डालकर वापस घर आ जाए। मंत्र में अमुक के स्थान पर वश में करने वाले का नाम ले। मंत्र है– “ओम् ह्रीं ध्रींं वश्याम् अमुक फट् स्वाहा”।

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